संवाददाता
मुंबई। महाराष्ट्र में लोकसभा चुनाव को लेकर NDA में शामिल घटक दलों के बीच सीट शेयरिंग अभी नहीं हुई है, इससे पहले बड़े उलटफेर के संकेत मिल रहे हैं. जी हां, लोकसभा चुनाव से पहले उद्धव ठाकरे के गुट वाली शिवसेना बीजेपी के संपर्क में बताई जा रही है. सूत्रों के मुताबिक फिर से बीजेपी के गठबंधन में शामिल होने के लिए शिवसेना का ठाकरे गुट सक्रिय हो चुका है. इससे कांग्रेस के नेतृत्व वाले इंडिया अलायंस को झटका लग सकता है. पहले ही उसके यूपी, बिहार में कई सहयोगी भाजपा के साथ जा चुके हैं. दूसरा झटका महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को भी महसूस हो सकता है.
महाराष्ट्र में कुछ महीने पहले उद्धव ठाकरे ने कांग्रेस और एनसीपी के समर्थन से सरकार चलाई थी. बाद में एनसीपी और शिवसेना दोनों पार्टियों में फूट हो गई. उद्धव ठाकरे और शरद पवार अपनी-अपनी पार्टियों में अलग-थलग पड़ गए. अब अगर उद्धव की तरफ से ऐसी कोशिशें हो रही हैं तो राज्य की महाविकास अघाड़ी में भूकंप आ सकता है. माना जा रहा है कि उद्धव ठाकरे यूटर्न लेकर बाजी पलटने का मूड बना चुके हैं.
ठाकरे समूह के नेता आदित्य ठाकरे और रश्मि उद्धव ठाकरे ने हाल ही में दिल्ली आकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी. शिंदे गुट वाली शिवसेना के प्रवक्ता और कैबिनेट मंत्री दीपक केसरकर ने दावा किया है कि कुछ मीडिया ने ऐसी खबर छापी है.
शिंदे का क्या होगा?
लोकसभा चुनाव से पहले इस तरह की उलटफेर अहम है क्योंकि अगर शिवसेना ठाकरे समूह एक बार फिर NDA में शामिल होता है, तो राज्य में राजनीतिक समीकरण बदल जाएंगे. सबसे बड़ी चिंता मौजूदा सीएम एकनाथ शिंदे को होगी क्योंकि उन्होंने ही शिवसेना तोड़कर नई पार्टी बनाई थी. सवाल उठ रहे हैं कि अगर शिवसेना का ठाकरे गुट बीजेपी में शामिल होता है तो मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे वाली शिवसेना की क्या भूमिका होगी? क्या दोनों शिवसेना का मर्जर होगा या फिर महाराष्ट्र में कोई नया खेला होगा?
उधर, वंचित बहुजन आघाडी के अध्यक्ष प्रकाश आंबेडकर ने महाविकास अघाड़ी में शामिल ठाकरे गुट से कई सवाल पूछे हैं. रिपोर्ट के मुताबिक उन्होंने पत्र लिखकर उद्धव सेना और पवार की एनसीपी से कहा है कि वे गारंटी दें कि चुनाव के बाद वे एनडीए में नहीं जाएंगे.
महाराष्ट्र में 48 लोकसभा सीटें
अटकलें लगाई जा रही हैं कि एनडीए में सीट शेयरिंग के बीच महाराष्ट्र की सियासत में बड़ा शिफ्ट देखने को मिल सकता है. राज्य में लोकसभा की 48 सीटें हैं. एनडीए के भीतर से यह बात निकलकर सामने आ रही है कि कुछ लोकसभा सीटों पर अदला-बदली हो सकती है. सीट शेयरिंग को लेकर टेंशन तो बीजेपी को भी है.
उधर, शरद पवार और उद्धव ठाकरे की राजनीति पर संकट के बादल छा गए हैं. उनकी पार्टी और चुनाव चिन्ह सब छिन गया है. इस बीच, शिंदे गुट ने दावा किया है कि उद्धव और शरद पवार अपने परिवार के बारे में सोच रहे हैं.
भाजपा के दोनों हाथों में लड्डू
अटकलें अगर सच साबित हुईं तो उद्धव ठाकरे के वापस एनडीए में आने के बाद दोनों शिवसेना गुट का मर्जर हो सकता है. यह भी संभव है कि भाजपा के कहने पर उद्धव ठाकरे पार्टी चलाएं और फिलहाल के लिए सीएम पद पर एकनाथ शिंदे बने रहे क्योंकि अगर ऐसा नहीं हुआ तो शायद मर्जर संभव न हो. अगले 1-2 दिन में महाराष्ट्र की स्थिति और स्पष्ट हो सकती है.
भाजपा के लिए दोनों हाथों में लड्डू वाली स्थिति है. हां, उद्धव ठाकरे के एनडीए में आने से भाजपा को राहत मिलेगी क्योंकि अभी दोनों सहयोगी दल अजीत पवार की एनसीपी और शिंदे की शिवसेना ज्यादा सीटें मांग रही हैं. उद्धव के आने के बाद दोनों सहयोगियों की बार्गेनिंग पावर घट जाएगी.