संवाददाता
नई दिल्ली । केंद्र सरकार के साथ बातचीत विफल रहने पर किसानों ने बुधवार को दिल्ली कूच का ऐलान किया है। सुरक्षाकर्मियों और प्रदर्शनकारी किसानों के बीच गतिरोध का असर दिल्ली-एनसीआर के ट्रैफिक पर पड़ सकता है। किसान फिलहाल पंजाब और हरियाणा की शंभू बॉर्डर पर हैं। उनके दिल्ली मार्च को लेकर पुलिस एक्शन मोड में है। सुरक्षा के चाक चौबंद बंदोबस्त किए गए। पुलिस की कोशिश किसी भी हाल में उन्हें राजधानी नहीं आने देने की है। इसलिए बैरिकेडिंग लगाकर चेकिंग की जा रही है। इसी बीच यूपी गेट पर आज सुबह से ही जाम लगना शुरू हो गया है।
पिछले हफ्ते भारी पुलिसबल की तैनाती के कारण शंभू बॉर्डर पार करने में विफल रहने के बाद, प्रदर्शनकारी किसान मंगलवार को भारी मशीनरी ले आए- जिसमें खुदाई करने वाली मशीनें और जेसीबी शामिल हैं। इन मशीनों के चालक केबिनों को रबर की गोलियों और बंदूक के छर्रों के प्रभाव को झेलने के लिए मॉडिफाई किया गया है। कई किसानों ने हजारों दंगा-रोधी ढालें भी तैयार की हैं। इसके अलावा आंसू गैस के गोले के प्रभाव को कम करने के लिए गैस मास्क का प्रबंध किया है।
वहीं दूसरी तरफ पुलिस ने किसानों को रोकने के लिए भारी सामग्री से भरे शिपिंग कंटेनरों को तैनात किया है। 23 फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) सहित सरकार से कई मांगों को लेकर हजारों किसान 13 फरवरी से शंभू बॉर्डर पर डटे हुए हैं। किसान मजदूर मोर्चा के समन्वयक और किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने संवाददाताओं से कहा, ’21 फरवरी को, हम शांतिपूर्वक दिल्ली की ओर अपना मार्च शुरू करेंगे। हम केंद्र से वार्ता करके हमारे मागों का हाल निकालने या बैरिकेड हटाकर हमें दिल्ली तक मार्च करने की अनुमति देने की अपील करते हैं।
राजधानी में दिल्ली पुलिस ने मंगलवार को तीन मुख्य बॉर्डर- सिंघु, टिकरी और गाजीपुर के अलावा हरियाणा और उत्तर प्रदेश से लगती उन सभी छोटी सीमाओं पर सुरक्षा बढ़ा दी, जहां से किसान राजधानी में प्रवेश करने की कोशिश कर सकते हैं। दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी ने कहा, ‘पिछले कुछ दिनों से जब बातचीत चल रही थी, सीमाओं पर कर्मियों की तैनाती कम कर दी गई थी, जबकि बैरिकेड्स, डंपर और कंटेनर जैसे फिक्स्चर हटाए नहीं गए थे। बुधवार को फिर से सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया जा रहा है और सभी इकाइयां अलर्ट पर रहेंगी।
एनसीआर में सुरक्षा के सख्त पहरे में दिल्ली, छोटी सड़कों पर भी पुलिसकर्मी तैनात; किसानों के सामने किलेबंदी
राजधानी के सीमावर्ती इलाकों पर पूरी चौकसी के साथ सीमा से जुड़े अंदरुनी इलाके की छोटी कनेक्टिंग सड़कों पर भी सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए गए हैं। जिन छोटी सड़कों से पहले आवाजाही बिल्कुल आसान थी, अब वहां भी पिकेट लगाकर सुरक्षाकर्मियों की तैनाती कर दी गई है। इन इलाकों में पिकेट लगाने के कारण लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
यूपी की सीमा से सटे गाजीपुर और चिल्ला बॉर्डर पर तो बेरिकेडिंग थी ही, लेकिन विवेक विहार और सीमापुरी के अंदरुनी इलाके की सड़कों पर भी पिकेट लगाए गए हैं। भोपुरा, अप्सरा बॉर्डर से सटी सड़कों पर भी दिल्ली पुलिस के साथ अर्धसैनिक बलों के जवान तैनात रहे। क्रेन, वज्र वाहन और वाटर केनन को अलर्ट पर रखा गया है।
करीब दो दर्जन मार्गों पर चौकसी
पिछले तीन दिनों से एक-एक कर यूपी और हरियाणा की सीमा से लगी सड़कों की सुरक्षा को चौबंद बनाने का काम चल रहा है। एक-दो लेयर की सुरक्षा को कई स्तर में तब्दील कर दिया गया है। इन इलाकों के अंदर की सड़कों पर भी पुलिस पिकेट लगाकर नजर रख रही है। जो लोग समय बचाने और भीड़ से बचने के लिए इन छोटे रास्तों का इस्तेमाल करते थे, उनके लिए भी अब परेशानी होने लगी है।
सभी रेलवे स्टेशनों पर विशेष निगरानी
दिल्ली पुलिस को सूचना मिली है कि अलग-अलग दिशा से किसान रेलगाड़ियों के माध्यम से भी दिल्ली पहुंच सकते हैं। इसे ध्यान में रखते हुए दिल्ली के सभी स्टेशनों पर पुलिस 200 से ज्यादा से से आने वाले यात्रियों की जांच कर रही है। रेलवे सूत्रों के अनुसार, खुफिया इकाई से जानकारी मिली है कि पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और कर्नाटक से किसान आधा दर्जन रेलगाड़ियों से दिल्ली आ सकते हैं। खासतौर से कर्नाटक संपर्क क्रांति एक्सप्रेस, कर्नाटक एक्सप्रेस, स्वर्ण जयंती एक्सप्रेस, अयोध्या एक्सप्रेस आदि में सवार होकर किसान दिल्ली पहुंच सकते हैं। इसे ध्यान में रखते हुए रेलवे पुलिस द्वारा नई दिल्ली, निजामुद्दीन, आनंद विहार, पुरानी दिल्ली और सब्जी मंडी रेलवे स्टेशन पर विशेष जांच अभियान चलाया जा रहा है।