विशेष संवाददाता
नई दिल्ली। चुनावी बॉन्ड स्कीम को सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दिया है। इस स्कीम के जरिए राजनीतिक दलों को व्यक्तिगत और संस्थाओं से चंदा मिल रहा था। इस फैसले से सबसे बड़ा झटका भाजपा को लगा है, जिसे सबसे अधिक चंदा मिल रहा था। अदालत का कहना है कि अप्रैल, 2019 से लागू इस योजना के तहत किस दल को कितना चंदा मिला है, यह जानकारी चुनाव आयोग को देनी होगी। फिर चुनाव आयोग को इस सूची को वेबसाइट पर डालना होगा। लोकसभा चुनाव से ठीक दो महीने पहले आए इस फैसले से केंद्र की सत्ता में बैठी भाजपा समेत सभी राजनीतिक दलों को करारा झटका लगा है।
आइए जानतें हैं, अदालत ने चुनावी बॉन्ड पर फैसले में क्या 5 बड़ी बातें कहीं…
- यह इलेक्टोरल बॉन्ड स्कीम असंवैधानिक हैं। इसमें सूचना के अधिकार के नियम का उल्लंघन है। आम लोगो को यह तो पता ही होना चाहिए कि वे जिन दलों को वोट दे रहे हैं, उन्हें किससे कितना चंदा मिल रहा है। उनकी फंडिंग की व्यवस्था क्या है।
- अदालत ने कहा कि यह स्कीम काले धन की समस्या का समाधान नहीं करती। इसमें बॉन्ड खरीदने वाले के नाम ही उजागर नहीं होते। यह आम लोगों को पता होना चाहिए। ऐसा न होना सूचना के अधिकार का उल्लंघन है। चुनावी साल में केंद्र सरकार को SC का झटका, इलेक्टोरल बॉन्ड पर लगी रोक
- कोर्ट ने चुनाव आयोग की भी सुनवाई के दौरान खिंचाई की। अदालत ने कहा कि आप चुनावी प्रक्रिया पूरी कराने वाली एजेंसी हैं। यदि आपको ही पता नहीं होगा कि चुनाव में राजनीतिक दलों को कहां से कितना पैसा मिला तो फिर कैसे पारदर्शिता आएगी। यह कहते हुए कोर्ट ने बैंक को आदेश दिया है कि वह इलेक्शन कमिशन को बॉन्ड खरीदने वालों की जानकारी दे। फिर आयोग उस जानकारी को अपनी वेबसाइट पर शेयर करे।
- अदालत ने हालांकि यह भी कहा कि राजनीतिक दलों की फंडिंग की किसी और व्यवस्था पर विचार करना होगा। ऐसी योजना के बारे में सोचना होगा, जिससे पारदर्शिता आए और दलों को फंडिंग भी मिल सके।
- कोर्ट ने चुनावी बॉन्ड को पूरी तरह असंवैधानिक करार दिया। इसके साथ ही कंपनीज ऐक्ट और जनप्रतिनिधित्व कानून में किए गए संशोधन भी अब रद्द हो गए हैं।
कांग्रेस ने किया फैसले का स्वागत
कांग्रेस ने गुरुवार को चुनावी बांड योजना को रद्द करने वाले सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया और कहा कि यह नोटों पर वोट की शक्ति को मजबूत करेगा. उन्होंने कहा, लंबे समय से प्रतीक्षित फैसला बेहद स्वागत योग्य है और यह नोटों पर वोट की ताकत को मजबूत करेगा. पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि चुनावी बॉन्ड योजना की लॉन्चिंग के दिन कांग्रेस पार्टी ने इसे अपारदर्शी और अलोकतांत्रिक बताया था. इसके बाद कांग्रेस पार्टी ने अपने 2019 के घोषणापत्र में मोदी सरकार की संदिग्ध योजना को खत्म करने का वादा किया. हम आज सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हैं, जिसने मोदी सरकार की इस ‘काला धन रूपांतरण’ योजना को “असंवैधानिक” बताते हुए रद्द कर दिया है.