साल में तीन लोगों को दिया जाता है मोदी सरकार ने इस साल क्यों दिया 5 लोगों को भारत रत्न
विशेष संवाददाता
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने पूर्व पीएम नरसिम्हा राव, चौधरी चरण सिंह और वैज्ञानिक एमएस स्वामीनाथन को भारत रत्न देने का ऐलान किया है. इससे पहले लालकृष्ण आडवाणी को भी भारत रत्न देने की घोषणा की गई थी. इन सबको मिलाकर इस साल 2024 में पांच लोगों को भारत रत्न मिला है. वहीं 2023 में किसी को भी भारत रत्न नहीं दिया गया था.
साल 2023 में भारत रत्न नहीं दिए जाने के कारण इस साल यानी 2024 में पिछले साल का बैकलॉग क्लियर किया है. दूसरे शब्दों में कहें तो पिछले साल किसी को यह सम्मान नहीं दिए जाने के कारण इस साल यह सम्मान दिया गया है. इसी कारण एक साल में अब तक पांच लोगों को भारत रत्न से सम्मानित किया गया है.
बता दें कि यह पुरस्कार न केवल इन्हें प्राप्त करने वाले लोगों के लिए, बल्कि पूरे देश के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं. यह उन लोगों को दिया जाता है जिन्होंने उत्कृष्ट योगदान दिया है जिसका भारत की प्रगति और विकास पर स्थायी प्रभाव पड़ा है. भारत रत्न देने की परंपरा देश के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद ने 2 जनवरी 1954 से शुरू की थी. शुरुआत में ये सम्मान साहित्य, कला, विज्ञान और सामाजिक क्षेत्र में किसी शख्सियत के उसके विशिष्ट योगदान के लिए दी जाती थी. बाद में इसका दायरा बढ़ा दिया गया.
इन्हें दिया गया पहला भारत रत्नभारत रत्न के पहले प्राप्तकर्ता डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन थे, जिन्हें एक दार्शनिक, राजनेता और अकादमिक के रूप में उनकी विशिष्ट सेवाओं के लिए 1954 में यह प्रतिष्ठित पुरस्कार मिला था. भारत रत्न पुरस्कार उन लोगों के लिए राष्ट्रीय मान्यता के प्रतीक के रूप में कार्य करता है जिन्होंने देश की प्रगति और कल्याण में महत्वपूर्ण योगदान दिया है.
भारत रत्न में क्या-क्या होता है?
भारत रत्न सम्मान में एक पदक और प्रशस्ति पत्र दिया जाता है। इस प्रशस्ति पत्र पर भारत के राष्ट्रपति के हस्ताक्षर होते हैं. इसके साथ उसे तांबा धातु से बना करीब 5.8 सेमी लंबा और 4.7 सेमी चौथा और 3.1 मिमी मोटाई का पीपल की पत्ती के आकार का एक पदक दिया जाता है. इस पर चमकते हुए सूर्य की कलाकृति बनी होती है और नीचे हिंदी भाषा में ‘भारत रत्न’ लिखा होता है. भारत रत्न मिलने पर क्या-क्या सुविधाएं मिलती हैं?भारत रत्न में कोई रकम नहीं दी जाती, बल्कि कई प्रकार की सुविधाएं दी जाती हैं. भारत रत्न से सम्मानित व्यक्ति जिस भी राज्य में जाता है, वहां की सरकार उनका स्वागत राज्य के अतिथि के रूप में करती है. उन्हें परिवहन, बोर्डिंग और राज्य में ठहरने की सुविधा दी जाती है। नियम के आधार पर विस्तारित सुरक्षा भी दी जाती है. इसके अलावा उन्हें अहम सरकारी कार्यकर्मों में शामिल होने के न्योता भी मिलता है। वे संसद की बैठकों में भी शामिल हो सकते हैं।
इस सम्मान को अपने नाम से पहले या बाद में जोड़ा नहीं जा सकता है.
हालांकि, इसे पाने वाले अपने बायोडेटा, लेटरहेड या विजिटिंग कार्ड आदि पर ‘राष्ट्रपति द्वारा भारत रत्न से सम्मानित’ या ‘भारत रत्न पुरस्कार प्राप्तकर्ता’ लिख सकते हैं।भारत रत्न पाने वाले के परिवार के लिए सुविधाओं को लेकर अभी तक किसी भी तरह के लिखित निर्देश नहीं हैं। हालांकि, यह सम्मान पाने वाले व्यक्ति के परिवार (जैसे पति/पत्नी और बच्चे) को भी राज्य सरकार अतिथि वाली सुविधाएं देती हैं। उन्हें व्यक्तिगत स्टाफ और ड्राइवर दिए जाते हैं।