सुनील वर्मा
लखनऊ । उत्तर प्रदेश के डीजीपी विजय कुमार बुधवार 31 जनवरी को सेवानिवृत्त हो गए। इसके बाद राज्य सरकार ने प्रदेश में लगातार चौथे कार्यवाहक डीजीपी के लिए डीजी प्रशांत कुमार की नियुक्ति का ऐलान कर दिया हैं। हालांकि डीजीपी की रेस में डीजी सीबीसीआईडी आनंद कुमार, डीजी कारागार एसएन साबंत, डीजी भर्ती बोर्ड रेणुका मिश्रा और डीजी कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार का नाम रेस में था। बता दें कि इससे पहले डीएस चौहान, आरके विश्वकर्मा और विजय कुमार को लगातार कार्यवाहक डीजीपी बनाया जा चुका है। बीते 21 माह से प्रदेश पुलिस को कार्यवाहक डीजीपी से काम चलाना पड़ रहा है। अब प्रशांत कुमार प्रदेश के चौथे कार्यवाहक डीजीपी होंगे। डीजीपी नियुक्त होंने के बाद प्रशांत कुमार ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भेंट की है ।
आज डीजीपी विजय कुमार और डीजी मानवाधिकार एसके माथुर सेवानिवृत्त हो गए। विजय कुमार विजिलेंस के डीजी भी हैं, लिहाजा उनके सेवानिवृत्त होने के बाद अब विजिलेंस को भी नया मुखिया मिलेगा। वहीं एडीजी कानून-व्यवस्था के पद पर भी नये अफसर की तैनाती होगी जहां प्रशांत कुमार तैनात रहे। वैसे माना जा रहा है कि अब कई आईपीएस अधिकारियों का तबादला होना तय है।
नहीं भेजा गया प्रस्ताव
सूत्रों के मुताबिक राज्य सरकार ने संघ लोक सेवा आयोग को पूर्णकालिक डीजीपी के चयन का प्रस्ताव नहीं भेजा है, जिसकी वजह से एक बार फिर कार्यवाहक डीजीपी बनाए जाने के आसार थे। सरकार ने अपने पसंदीदा अफसर प्रशांत कुमार को कार्यवाहक डीजीपी बना दिया है, जिनके नेतृत्व में लोकसभा चुनाव संपन्न होगा। इस समीकरण में वरिष्ठता सूची में 19वें स्थान पर आने वाले डीजी कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार का पलड़ा पहले से भारी माना जा रहा था। हालांकि मुकुल गोयल के बाद आनंद कुमार सबसे वरिष्ठ थे लेकिन ये यूपी है जहां वरिष्ठता नहीं सरकार की पसंद को योग्यता मामना जाता है।