विशेष संवाददाता
नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव में केंद्र की नरेन्द्र मोदी सरकार को चुनावी शिकस्त देने का सपना देख रहे विपक्षी आईएनडीआईए में सीट बंटवारे को लेकर घमासान मचा हुआ है। आईएनडीआईए में शामिल तृणमूल कांग्रेस खफा नजर आ रही है, लेकिन कांग्रेस डैमेज कंट्रोल करने में जुटी हुई है, लेकिन तृणमूल सीट शेयरिंग फॉर्मूले पर सहमति न बनने के पीछे महज एक नेता को जिम्मेदार ठहरा रही है। दरअसल, यह वही नेता है, जो गांधी परिवार का बेहद करीबी माना जाता है। बात हो रही है लोकसभा में विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी की।
हाल ही में ममता बनर्जी के ‘एकला चलो’ की घोषणा से लगे झटके के बावजूद कांग्रेस को उम्मीद है कि तृणमूल के साथ बात बन सकती है। सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे सीट बंटवारे की चुनौतियों को लेकर ममता बनर्जी से सीधे बात करेंगे।
तृणमूल नेता डेरेक ओ ब्रायन ने गुरुवार को कांग्रेस और उनकी पार्टी के बीच मनमुटाव के लिए अधीर रंजन चौधरी को जिम्मेदार ठहराया। समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, आईएनडीआईए के दो ही मुख्य आलोचक हैं- भाजपा और अधीर रंजन। अधीर रंजन भाजपा की भाषा बोलते हैं। बंगाल में गठबंधन नहीं चल पाने के पीछे की तीन मुख्य वजह हैं:- अधीर रंजन, अधीर रंजन, अधीर रंजन।
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ममता के एकला चलो की राह वाले बयान को लेकर सधी हुई प्रतिक्रिया दी। उन्होंने तृणमूल को विपक्षी गठबंधन का मजबूत स्तंभ बताया। उन्होंने कहा, आईएनडीआईए 28 पार्टियों का गठबंधन है और तृणमूल इसका महत्वपूर्ण स्तंभ है। ममता बनर्जी देश की बड़ी अनुभवी, ऊर्जावान और जिम्मेदार नेता हैं। हम उनका पूरा सम्मान और आदर करते हैं। हमारा नेतृत्व- मल्लिकार्जुन खरगे, सोनिया गांधी और राहुल गांधी सभी ममता बनर्जी के प्रति सम्मान और आदर रखते हैं और सभी जानते हैं कि देश की राजनीति में ममता बनर्जी का एक विशेष स्थान और पहचान है। उन्होंने कहा कि मुझे पूरा विश्वास है कि ममता बनर्जी भाजपा को हराना चाहती हैं और हम भी यही चाहते हैं। हम एक होकर लड़ेंगे और आईएनडीआईए को सफल बनाएंगे। यही हमारा कर्तव्य है और धर्म है।