संवाददाता
नई दिल्ली । अपराध शाखा की पश्चिमी रेंज-II टीम ने हत्या के प्रयास मामलों में वांछित कुख्यात घोषित अपराधी को गिरफ्तार किया है। आरोपी को 10 अलग –अलग थानों में दर्ज अपराधिक मामलों में वांछित घोषित किया गया था। अपनी गिरफ्तारी से बचने के लिए आरोपी पिछले 4 वर्षों से फरार था और लगातार अपने ठिकाने बदल रहा था। वह पूर्व में 30 आपराधिक मामलों में लिप्त रहा है।
डीसीपी क्राइम सतीश कुमार ने बताया कि एसीपी यशपाल सिंह की देखरेख में व इंसपेक्टर पवन सिंह के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया गया। जिसमे उप-निरीक्षक अनुज, रविंद्र सिंह, विशाल गुप्ता, सहायक उप-निरीक्षक रविंदर, मोहन बिष्ट, प्रधान सिपाही रविंदर, अश्विनी, पवन यादव, पवन हुड्डा, सोहित और सिपाही मनोज शामिल थे।
आरोपी की पहचान प्रथम आनंद उर्फ तुषार के रूप में हुई है। उसे जिरकपुर, चंडीगढ़ से गिरफ्तार किया गया था। आरोपी थाना महिंद्रा पार्क और स्पेशल सेल, दिल्ली पुलिस के सनसनीखेज हत्या के प्रयास मामलों में वांछित था।
सहायक उप-निरीक्षक रविंदर को गुप्त सूचना मिली कि दिल्ली के विभिन्न थानों के कई अपराधिक मामलों में वांछित उद्घोषित अपराधी प्रथम आनंद उर्फ तुषार जिरकपुर, चंडीगढ़ के इलाके में छिपा हुआ है। अगर समय पर कार्यवाही की जाए तो उसे वहाँ से पकड़ा जा सकता है।
पूछताछ के दौरान आरोपी प्रथम आनंद उर्फ तुषार ने खुलासा किया कि मई 2019 में संजू मेहरबान गिरोह के सदस्यों के निर्देश पर, उसने अपने अन्य सहयोगियों के साथ थाना महेंद्र पार्क के क्षेत्र में अपने प्रतिद्वंद्वी गिरोह के सदस्य पर कई राउंड फायर किए । पीड़ित को काफी चोटें आईं और उसे अस्पताल ले जाया गया। इस सन्दर्भ में थाना महेंद्र पार्क दिल्ली में मामला दर्ज किया गया था।
आरोपी के कब्जे से 1 पिस्तौल सहित जिंदा कारतूस बरामद किया गया है। आरोपी ने खुलासा किया कि अपनी आपराधिक गतिविधियों को छिपाने व अपनी गिरफ़्तारी से बचने के लिए उसने अपना नाम बदलकर शिवराज रख लिया और अपनी दाढ़ी भी बढ़ा ली । वह पिछले 4 वर्षों से फरार था व लगातार स्थान बदल रहा था।
आरोपी प्रथम आनंद उर्फ तुषार का जन्म वर्ष 1998 में जम्मू के सरवाल कॉलोनी में हुआ था। उसने केवल 8 वीं कक्षा तक पढ़ाई की है और बाद में वह बुरी संगत में पड़ गया व छोटे-मोटे अपराध करने लगा। वर्ष 2016 में, वह सागर के साथ चोरी की मोटरसाइकिल सहित पकड़ा गया था। जेल की अवधि के दौरान, वह संजू मेहरबान गिरोह जहांगीरपुरी, दिल्ली के सदस्यों के संपर्क में आया। यह गिरोह ड्रग्स व फिरौती जैसे अवैध कारोबार में शामिल है । जेल से बाहर आने के बाद वह भी गिरोह की आपराधिक गतिविधियों में संलिप्त हो गया।