संवाददाता
नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा की उत्तरी रेंज-II टीम ने साति साल से मोस्ट वांटेड जालसाज एग्नेलो मार्क्स को गिरफ्तार किया है जो प्रोपर्टी के जाली दस्तावेज तैयार कर लोगों को चूना लगाता था। आरोपी थाना महरौली में दर्ज जालसाजी के मामले में पिछले सात साल से वांछित था और अपनी गिरफ्तारी से बचने के लिए इधर उधर छिपता फिर रहा था। इस मामले में अदालत ने उसे भगौडा घोषित किया गया था।
एडीशनल कमिश्नर क्राइम संजय भाटिया ने बताया कि उत्तरी रेंज-II की टीम ठगी के अनसुलझे मामलों पर काम कर रही है। महरौली में दर्ज ठगी के मामले में कार्यवाही के दौरान टीम द्वारा संदिग्धों पर मैनुअल के साथ-साथ तकनीकी निगरानी भी रखी गई व एकत्रित जानकारी को मुखबिरों के साथ साझा किया गया।
प्रधान सिपाही सुमित को गुप्त सूचना मिली कि एक उद्घोषित आरोपी एग्नेलो मार्क जो थाना महरौली, दिल्ली के धोखाधड़ी मामले में वांछित है वह किसी से मिलने के लिए शंकर विहार, लोनी, गाजियाबाद, उत्तर प्रदेश के पास आएगा। यदि समय में कार्यवाही की जाए तो उसे वहाँ से पकड़ा जा सकता है।
सूचना के आधार पर आरोपी व्यक्ति को पकड़ने के लिए एडीशनल कमिश्नर अतिरिक्त आयुक्त संजय भाटिया ने एसीपी नरेंदर सिंह की देख रेख में व इंसपेक्टर दीप स्वामी के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया गया। जिसमें उप-निरीक्षक सुखविंदर, सहायक उप-निरीक्षक सुनील, अनिल, प्रधान सिपाही परमजीत, सुमित, परविंदर और महिला प्रधान सिपाही सीमा शामिल थे।
मिली सूचना के अनुसार टीम द्वारा शंकर विहार, लोनी, गाजियाबाद, उत्तर प्रदेश के इलाके पर जाल बिछाया गया और आरोपी एग्नेलो मार्क, उम्र 61 वर्ष को सफलतापूर्वक गिरफ्तार किया गया। लगातार पूछताछ के दौरान उसने थाना महरौली, दिल्ली धोखाधड़ी के मामले में अपनी संलिप्तता स्वीकार की।
पूछताछ के दौरान, आरोपी एग्नेलो मार्क, उम्र 61 वर्ष ने खुलासा किया कि उसने अपनी पत्नी निशा मार्क व अन्य सहयोगी महेश अरोड़ा, हरीश और अनीता के साथ प्रॉपर्टी के फर्जी दस्तावेज तैयार किए थे। इसके बाद उन्होंने शिकायतकर्ता को प्रॉपर्टी यानी जनता फ्लैट नंबर 130 ए, ग्राउंड फ्लोर, शाहपुर जाट, दिल्ली बेचने का सौदा करके धोखा दिया और उससे 5 लाख एडवांस ले लिए।
उसने आगे खुलासा किया कि अपनी गिरफ्तारी से बचने के लिए, वह नियमित रूप से दिल्ली के विभिन्न क्षेत्रों में अपने ठिकाने बदल रहा था।
आरोपी एग्नेलो मार्क निवासी शंकर विहार, लोनी ने केवल 7 वीं कक्षा तक पढ़ाई की है। इसके बाद, उसने मिस्त्री के रूप में काम करना शुरू कर दिया। वर्ष 2000 में वह कांगो, अफ्रीका गया और वहां कुछ काम किया। वर्ष 2004 में वह भारत लौटा व कपड़े का व्यवसाय शुरू कर दिया लेकिन वह इससे भी लाभ नहीं कमा सका। आसानी से पैसा कमाने के लिए वह अपनी पत्नी और अन्य लोगों के साथ थाना महरौली, दिल्ली के धोखाधड़ी मामले में संलिप्त हो गया।
शिकायतकर्ता ने उसके खिलाफ आरोप लगाया था कि उसके परिचित महेश अरोड़ा ने उसे जनता फ्लैट, नंबर 130 ए, ग्राउंड फ्लोर, शाहपुर जाट, दिल्ली की प्रॉपर्टी के लालच में लिया और बताया की उसके 2 जानकार निशा मार्क और एग्नेलो मार्क यह प्रॉपर्टी कम कीमत पर बेचने के लिए तैयार हैं। महेश अरोड़ा ने शिकायतकर्ता को 2 बिचौलियों हरीश और अनीता से भी मिलवाया। प्रॉपर्टी की कीमत बाजार मूल्य से काम होने के कारण शिकायतकर्ता ने निशा मार्क और एग्नेलो मार्क को 5 लाख का अग्रिम भुगतान कर प्रॉपर्टी का सौदा तय कर लिया। बाद में शिकायतकर्ता को पता चला कि संबंधित प्रॉपर्टी किसी अन्य व्यक्ति की है। वह अपने पैसे वापस मांगने लगा लेकिन आरोपी व्यक्तियों ने उसे धमकाया व पैसे वापस करने से मना कर दिया। इस सन्दर्भ में थाना महरौली में जालसाजी का मामला दर्ज किया गया था। इस मामले में पुलिस 3 आरोपी महेश अरोड़ा, अनीता और हरीश को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी थी लेकिन आरोपी एग्नेलो मार्क और उसकी पत्नी निशा मार्क मामला दर्ज होने के बाद से फरार थे। दोनों आरोपियों को अदालत ने भगौडा अपराधी घोषित किया था।