संवाददाता
नई दिल्ली। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री और YSRCP पार्टी प्रमुख वाईएस जगन मोहन रेड्डी की बहन वाईएस शर्मिला कांग्रेस में शामिल होने वाली हैं। जगन मोहन रेड्डी की बहन वाईएस शर्मिला इस सप्ताह कांग्रेस में शामिल होंगी। कांग्रेस वाईएस शर्मिला को आंध्र प्रदेश में बड़ी जिम्मेदारी दे सकती है।
खास बात ये है कि वाईएस शर्मिला ने तेलंगाना विधानसभा चुनाव के एक महीने बाद यह अहम फैसला लिया है। इस साल आंध्र प्रदेश में भी विधानसभा चुनाव होने हैं और लोकसभा चुनाव भी हैं।
सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस नेतृत्व लोकसभा चुनाव के साथ-साथ आंध्र प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले शर्मिला को एक महत्वपूर्ण भूमिका देगा। समझा जाता है कि इस कदम का उद्देश्य आंध्र प्रदेश में कांग्रेस को पुनर्जीवित करना है। पार्टी को उम्मीद है कि YSRCP पार्टी छोड़ने के इच्छुक लोग अब कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं। कांग्रेस का मानना है कि जब प्रमुख विपक्षी दल तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) अपना प्रभाव बनाए रखने के लिए संघर्ष कर रही है तो इसका पूरा फायदा कांग्रेस को मिलेगा।
जगन मोहन रेड्डी के साथ हैं राजनीतिक मतभेद वाईएस शर्मिला पहली बार साल 2012 में सुर्खियों में आईं, उस वक्त तेलंगाना आंध्र प्रदेश से अलग नहीं हुआ था। जैसे ही राज्य आंदोलन जोर पकड़ा जगन मोहन रेड्डी ने कांग्रेस से नाता तोड़ लिया और YSRCP का गठन किया। उनके साथ 18 विधायक भी शामिल हुए और एक कांग्रेस सांसद ने इस्तीफा दे दिया। भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ्तार होने के बाद रेड्डी जेल में थे, उस वक्त उनकी मां वाईएस विजयम्मा और बहन वाईएस शर्मिला ने अभियान का नेतृत्व किया। वाईएससीआरपी ने चुनावों में जीत हासिल की।
नौ साल बाद 2021 में वाईएस शर्मिला ने मीडिया से कहा कि उनके भाई के साथ उनके राजनीतिक मतभेद हैं। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि YSRCP की तेलंगाना में कोई उपस्थिति नहीं है। उसी साल जुलाई में उन्होंने YSR तेलंगाना पार्टी के गठन की घोषणा की और पूर्ववर्ती के.चंद्रशेखर राव के नेतृत्व वाली सरकार के खिलाफ अभियान शुरू किया।