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जनरल को चुनौती देने के लिए कांग्रेस लगा सकती है कवि कुमार विश्वास पर दांव

विशेष संवाददाता

गाजियाबाद । ‘कोई दीवना कहता है’ हिंदी कवि, वक्ता एवं सामाजिक कार्यकर्ता व राजनेता कुमार विश्वास जब अपनी इस कविता की पंक्तियां मंच से कहते हैं तो उनसे बार-बार दोहराने की मांग होती है। खासतौर, पर युवाओं के दिलों से यह मांग लगातार उठती है। कुमार विश्वास वे कवि हैं जो आज के युवाओं के दिलों में बसते हैं और हर जुबान पर उनका नाम है। बड़ा सवाल है कि यदि कुमार विश्वास किसी राजनीतिक पार्टी के टिकट पर गाजियाबाद पर दम भरें तो कैसा माहौल बने? खासतौर, पर यदि देश की सबसे पुरानी पार्टी उन्हें मैदान में उतार दे तो क्या वे जनरल वीके सिंह को टक्कर दे पाएंगे।

इस तरह की सुगबुगाहट राजनीतिक गलियारों में होनी शुरू हो गई है। दो दिन पूर्व अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की ओर से आई हुई सर्वे करने वाली टीम को कांग्रेसियों ने कवि कुमार विश्वास का नाम गाजियाबाद लोकसभा सीट पर पार्टी कैंडिडेट के तौर पर सुझाया है। देखना दिलचस्प होगा कि यह कुमार विश्वास का नाम गाजियाबाद की राजनीति के भविष्य में क्या गुल खिलाता है?

अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी हर चुनाव से पूर्व क्षेत्रों में सर्वे कराती है। ऐसे ही एक तीन सदस्यों वाली टीम वैस्ट यूपी में लोकसभा सीटों का सर्वे कर रही है। इस टीम में शामिल दो महिलाएं और एक पुरुष दो दिन पूर्व हापुड़ और बुलंदशहर का दौरा करने के बाद गाजियाबाद पहुंचे। गाजियाबाद में उन्होंने कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं से इस बाबत मुलाकात की कि कौन यहां से वर्तमान में दो बार से सांसद जनरल वीके सिंह के मुकाबले चुनाव मैदान में उतरे। कांग्रेसियों ने सर्वे करने आई टीम से गंभीरता से बात की और ऐसे नाम पर सहमति जताई जो मजबूती के साथ चुनाव मैदान में उतर सके।

गाजियाबाद की जनता, खासतौर पर युवा मतदाताओं से की जुबान पर यह नाम हो। बातों की लंबी रस्साकशी के बाद कांग्रेसियों ने पूर्व में राजनेता एवं वर्तमान में दिग्गज कवि कुमार विश्वास का नाम सर्वे करने वाली टीम को सुझाया। कुछ देर की बातचीत के बाद सर्वे करने वाले और कांगे्रसी कुमार विश्वास के नाम पर सहमत नजर आए।

दरअसल, जनरल वीके सिंह पिछले दो चुनावों से गाजियाबाद लोकसभा सीट पर जीत रहे हैं। सन् 2019 के लोकसभा चुनाव में जनरल वीके सिंह को 9,44,503 वोट मिले थे। उनके मुकाबले सपा और बसपा गठबंधन के टिकट पर मैदान में उतरे दिवंगत सुरेश बंसल 4,43,003 वोट ले पाए। कांग्रेस के टिकट पर उतरीं डॉली शर्मा मात्र 1,11,944 वोटों पर ही ठिठक गईं। इस तरह से जनरल वीके सिंह ने गाजियाबाद लोकसभा सीट पर 5,01,500 वोटों से जीत दर्ज की। सन् 2014 के लोकसभा चुनाव में भी जनरल वीके सिंह ने 7,58,482 वोट लेते हुए कांग्रेस के राज बब्बर को 5,67,260 वोटों से हराया था। राज बब्बर को 1,91,222 वोट चुनाव में मिले थे।

अब बात कुमार विश्वास की जाए तो वे गाजियाबाद जनपद से सटे पिलखुवा कस्बे के निवासी हैं। सन् 1970 में पिलखुवा में जन्में कुमार विश्वास आम आदमी पार्टी में राजनेता रह चुके हैं। वर्तमान में वे कविताओं के जरिए राजनेताओं की खिंचाई करते हुए खूब नजर आते हैं। युवाओं की जुबान पर ओजस्वी कवि के रूप में उनका नाम चढ़ा हुआ है। इसमें कोई दो राय नहीं कि शायद ही कोई युवा होगा जो कुमार विश्वास के नाम से वाकिफ नहीं होगा। राजनीति में कुमार विश्वास के नाम को कांग्रेसियों ने हवा तो दी है, देखना होगा कि कांग्रेसियों का यह सुझाव आने वाले समय में कितना परवान चढ़ पाता है।

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