संवाददाता
गाजियाबाद। जिले में बिना लाइसेंस के 87 नशा मुक्ति केंद्र संचालित हैं। दो महीने पहले स्वास्थ्य विभाग ने इन केंद्रों को बंद करने के लिए नोटिस जारी किए थे। लेकिन इसके बाद भी केंद्र अवैध रूप से धड़ल्ले से संचालित है। स्वास्थ्य विभाग भी आंखों पर पट्टी बांधकर बैठ गया है।26 अक्टूबर को जिले में संचालित 87 नशा मुक्ति एवं पुनर्वास केंद्रों को तत्काल प्रभाव से बंद करने के निर्देश दिए गए थे। जिला मानसिक रोग इकाई के नोडल अधिकारी डॉक्टर आरके गुप्ता ने केंद्र संचालकों को नोटिस जारी करते हुए चेतावनी दी थी कि औचक निरीक्षण के दौरान केंद्रों में अनियमितता पाई गई हैं। केंद्र के संचालन के लिए राज्य मानसिक रूप इकाई लखनऊ से कोई लाइसेंस नहीं लिया गया है। ऐसे में केंद्र पर भर्ती मरीजों को डिस्चार्ज किया जाए और संचालित केंद्रों को तुरंत बंद किया जाए। ऐसा न करने पर संबंधित केंद्र के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया जाएगा। स्वास्थ्य विभाग की ओर से नोटिस जारी हुए दो महीने पूरे हो गए है। जबकि नोटिस में एक सप्ताह का समय दिया गया था। इसके बाद भी विभाग की ओर से अवैध रूप से संचालित नशा मुक्ति और पुनर्वास केंद्रों के खिलाफ कोई मुकद्मा दर्ज नहीं कराया गया है।
गाजियाबाद सीएमओ, डा. भवतोष शंखधर का कहना है कि जिन केंद्रों को नोटिस जारी किए गए थे। उन्हें केंद्रों में भर्ती लोगों को दूसरे स्थान पर शिफ्ट करने के लिए समय दिया गया था। समय पूरा होने के बाद अब दोबारा से निरीक्षण कराया जाएगा। अगर केंद्रों को बंद नहीं किया गया है तो उन पर वैधानिक कार्रवाई की जाएगी।