विशेष संवाददाता
लखनऊ। सनातन और हिंदुत्व पर विवादित बयान देने के लिए चर्चित समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव की हिदायतों को दरकिनार कर एक बार फिर विवादित दिया है। पार्टी अध्यक्ष की चेतावनी देने के एक दिन बाद ही मौर्य ने बयान देते हुए कहा है कि, ‘हिंदू एक धोखा है। हिंदू नाम का कोई धर्म नहीं है।’ स्वामी प्रसाद मौर्य ने अपने बयान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत का जिक्र कर उनपर भी तंज किया है।
स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा, ”हिंदू एक धोखा है…आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत दो बार कह चुके हैं कि हिंदू नाम का कोई धर्म नहीं है बल्कि यह जीने का एक तरीका है। प्रधानमंत्री मोदी भी कह चुके हैं कि कोई हिंदू धर्म नहीं है। लेकिन जब ये लोग ऐसे बयान देते हैं तो किसी की भावनाएं आहत नहीं होतीं लेकिन अगर स्वामी प्रसाद मौर्य भी यही कहते हैं तो अशांति फैलती है।”
स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान पर केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय ने कहा कि, ”चाहे स्वामी प्रसाद मौर्य हों या इंडिया गठबंधन का कोई भी नेता, वे ‘धर्म’ का अर्थ नहीं समझते…उनकी विचारधारा तुष्टीकरण पर आधारित है और यह वोट के लिए किया गया है…”
स्वामी प्रसाद मौर्य के इस बयान को लेकर विवाद हो रहा है। उनका ये वीडियो वायरल हो गया है और इसपर लोग काफी रिएक्ट कर रहे हैं। स्वामी प्रसाद मौर्य ने इससे पहले भी कई बयान हिंदू धर्म को लेकर दिया है। असल में स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान से हिंदू आहत हैं। मौर्य का बयान हिंदू समुदाय की मूल पहचान को चुनौती देने वाला है, जिससे इसके सदस्यों पर संभावित असर के बारे में चिंताएं बढ़ जाती हैं। समुदाय के कई व्यक्तियों और धार्मिक नेताओं ने अपनी नाराजगी व्यक्त की है और दावे को भ्रामक और अपमानजनक बताया है।
प्रतिक्रिया के जवाब में, हिंदू संगठनों की ओर से मौर्य के शब्दों के पीछे के इरादे पर स्पष्टीकरण की मांग की जा रही है। इसके अतिरिक्त, कुछ लोगों ने एक प्रमुख धार्मिक परंपरा के बारे में इस तरह की व्यापक घोषणा से होने वाले संभावित नुकसान का हवाला देते हुए सार्वजनिक माफी की मांग की है। वहीं, समाजवादी पार्टी नेता स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान पर केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय ने कहा कि चाहे स्वामी प्रसाद मौर्य हों या इंडिया गठबंधन का कोई भी नेता, वे ‘धर्म’ का अर्थ नहीं समझते…उनकी विचारधारा तुष्टिकरण पर आधारित है और यह वोट के लिए किया जाता है।
बता दें कि समाजवादी पार्टी सुप्रीमो अखिलेश यादव लगातार अपनी पार्टी के नेताओं को जाति और धर्म से जुड़ी कोई भी टिप्पणी करने से परहेज करने की सलाह दे चुके हैं, लेकिन स्वामी प्रसाद मौर्य पर इस निर्देश का कोई खास असर नहीं दिख रहा है। स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान पर डिंपल यादव ने सफाई देते हुए कहा कि पार्टी उनके बयानों का समर्थन नहीं करती। ऐसा पहली बार नहीं है जब स्वामी प्रसाद मौर्य ने इस तरह का बयान दिया हो। इससे पहले भी वह हिंदू धर्म पर विवादित बयान दे चुके हैं। मां लक्ष्मी और रामचरितमानस पर दिए गए बयान को लेकर भी चर्चा में आए थे।