संवाददाता
नई दिल्ली। संसद में बुधवार को लोकसभा की कार्यवाही के दौरान विजिटर गैलरी से 2 शख्स अंदर घुस गए, जिससे अचानक अफरा-तफरी मच गई. इस घटना के कुछ देर बाद ही संसद भवन के बाहर प्रदर्शन करने वाले एक पुरुष और एक महिला को गिरफ्तार किया गया. दोनों ने केन के जरिए पीले रंग का धुआं फैला दिया था. इस पूरे मामले में 5 लोग पकड़े गए हैं. गिरफ्तार की गई महिला का नाम नीलम आजाद है. हालांकि नीलम की गिरफ्तारी से किसान नेता नाराज हैं. उन्होंने नीलम को रिहा करने की मांग की है.
हरियाणा के जींद के आजाद पालवा ने आंदोलन की धमकी दी और कहा कि यदि नीलम को नहीं रिहा किया गया तो वो संयुक्त किसान मोर्चा आंदोलन करेगी. आजाद ने कहा, देश के अंदर बेरोजगारी बहुत है, तानाशाही भी बहुत है. यह सरकार झूठ के निर्णय पर बनी थे. नीलम ने कोई गलत काम नहीं किया है. गांव के लोग और संयुक्त किसान मोर्चा बेटी के साथ है.
आजाद पालवा ने और क्या कहा?
उन्होंने कहा कि अगर जल्द रिहाई नहीं हुई तो हम बड़ा आंदोलन करने का काम करेंगे. वहीं, संयुक्त किसान मोर्चा के नेता राकेश टिकैत ने कहा कि हमने कोई आंदोलन की इजाजत नहीं दी है. वो उनका व्यक्तिगत फैसला हो सकता है. संयुक्त किसान मोर्चा से इसका कोई लेना देना नहीं है. हम गांधीवादी विचारधारा के लोग हैं. हम पहले बैठक करते हैं. तब फैसला लेते हैं.
नीलम सोशल मीडिया पर भी काफी एक्टिव रहती है. वह किसान आंदोलन में भी हिस्सा ली थी. राजनीतिक रैलियों में भाग लेने की उसने कई फोटो भी सोशल मीडिया पर शेयर की थी. नीतम ने जंतर मंतर और उत्तर भारत के अन्य विरोध स्थलों से तस्वीरें भी पोस्ट की हैं, जहां उसे किसानों के साथ बैठे देखा जा सकता है.
कौन है नीलम?
नीलम हरियाणा के जिंद की रहने वाली है. नीलम ने बीए, एमए, बीएड, एमएड, सीटीईटी, एमफिल और नेट उत्तीर्ण किया है. हालांकि, उन्हें कोई नौकरी नहीं मिली. वर्षों तक बेरोजगार रहने के बाद वह हिसार में हरियाणा राज्य सिविल सेवा परीक्षाओं की तैयारी शुरू की, जहां वह एक पीजी में रह रही थीं. रिपोर्ट के मुताबिक, 25 नवंबर को नीलम यह कहकर पीजी से निकली थी कि वह अपने घर जींद जा रही है, जहां उसके माता-पिता मिठाई की दुकान है.
नीलम के माता-पिता को नीलम के संसद भवन जाने के बारे में कोई जानकारी नहीं थी.नीलम की मां ने बताया कि दो दिन पहले नीलम घर पर थी. बाद में वह यह कहकर वहां से चली गई कि वह हिसार जा रही है.नीलम के भाई ने बताया कि उनका किसी पार्टी या संगठन से कोई संबंध नहीं है. हालांकि, परिवार ने स्वीकार कर लिया है कि उसने किसानों के विरोध प्रदर्शन में भाग लिया था. पहलवानों के विरोध प्रदर्शन के दौरान उसे गिरफ्तार भी किया गया था.