संवाददाता
नई दिल्ली: संसद भवन की सुरक्षा में उस वक्त बड़ी चूक देखने को मिली, जब सुरक्षा घेरा तोड़कर लोकसभा में विजिटर गैलरी से 2 संदिग्ध कूद पड़े. बुधवार को लोकसभा में कार्यवाही के दौरान संसद भवन के सामने ट्रांसपोर्ट भवन की तरफ एक युवक और एक महिला सुरक्षा का घेरा तोड़ते हुए लोकसभा की वेल में पहुंच गए. यहां दोनों में से एक ने सांसदों की चेयर पर जाकर बचने के लिए एक से दूसरे पर कूदा, यहां पर एक युवक ने पीले रंग की गैस अपने जूते से निकाल कर स्प्रे कर दिया. इससे संसद में धुआ-धुंआ हो गया. हालांकि, राहत की बात रही यह कोई जहरीली गैस नहीं थी
इस दौरान एक युवक का जूता उतर गया और उसने जूता हाथ में पकड़ लिया. इसके बाद 5 से 7 सुरक्षाकर्मियों ने उसे घेर लिया और पकड़ कर पुलिस के हवाले कर दिया. पुलिस ने दोनों को हिरासतमें ले लिया है. बताया जा रहा है कि मैसूर के सांसद प्रताप सिम्हा के गेस्ट के रूप में आया था.
पुलिस ने हिरासत में लिए गए दो लोगों की पहचान इस प्रकार की है.
1. नीलम पुत्री कौर सिंह निवासी रेड स्क्वेयर मार्केट, हिसार, उम्र 42
2. अमोल शिंदे पुत्र धनराज शिंदे निवासी लातूर, महाराष्ट्र, उम्र 25 वर्ष
संसद की सुरक्षा में चूक का मामला ऐसे वक्त में आया है, जब आज ही के दिन यानी 13 दिसंबर को संसद भवन पर आतंकी हमला हुआ था और 9 जवान शहीद हुए थे. बताया जा रहा है कि लोकसभा में घुसने के दौरान आरोपी शख्स ने स्प्रे भी किया है.
दरअसल, संसद में चल रहे शीतकालानी सत्र की कार्यवाही के दौरान बुधवार को विजिटर गैलरी से अचानक 2 लोग कूद गए और लोकसभा में सांसदों तक पहुंच गए. इतना ही नहीं, स्पीकर की ओर बेंच पर चढ़कर दौड़ने लगे. इसके चलते सदन में अफरा-तफरी मच गई. इस घटना के बाद लोकसभा की कार्यवाही को स्थगित कर दिया गया.
बता दें कि संसद में प्रवेश द्वार पर तीन स्तरीय सुरक्षा जांच की व्यवस्था है, जिसमें मेटल डिटेक्टर और हाथ से पकड़े जाने वाले मेटल डिटेक्टर से जांच शामिल हैं. संसद भवन के प्रवेश द्वार पर भी यही कवायद दोहराई जाती है. विभिन्न आगंतुक दीर्घाओं की ओर जाने वाले गलियारे पर भी सुरक्षा मौजूद है. इन स्थानों पर आगंतुकों को मोबाइल फोन ले जाने की अनुमति नहीं है.
किसने जारी किया पास, इस बात की भी हो जांच
पूर्व डीजीपी ओपी सिंह के अनुसार, कोई भी बाहरी व्यक्ति संसद में पास के बिना प्रवेश नहीं कर सकता है. ऐसे में इन दोनों व्यक्तियों को किस अधिकारी या सांसद की शिफारिश पर पास जारी किए गए थे, इस बात की भी गंभीरता से जांच की जानी चाहिए. इसके अलावा, विजिटर गैलरी में सुरक्षाकर्मियों की गैर मौजूदगी भी बड़े सवाल खड़े करती है. ऐसी जगह, जहां पर लगभग सभी बाहरी व्यक्ति हैं, उनकी सुरक्षा का घेरा होना बहुत आवश्यक है. ऐसे में सवाल है कि वहां सुरक्षाकर्मियों की तैनाती क्यों नहीं थी? यदि वहां पर सुरक्षाकर्मी तैनात थे, तो वह वारदात के समय कहां थे? इन सुरक्षाकर्मियों पर भी कड़ी कार्रवाई करते हुए उन्हें नौकरी से बर्खास्त किया जाना चाहिए.
संसद के अंदर कैसे पहुंचा पेपर स्प्रे?
सीआईएसएफ और एनडीआरएफ जैसे सुरक्षाबलों के महानिदेशक भी रह चुके ओपी सिंह ने इस बात पर भी सवाल खड़े किए हैं कि कोई भी व्यक्ति पेपर स्प्रे के साथ संसद भवन के भीतर तक कैसे पहुंच गया. उन्होंने कहा है कि सिक्योरिटी प्रोसीजर के तहत, विजिटर पास पर आने वाले आगंतुकों के लिए संसद में अलग गेट होता है. इस गेट पर तलाशी के लिए एक्स-रे, हैंड हेल्ड मेटल डिटेक्टर, डोर फ्रेम मेटल डिटेक्टर सहित कई अत्याधुनिक उपकरण मुहैया कराए गए हैं. किसी भी आगंतुक को पेन तक ले जाने की इजाजत नहीं होती है. ऐसे में कोई व्यक्ति पेपर स्प्रे छिपा कर ले जाता है तो यह सुरक्षा में बड़ी चूक है.
कौन है सुरक्षा में सेंध लगाने वाली महिला
जानकारी के अनुसार, महिला ने संसद के बाहर हंगामा किया था. महिला की पहचान नीलम पुत्री कौर सिंह निवासी रेड स्क्वेयर मार्केट, हिसार के रूप में हुई है. महिला 42 साल की है. हिसार के रेड स्क्वायर मार्केट के पीछे स्थित पीजी में नीलम रहती है. यहां पर पीजी में रहकर हरियाणा सिविल सर्विस तैयारी वह कर रही है. बताया जा रहा है कि 25 नवंबर को पीजी से घर जाने की कहकर नीलम यहां से गई. नीलम मूल रूप से जींद जिले के घसो कला की रहने वाली है. पीजी में रहने वाली छात्रा ने बताया कि नीलम राजनीति में बहुत रुचि रखती थी.
एक ही ग्रुप के हो सकते हैं चारों
माना जा रहा है कि संसद के अंदर और बाहर हुई दोनों घटनाओं में शामिल चारों लोग एक ही ग्रुप के हो सकते हैं. ट्रांसपोर्ट भवन के बाहर से पकड़े गए दो आरोपितों को ही संसद भवन थाने लाया गया है.
अलग-अलग एजेंसियां कर रहीं पूछताछ
ये चारों कब और कैसे दिल्ली पहुंचे इस बारे में अलग-अलग एजेंसी इनसे पूछताछ कर रही है. कुछ घंटे बाद यह निर्णय लिया जाएगा कि चारों के खिलाफ किन धाराओं ने किस थाने में मुकदमा दर्ज किया जाए. संसद भवन थाने के बाहर मीडियाकर्मियों का जमावड़ा होने के कारण मुख्य द्वार पर बैरिकेड लगाकर इंट्री बंद कर दी गई है.
अभी स्पेशल सेल के डीसीपी राजीव रंजन सिंह अपनी टीम के साथ संसद मार्ग थाने पहुंच गए हैं. आईबी की टीम कई घंटे पहले संसद मार्ग थाने पहुंच गई थी. पूछताछ कर यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि ये चारों किसी संगठन से जुड़े हैं या नहीं.