संवाददाता
नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने अंतरराज्यीय हथियार तस्कर गिरोह के एक सदस्य को गिरफ्तार कर अवैध हथियार सप्लाई करने के वाले एक बड़े सिंडिकेट का भंडाफोड़ किया है। उसके कब्जे से आठ अवैध सेमी-ऑटोमैटिक पिस्तौल और दस जिंदा कारतूस बरामद किए गए है। आरोपी पिछले एक साल के दौरान दिल्ली और यूपी में चालीस से ज्यादा पिस्टल सप्लाई कर चुका है।
स्पेशल सेल के डीसीपी आलोक कुमार ने बताया कि दक्षिणी रेंज की टीम के एसीपी वेद प्रकाश की देखरेख में इंस्पेक्टर करमवीर सिंह, पवन कुमार और जितेंद्र ने एक अंतरराज्यीय अवैध हथियार तस्कर को गिरफ्तार किया जिसकी पहचान सोनू (38) निवासी हापुड, यूपी के रूप में हुई। पुलिस टीम ने उससे आठ अवैध पिस्तौल और 10 जिंदा कारतूस बरामद किए ।
स्पेशल सेल का ये कामयाबी एक विशेष जानकारी के बाद मिली जिसमें पता चला था कि अवैध हथियारों की तस्करी से जुड़े सिंडिकेट का एक सदस्य सोनू जो मध्य प्रदेश के हथियार सप्लायरों से हथियार खरीदकर दिल्ली के धौला कुआं में पहुंचेगा और हथियारों की डिलीवरी अपने किसी परिचित को सौंपेगा।
सूचना के आधार पर दिल्ली के धौला कुआं में बस स्टॉप के पास एक जाल बिछाया गया और हथियार तस्कर सोनू को घेर लिया लेकिन पुलिस से घिरे होने का आभास होने पर उसने अपनी पिस्तौल निकाल ली टीम के सदस्यों को गोली चलाने की धमकी दी। लेकिन छापेमारी टीम के सदस्यों ने उसे काबू कर लिया और निहत्था कर दिया। आरोपी की तलाशी में बरामद हुए अवैा पिस्तौल व कारतूस मिले।
पुलिस के मुताबिक आरोपी सोनू आदतन अपराधी है और पहले भी यूपी के गाजियाबाद और अमरोहा में हथियारों के बल पर डकैती, हत्या का प्रयास, मादक पदार्थों की तस्करी, डकैती की योजना बनाने आदि के आधा दर्जन से अधिक मामलों में शामिल रहा है। इन मामलों का ब्योरा जुटाया जा रहा है। उसे रायपुर, छत्तीसगढ़ में एनडीपीएस अधिनियम के तहत गिरफ्तार किया गया था। लगभग चार साल बाद वह जुलाई 2022 में उक्त मामले में जमानत पर रिहा हुआ। पूछताछ के दौरान, उसने खुलासा किया कि, छत्तीसगढ़ जेल से रिहा होने के बाद उसने बुरहानपुर से हथियारों की तस्करी शुरू कर दी। पिछले एक साल में उसने करीब 40 पिस्तौलों की तस्करी की है। बरामद हथियार उसने रमेश सरदार से खरीदे थे और दिल्ली में आलम नाम के व्यक्ति को दिए जाने थे। सिंडिकेट के अन्य सदस्यों की पहचान करने का प्रयास किया जा रहा है।
आरोपी ने आगे खुलासा किया है कि वह एमपी से 8000 रुपये में सेमी-ऑटोमैटिक पिस्तौल खरीदकर दिल्ली/एनसीआर में अपराधियों को 25,000 रूपए प्रति पिस्टल बेचता था।