यूपी के 9 राज्यसभा सदस्य का खत्म होंने जा रहा कार्यकाल, दी जा सकती है बड़ी जिम्मेदारी
सुनील वर्मा
गाजियाबाद। लोकसभा चुनाव 2024 की तैयारियों के चलते भाजपा के रणनीतिकारों ने सभी कील कांटे दुरुस्त करने में लगे हैं। संगठन स्तर पर सभी को जिम्मेदारियां दी जा रही हैं। महत्वपूर्ण पद पर बैठे लोगों को संगठन में जिम्मेदारी सौंपी जा रही है। इसी के चलते कुछ दिन पूर्व जिले स्तर पर प्रभारियों की नियुक्ति देखने को मिली थी। अब संगठन ने उत्तर प्रदेश से 9 राज्यसभा सांसदों को महत्वपूर्ण दायित्व देने पर मन बना रहा है। जिनकी राज्यसभा सदस्यता समाप्त होने जा रही है। बता दें कि भाजपा के उत्तर प्रदेश में 25 राज्यसभा सांसदों में से 9 राज्यसभा सांसदों की सदस्यता जल्द समाप्त हो रही है। जिसमें गाजियाबाद के राज्यसभा सांसद अनिल अग्रवाल सहित मेरठ से राज्यसभा सांसद कांता कर्दम और विजयपाल तोमर भी शामिल हैं। गाजियाबाद से राज्यसभा सासंद अनिल अग्रवाल को बडी जिम्मेदारी दिए जाने की एक बड़ी वजह ये भी है कि गाजियाबाद लोकसभा का टिकट इस बार वीके सिंह की जगह अग्रवाल की दिए जाने की मांग उठ रही है। अनिल अग्रवाल स्थानीय होंने के साथ जन प्रतिनिधियों और आम लोगों में बेहद लोकप्रिय हैं।
यह है मामला
उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी के 25 राज्यसभा सांसदों में से 9 राज्यसभा सांसदों की सदस्यता 2 अप्रैल 2024 को समाप्त हो जाएगी। जिसमें गाजियाबाद से राज्यसभा सांसद अनिल अग्रवाल सहित मेरठ से राज्यसभा सांसद कांता कर्दम व विजयपाल तोमर, हरदोई से राज्यसभा सांसद अशोक वाजपेई, बलिया के एकलदीप राजभर, फिरोजाबाद के अनिल जैन, लखनऊ के सुधांशु त्रिवेदी, मैनपुरी के हरिनाथ सिंह यादव व आंध्र प्रदेश के जीवीए नरसिम्हा राव की राज्यसभा सदस्यता समाप्त हो रही है। भाजपा संगठन अब इन चेहरों को लेकर बड़ी रणनीति तैयार कर रहा है। लोकसभा चुनाव से पहले इन्हें संगठन में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी देने का मन बना रहा है। मेरठ की राज्यसभा सांसद कांता कर्दम को हाल ही में नोएडा प्रभारी बनाया गया है।
टिकट की हो रही तैयारी
संगठन के पास पहले से ये खबर है कि इन सभी राज्यसभा सदस्यों में से अधिकांश लोकसभा के लिए टिकट की मांग कर सकते हैं। यही कारण है कि अब भाजपा हाईकमान लोकसभा चुनाव से पहले किसी कलह से बचने के लिए इन चेहरों को जवाबदारी वाला पद देने पर गहनता से विचार कर रही हैं। खबर है कि गाजियाबाद से राज्यसभा सांसद अनिल अग्रवाल भी आगामी लोकसभा चुनाव 2024 की तैयारी में जुटे हुए हैं। वे चाहते हैं कि पार्टी उन्हें 2024 में गाजियाबाद से उम्मीदवार बनाए लेकिन वर्तमान सांसद जनरल वीके सिंह की दावेदारी गाजियाबाद से काटना इतना आसान नहीं है। केंद्रीय मंत्री वी के सिंह गाजियाबाद से 2014-19 का चुनाव लगातार जीत चुके हैं। इसके अलावा वीके सिंह की सरकार के ऑपरेशनल वर्क में जमीन पर सक्रियता को देखते हुए भी उन्हें नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। लेकिन वहीं अनिल अग्रवाल स्थानीय होंने के साथ गाजियाबाद के स्थानीय नेताओं के बीच उनकी गहरी पैठ है। भले ही अनुशासन के कारण कोई नेता अपनी जुबान न खेले लेकिन सच तो ये हैं, आम कायर्कर्ताओं की रायशुमारी और जनता की पंसद के लिहाज से अनिल अग्रवाल को लोग गाजियाबाद में लोकसभा चुनाव में अपनी पहली पसंद बताऐंगे। यहीं कारण है कि अगर जनरल वी के सिंह को टिकट देने का संगठन ने मन बना लिया है तो अनिल अग्रवाल को भी कोई बडा जिम्मेदारी भरा पद संगठन देने वाला है।