क्राइम ब्रांच ने 3 ऑटो लिफ्टर को गिरफ्तार कर चोरी की आठ गाडियों बरामद की
संवाददाता
नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा के आईएससी टीम ने 3 ऑटो-लिफ्टर्स को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से चोरी की 8 लग्जरी कारें बरामद कर वाहन चोरी के 04 मामले सुलझाये है। इसके अलावा 1 कार व पांच 5 चाबियों समेत अपराध करने में इस्तेमाल किए गए अन्य उपकरण बरामद किए हैं।
डीसीपी अमित गोयल ने बताया कि पकडे गए वाहन चोर आरोपियों की पहचान मंजीत सिंह @ बाबा, मुनीर खान @ मौलाना और अब्दुल रहीम के रूप में हुई है। सभी थाना कोंडवा, पुणे, महाराष्ट्र के रहने वाले हैं। इन सभी की गिरफ्तारी से दिल्ली/एनसीआर, पुणे और मुंबई में सक्रिय ऑटो-लिफ्टर्स के एक अंतरराज्यीय गिरोह का पर्दाफाश हुआ है | इस गिरफ़्तारी से वाहन चोरी के 04 मामले सुलझा लिए गए हैं और वाहन चोरी के कई अन्य मामलों के सुलझने की सम्भावना है |
स्पेशल सीपी रविन्द्र सिंह यादव ने बताया कि 12 अक्टूबर को एक किआ सेल्टोस कार की चोरी की ई-रिपोर्ट थाना प्रसाद नगर, दिल्ली में दर्ज की गयी थी। बाद में मामले की आगे की जांच आईएससी क्राइम ब्रांच को स्थानांतरित कर दी गई थी।
डीसीपी अमित गोयल ने आईएससी एसीपी रमेश लाम्बा की देखरेख में व इंसपेक्टर कमल कुमार के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया । जिसमे उप-निरीक्षक गौरव कुमार, सहायक उप-निरीक्षक शैलेंद्र सिंह, गुलाब सिंह, जफरुद्दीन, राकेश कुमार, प्रधान सिपाही शक्ति सिंह, रामकेश, सुरेंद्र, वरुण कुमार और सिपाही नवीन कुमार को शामिल किया गया।
टीम को मामले पर काम करने और आरोपी व्यक्तियों को पकड़ने का निर्देश दिया गया था। संदिग्धों के बारे में तकनीकी व मुखबिरों के माध्यम से जानकारी एकत्र की गई। एएसआई शैलेंद्र को सूचना मिली कि प्रसाद नगर चोरी की गई कार को बेचने के लिए कुछ लोग सुभाष नगर दिल्ली के इलाके में आएंगे। यदि समय पर कार्यवाही की जाये तो उन्हें चोरी के वाहनों के साथ पकड़ा जा सकता है।
मिली सूचना के आधार पर टीम ने सुभाष नगर दिल्ली में जाल बिछा कर 3 ऑटो-लिफ्टर्स मंजीत सिंह @ बाबा, मुनीर खान @ मौलाना और अब्दुल रहीम को चोरी की फॉक्सवैगन कार के साथ पकड़ लिया। उनकी निशानदेही पर चोरी की गई 8 लग्जरी कारें, 5 चाबियां और अपराध में इस्तेमाल होने वाले अन्य उपकरण बरामद किए गए।
पूछताछ के दौरान, आरोपी अब्दुल रहीम ने खुलासा किया कि वह 15 दिन पहले, अपने सहयोगियों मंजीत सिंह @ बाबा और मुनीर खान @ मौलाना के निर्देश पर चोरी की किआ सेल्टोस कार की डिलीवरी, ऑटो-लिफ्टर स्मार्टी से ली थी । जिसे प्रसाद नगर, दिल्ली से चुराया गया था। आरोपियों ने चोरी की कर को आगे ठिकाने लगाने के लिए पुणे, महाराष्ट्र में भेज दिया था। आरोपी अब्दुल रहीम की निशानदेही पर एक सफेद रंग की क्रेटा कार भी बरामद की गयी जो थाना कीर्ति नगर इलाके से चोरी की गई थी।
आगे की पूछताछ में पता चला कि सभी आरोपी व्यक्ति पुणे, महाराष्ट्र में पुराने स्पेयर पार्ट्स की दुकान चला रहे हैं। आरोपी मंजीत सिंह @ बाबा पहले दिल्ली के ऑटो-चोरी के मामलों में गिरफ्तार किया गया था और जेल अवधि के दौरान, वह ऑटो-लिफ्टर स्मार्टी के संपर्क में आया था। लगभग 20-25 दिन पहले आरोपी अब्दुल रहीम को अपराध शाखा, पुणे की टीम ने पकड़ा था और उसकी निशानदेही पर चोरी की 03 कारें बरामद की गई थीं। बरामद वाहन की जाँच करने पर वह दिल्ली से चोरी पाए गए। आरोपी मंजीत सिंह @ बाबा और मुनीर खान @ मौलाना ने चोरी की कारों को स्मार्टी से खरीदा और आरोपी अब्दुल रहीम चोरी की कारों को पुणे, महाराष्ट्र में ले जा कर खुले बाजार में बेचता था। स्मार्टी के साथ आरोपी अब्दुल रहीम भी वाहन चोरी के मामलों में शामिल है।
आगे की पूछताछ के दौरान उन्होंने खुलासा किया कि पिछले डेढ वर्षों में उन्होंने ऑटो-लिफ्टर स्मार्टी से लगभग 20-25 चोरी की कारें खरीदी हैं। कुछ कारों को खुले बाजार में बेच दिया गया और कुछ चोरी की कारों को ठिकाने लगाने के लिए पुणे में रखा गया है।
उनकी निशानदेही पर फर्जी नंबर प्लेट वाली 6 चोरी की कारें और बरामद की गईं। इन आरोपी व्यक्तियों की गिरफ्तारी के साथ, वाहन चोरी के 04 मामले सुलझाये गए हैं लेकिन अभी भी 4 कारों के मूल पंजीकरण नंबरों के साथ कड़ी जोड़ी जानी बाकी है |
ये आरोपी सबसे पहले दुर्घटना-ग्रस्त कारों को मूल कागजात के साथ खरीदते हैं। इसके बाद, वे दिल्ली से ऑटो-लिफ्टर स्मार्टी से उसी मॉडल की चोरी की गई कारों को खरीद कर आगे उसी कार को पुणे, महाराष्ट्र ले जाते हैं। चोरी की गई कारों पर दुर्घटना-ग्रस्त कार के चेसिस व इंजन नंबर अंकित कर देते है। इसके बाद वे इसे खरीदार या उपयोगकर्ता को बेच देते। कुछ कारों को नष्ट करके उसके पुर्जों को बाजार में बेच देते हैं।
आरोपी मंजीत सिंह @ बाबा मूल रूप से कोंडवा, जिला पुणे, महाराष्ट्र का रहने वाला है। इससे पहले वह अपने परिवार के साथ दिल्ली के विकासपुरी में रहता था। उसकी दुकान मायापुरी में थी जहां वह ऑटो लिफ्टरों के संपर्क में आया और आसानी से पैसा कमाने के लिए अपराध की दुनिया में शामिल हो गया। उसके खिलाफ 2013 में वाहन चोरी का मामला दर्ज किया गया था। इस बीच वह ऑटो लिफ्टर स्मार्टी के संपर्क में आया, जो दिल्ली का ही रहने वाला है। जेल से छूटने के बाद वह 2015 में पुणे शिफ्ट हो गया जहां उसने पुराने स्पेयर मोटर पार्ट्स की दुकान खोल ली और इसी की आड़ में वह स्मार्टी से चोरी की कार खरीदता था और इन चोरी की कारों को आगे खरीददारों को बेच देता था। इस बीच, वह अपने अन्य सहयोगियों के संपर्क में आया व वाहन चोरी के मामलों में संलिप्त हो गया।
आरोपी मुनीर खान @ मौलाना पहले डीलर का काम करता था व पुराने मोटर स्पेयर पार्ट्स की दुकान भी चलाता था। साल 2020 में वह अन्य साथियों के संपर्क में आया और आसानी से पैसा कमाने के लालच में चोरी वाहन खरीदने व बेचने लगा।
जबकि अब्दुल रहीम 2020 से पुणे में एक कार वर्कशॉप चलाता था। मुनीर खान @ मौलाना उसका चाचा है। वर्ष 2020 में उनकी मुलाकात मंजीत @ बाबा से हुई। आसानी से पैसा कमाने के लालच में वह भी मंजीत @ बाबा के साथ चोरी की कार खरीदने व बेचने के काम में शामिल हो गया।