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सत्‍ता का झूठा नाम और रूतबा दिखाकर ठगी करने में जुटे जालसाज

विशेष संवाददाता

नई दिल्ली। बीजेपी की सरकार है तो सोचा क्यों न वही चोला पहन लिया जाए और क्यों न नकली बीजेपी नेता बनकर ही लोगों को चूना लगाया जाए। उत्तर प्रदेश के एक शख्स की हकीकत जानकर हर कोई हैरान है। अनूप चौधरी जो खुद जो खुद बीजेपी नेता के रूप में बताता रहा वो एक महाठग है, लेकिन तेवर ऐसा कि कोई भी धोखा खा जाए। न कोई डर, न कोई चिंता, खुलेआम वो खुद को बीजेपी नेता बताकर करोड़ों का साम्राज्य खड़ा कर चुका है, जबकि असल में उसका बीजेपी से कोई लेना-देना नहीं। अनूप चौधरी कितना बड़ा नटवरलाल है ये उसकी गिरफ्तारी के बाद सामने आया, लेकिन अनूप चौधरी की तरह ही पहले भी कई महाठग नकली बीजेपी नेता बनकर खड़ा करते रहे लाखों करोड़ों का साम्राज्य।

1. किरण पटेल: ठगी के लिए कश्मीर को चुना

पेशा कंप्यूटर इंजीनियरिंग था, लेकिन मन था ठगी का। पढ़ाई लिखाई की, लेकिन फिर सोचा कि नौकरी करके क्या होगा क्यों ना कुछ बड़ा किया जाए। फिर क्या था अहमदाबाद के किरण पटेल ने बड़ा काम यानी महाठगी का प्लान तैयार कर लिया। साल 2022 से लेकर साल 2023 तक वो बीजेपी नेता बनकर करोड़ों कमा चुका था।

पहले संघ के साथ खुद को जोड़ना शुरू किया। खुद को संघ का नेता बताया, कार्यकर्ताओं से दोस्ती साधी और फिर तैयारी कर ली नकली बीजेपी नेता बनने की। हाव-भाव, तेवर सब नेताओं वाले। राजस्थान कैडर के एक अधिकारी त्रिलोक सिंह से दोस्ती की और खुद के लिए सुरक्षा भी मुहैया करवा ली और ठगी के लिए पहुंच गए जम्मू कश्मीर। मकसद था बीजेपी नेता बनकर वहां जमीन के सौदे करवाना। गुजरात के व्यापारियों को जमीन बेचकर खुद बीच में मुनाफा कमाना।किरण पटेल ने खुद को पीएमओ अधिकारी बताकर बाकायदा कश्मीर के अधिकारियों की मीटिंग भी की और अच्छा काम न करने के लिए डांट भी लगाई। बस यहीं गलती हो गई। अधिकारियों को ज्यादा डांट लगाई तो किरण पटेल के हाव-भाव अधिकारियों को शक देने लगे। बडगाम के डीसी सैयद फखरुद्दीन हामिद को भी शक हुआ तो उन्होंने सीआईडी से इसकी जानकारी निकलवाई। छानबीन के बाद पता चला किरण पटेल नाम का कोई शख्स पीएमओ में है ही नहीं और फिर सामने आई नटवरलाल की हकीकत।

2. संजय शेरपुरिया: पीएमओ के पास बंगला लेकर ठगी

बीजेपी नेताओं का सबसे करीबी बताकर दिल्ली के एक बंगले में कब्जा और साथ ही साथ करोड़ों रुपये की लूट। संजय प्रकाश उर्फ संजय शेरपुरिया की कहानी बेहद हैरान करने वाली है। असम का रहने वाला संजय कभी इतना गरीब था कि कूड़ा बिनकर अपनी पढ़ाई का खर्चा निकाला, लेकिन धीरे-धीरे मन में लालच ने घर किया और खड़ा कर लिया लूट का साम्राज्य। असम से वो गुजरात आ गया और खुद को बीजेपी के नेताओं और बड़े अधिकारियों का रिश्तेदार बताकर लोगों से काम निकलवाने के बदले पैसे ऐंठने लगा। गुजरात में इसी तरह इसने बड़ा नेटवर्क खड़ा कर लिया। इसने अपनी एक कंपनी भी खोल ली।

अब लालच बढ़ने लगा तो ये यूपी तक भी पहुंचा। ठगी का जाल वहां भी शुरू कर दिया। लोगों से पैसे ऐंठने लगा, बैंक से करोड़ों का लोन ले डाला। लोगों को बताता पीएमओ से बेहद करीब है। बड़े-बड़े अधिकारियों और पत्रकारों के साथ फोट खिंचवाता और उसका फायदा उठाता लोगों के सामने रौब जमाने में। उत्तर प्रदेश पुलिस को इसके बारे में शिकायतें मिलने लगी तो जांच शुरू हुई और पता चला कि ये एसबीआई बैंक से 349 करोड़ का लोन ले चुका था। लोगों से भी करोड़ों की धोखाधड़ी कर चुका था। उत्तर प्रदेश एसटीएफ इसकी तलाश कर रही थी तो दिल्ली भाग आया। दिल्ली में इसने और भी बड़ी ठगी को अंजाम दिया। दिल्ली में पीएमओ के पास ही एक बंगले पर भी शातिराना तरीके से कब्जा कर लिया और साथ साथ हॉर्स क्लब का भी मालिक बन गया। इसने हॉर्स क्लब की मालिक जो उम्रदराज थी उन्हें धोखा दिया और बन गया मालिक। खैर जब इसकी हकीकत सामने आई तो हर कोई चौंक गया।

हरियाणा में भी एक ऐसे ही महाठग की कहानी सामने आई थी। ये महाठग आशीष गुलाटी खुद को अनिल विज का ओएसडी बताता था। अपने एक कजिन लक्ष्य के साथ मिलकर ये लोगों से अलग-अलग काम निकलवाने को लेकर पैसे ऐंठता था। ये खुद को नेता की तरह ही पेश करता था। इसकी कहानी तब सामने आई जब ये मनीष गर्ग नाम से एक शख्स ने नौकरी दिलाने के नाम पर मिला। इसने एएसआई की नौकरी दिलाने के बदले में 27 लाख रुपये ऐंठ लिए। मनीष गर्ग ने इसकी शिकायत पुलिस में भी तो इस ठग की पूरी पोल पट्टी सामने आई। इसका कजन लक्ष्य दत्ता भी इस काम में इसका साथ देता था। व्हाट्सऐप के जरिए वही लोगों से काम करवाने की डील करता था।

आशीष गुलाटी: अनिल विज का पीए बताकर ठगी

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