संवाददाता
गाज़ियाबाद । इंदिरापुरम में तैनात एसीपी स्वतंत्र कुमार सिंह एक किशोरी का हाल जानने उसके घर गए। वहां उन्होंने किशोरी को एक पुस्तक भी भेंट की। एसीपी के साथ थाना इंदिरापुरम के योगेंद्र कुमार सिंह एवं महिला दरोगा ने भी किशोरी को दिवाली के उपहार भेंट किए। किशोरी को एसीपी अपनी बहन मानते हैं। रक्षाबंधन वाले दिन एसीपी ने किशोरी की जान बचाई थी। उसके बाद किशोरी ने एसीपी एसीपी स्वतंत्र कुमार सिंह को राखी बांधकर अपना भाई स्वीकार किया था।
क्या है पूरा मामला
रक्षाबंधन के दिन एक किशोरी अपने पिता से नाराज होकर बहुमंजिला इमारत की चौथी मंजिल की छत पर चढ़ गई और जान देने की बात करने लगी। सूचना मिलने पर मौके पर पहुंचे एसीपी स्वतंत्र कुमार सिंह ने किशोरी से वादा किया कि वह उसकी पूरी बात सुनेंगे और उसे कोई भी परेशानी नहीं होने देंगे। इसके बाद उन्होंने किशोरी से नीचे उतरने और उन्हें राखी बांधने को कहा। उन्होंने उन पर विश्वास करने और किशोरी से अपना फैसला बदलकर छत से नीचे उतरने को कहा था। उसके बाद किशोरी ने भी स्वतंत्र कुमार सिंह की बात मान ली और नीचे उतर आई।
एसीपी ने किशोरी को बनाया था बहन
स्वतंत्र कुमार सिंह ने किशोरी से राखी बंधवाकर उसे अपनी बहन स्वीकार किया। आज स्वतंत्र कुमार सिंह किशोरी से मिलने उसके घर पहुंचे और उसे भेंट स्वरूप एक पुस्तक दी। इसी के साथ एसीपी के साथ गए थानाध्यक्ष और दरोगा ने भी किशोरी को दीपावली का उपहार दिए। एसीपी ने अपना वादा निभाया और किशोरी ने भी स्वतंत्र कुमार सिंह को देखकर खुशी जताई।