संवाददाता
गाजियाबाद। दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा की इंटरस्टेट यूनिट ने रंजीत नगर इलाके में लूट के मामले में वांछित भगौड़ा घोषित अपराधी को गिरफ्तार किया है। आरोपी रंजीत नगर थाने का हिस्ट्रीशीटर है और पूर्व में 12 आपराधिक मामलों में शामिल रहा है।
डीसीपी अमित गोयल ने बताया कि लिए प्रधान सिपाही विनोद को गुप्त सूचना मिली थी कि आरोपी ओमी उर्फ काली जो थाना रंजीत नगर, दिल्ली के लूट के मामले में वांछित है वह देहरादून, उत्तराखंड में छिपा हुआ है अगर समय पर कार्यवाही की जाये तो उसे वहाँ से पकड़ा जा सकता है। जानकारी के बाद एसीपी रमेश चंद्र लांबा की देखरेख में व इंसपेक्टर सतेन्द्र मोहन और महिपाल के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया गया। जिसमे एसआई सुरेंद्र, अंकित, गौरव, एएसआई यतेंदर मलिक, प्रधान सिपाही नवीन, सुनील, तरुण, विनोद और नितेश शामिल थे ।
इस टीम ने सूचना के अनुसार देहरादून, उत्तराखंड के क्षेत्र में जाल बिछाया गया और आरोपी ओमी उर्फ काली को सफलतापूर्वक पकड़ लिया। उसने थाना रंजीत नगर, दिल्ली में हुई लूट में अपनी संलिप्तता स्वीकार कर ली है। वह अपनी गिरफ्तारी से बचने के लिए वह पिछले 06 वर्षों से देहरादून, उत्तराखंड में छिपा हुआ था।
पूछताछ के दौरान आरोपी ओमी उर्फ काली ने खुलासा किया कि वह ‘ढोल’ बजाने में माहिर है। शादियों और पार्टियों के दौरान वह इलाके के बुरे तत्वों के संपर्क में आया और अपनी रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा करने के लिए अपराध की दुनिया में शामिल हो गया। उसने आगे खुलासा किया कि वर्ष 2001 में उसे थाना पटेल नगर, दिल्ली के स्नैचिंग के मामले में गिरफ्तार किया गया था। जेल अवधि के दौरान वह अन्य लुटेरों के साथ संपर्क में आया और अपराधों को अंजाम देने लगा। उसने थाना रंजीत नगर, दिल्ली में हुई लूट के मामले में भी अपनी संलिप्तता स्वीकार की है।
30 जुलाई 2014 ओमी @ काली ने विकास व दीपक @ खट्टा @ कांचा के साथ शादीपुर फ्लाईओवर के साथ शिकायतकर्ता से 7500 रूपए और 02 मोबाइल फोन व एक अन्य व्यक्ति से 400 रूपए लूट लिए और मौके से फरार हो गये। इस मामले में थाना रंजीत नगर पुलिस ने लूट का मामला दर्ज कर सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया लेकिन आरोपी ओमी @ काली ने जमानत मिलने के बाद अदालत में आना बंद कर दिया। 2019 में उसे भगौडा घोषित कर दिया गया।
इस मामले में जमानत मिलने के बाद उसने खुद को छिपाने के लिए दिल्ली से देहरादून जाने का फैसला किया। तबसे वह वहीं छिपा हुआ था। आरोपी दस खिलाफ पहले से 12 अपराधिक मामले दर्ज हैं।