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कुरौली (उरई) की अस्थाई गौशाला में बदहाली और गोवंशो की मौत का जिम्मेदार कौन ?

जिलाधिकारी से शिकायत के बाद भी नहीं हुई कार्रवाई

संवाददाता

जालौन। जालौन जिले के मुख्यालय उरई में स्थित गांव कुरोली की अस्थाई गौशाला में गोवंश की लगातार हो रही मौत और चारे के अभाव में फैली अव्यवस्था से इलाके के लोग हैरान और परेशान हैं की गौमाता की मौत से हो रहे दर्द को किस्से बयान करें। क्योंकि एसडीएम से लेकर जिलाधिकारी तक को गौशाला की बदहाली के बारे में पत्र लिखा गया है लेकिन कई दिन बीत जाने के बाद भी अभी तक कोई नतीजा नहीं निकला है।

बता दें कि ग्राम कुरौली की अस्थाई गौशाला में काफी समय से अव्यवस्था फैली हुई है। वहां न तो चारे और भूसे की व्यवस्था है और ना गोवंशो की ठीक से देखभाल हो रही है। क्षेत्र के लोगों ने कई बार गौशाला के संचालकों से इसकी शिकायत की मगर इसके बावजूद उनकी लापरवाही में कोई अंतर नहीं आया।

इसी के चलते 19 सितंबर को करीब 15 से 18 गायों की मौत हो गई। जिनको अगले दिन शेखपुर की ओर जाने वाली सड़क के किनारे जेसीबी मशीन से गड्ढा खुदवाकर दफना दिया गया। बाद में दूसरे गांवों से 25 आवारा गाय लाकर गौशाला में गोवंशों की संख्या को पूरा कर दिया गया।

कुरौली गांव के अशर्फी लाल, अमर सिंह, रमाकांत, ओमकार सिंह, अंशुल, भगवानदीन, सुधीर कुमार और सेवाराम ने 23 सितंबर को जिलाधिकारी जालौन को पत्र लिखकर गौशाला की बदहाली पर संज्ञान लेने का अनुरोध किया था।

लेकिन जिलाधिकारी से की गई शिकायत को एक सप्ताह होने को है लेकिन न तो गौशाला के हालात में सुधार हुआ है और ना ही गोशाला संचालकों की मनमानी में कमी आई है। कुरौली गांव के लोगों ने अब मुख्यमंत्री के दरबार में पेश होने के फ़ैसला किया है।

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