संवाददाता
ग़ाज़ियाबाद। गाजियाबाद में एयरफोर्स के हिंडन एयरबेस पर सोमवार को भारत की ड्रोन शक्ति का प्रदर्शन हुआ। देशभर की कंपनियां अपने हाईटेक ड्रोन लेकर पहुंचीं। इस दौरान किसी ड्रोन ने आसमान से ही संदिग्ध चीज को कैप्चर किया तो किसी ड्रोन ने आतंकियों के डमी ठिकानों पर बम गिराकर उसे नेस्तनाबूद किया।
इस दौरान रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने C-295 एयरक्राफ्ट की चाबी भी वायुसेना प्रमुख VR चौधरी को सौंपी। इस दौरान राजनाथ सिंह ने सर्वधर्म प्रार्थना की। उन्होंने रोली से एयरक्राफ्ट पर स्वास्तिक बनाया। एयरक्राफ्ट को रक्षा सूत्र बांधा। राजनाथ सिंह और VR चौधरी C-295 एयरक्राफ्ट के अंदर गए।
50 से ज्यादा ड्रोन ने किया प्रदर्शन
भारत ड्रोन शक्ति शो की शुरुआत में एयरबेस पर सिबॉलिक तौर पर 2 संदिग्ध आतंकी दिखाई दिए। पहले एक ड्रोन ने उसकी तस्वीर कैप्चर की। जबकि तुरंत वहां पहुंचे दूसरे ड्रोन ने ऑटोमैटिक वैपन से फायरिंग करते हुए उन्हें खदेड़ दिया। इसके अलावा, शो में 50 तरह के ड्रोन का प्रदर्शन हुआ। इसमें रक्षा, कृषि, अग्निशमन, हेल्थ, सर्वेक्षण सेक्टर से जुड़े ड्रोन भी दिखाए गए।
ड्रोन ने क्या-क्या दिखाया
- एक पाॅइंट पर आग लग गई तो उसे बुझाने के लिए ड्रोन भेजा गया। इसमें ड्रोन ने आग के ऊपर एक शेल गिराया और उससे आग बुझ गई।
- एक ड्रोन 100 किलो तक का सामान उठाकर ले जाता हुआ दिखाया गया। ताकि सेना की मदद हो सके।
- 75 से ज्यादा ड्रोन स्टार्टअप हुए शामिल
26 सितंबर तक चलने वाले ड्रोन शो की मेजबानी भारतीय वायुसेना और ड्रोन फेडरेशन ऑफ इंडिया संयुक्त रूप से कर रहे हैं। इसमें ड्रोन के 50 से अधिक लाइव हवाई प्रदर्शन हो रहे हैं। देशभर के 75 से ज्यादा ड्रोन स्टार्टअप और कॉरपोरेट्स इसमें शामिल हुए हैं। भारत ड्रोन शक्ति-2022 का आयोजन नई दिल्ली में हुआ था। इस बार ये आयोजन दिल्ली से सटे गाजियाबाद के हिंडन एयरबेस पर हो रहा है।
स्पेन मेड है C-295, इसे आगरा एयरबेस पर तैनात किया जाएगा
देश का पहला C-295 टेक्निकल मिलिट्री एयरलिफ्ट प्लेन भी आधिकारिक रूप से भारतीय वायुसेना के बेड़े में शामिल हुआ। ये विमान इसी महीने स्पेन से भारत लाया गया है। सितंबर 2021 में भारत ने एयरबस डिफेंस एंड स्पेस (ADSpace) के साथ C-295 एयरक्राफ्ट के लिए 21 हजार करोड़ रुपए की डील की थी। 16 प्लेन रेडी-टू-फ्लाई कंडीशन में स्पेन से आ रहे हैं। बाकी के 40 प्लेन गुजरात के वडोदरा में टाटा एडवांस कंपनी बनाएगी।- सूत्रों ने बताया, C-295 विमान आगरा एयरबेस पर तैनात होगा। वहीं पर इसका ट्रेनिंग सेंटर भी बनाया जा रहा है। C-295 एयरक्राफ्ट के लिए आगरा एयरबेस को इसलिए चुना गया है, क्योंकि इसे खासतौर पर पैराट्रूपर्स के लिए बनाया गया है और आगरा में ही वायुसेना का पैराट्रूपर्स ट्रेनिंग स्कूल है।
C-17 है जंबो जेट, मगर C-295 की खूबियां अलग
यूं तो भारतीय सेना के पास मालवाहक विमान के रूप में सबसे बेहतर C-17 ग्लोबमास्टर एयरक्राफ्ट है। ये विश्व के बड़े मालवाहक विमानों में से एक है। एक बार में ये विमान 200 से ज्यादा लोगों को लेकर उड़ने की क्षमता रखता है।
ये कारगिल, लद्दाख और पूर्वी व उत्तरी सीमाओं जैसी कठिन जगहों पर भी आसानी से उतर सकता है। लेकिन C-295 की ख़ासियत ये है कि इमरजेंसी में शॉर्ट टेकऑफ और लैंडिंग की जा सकती है। सिर्फ 320 मीटर ट्रैक पर ये टेक ऑफ कर सकता है, जबकि लैंडिंग के लिए इसे सिर्फ 670 मीटर रनवे चाहिए। ऐसे में खासकर पहाड़ी क्षेत्रों, जहां रनवे छोटे हैं, वहां ये एयरक्राफ्ट मददगार साबित होगा।
C-295 एयरक्राफ्ट की खासियतें
- एयरक्राफ्ट अपने साथ 7,050 किलोग्राम का पेलोड उठा सकता है। एक बार में अपने साथ 71 सैनिक, 44 पैराट्रूपर्स, 24 स्ट्रेचर या 5 कार्गो पैलेट को ले जा सकता है।
- लगातार 11 घंटे तक उड़ान भर सकता है। 2 लोगों के क्रू केबिन में टचस्क्रीन कंट्रोल के साथ स्मार्ट कंट्रोल सिस्टम भी है।
- C-295MW ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट में पीछे रैम्प डोर है, जो सैनिकों या सामान की तेजी से लोडिंग और ड्रॉपिंग के लिए बना है।
- एयरक्राफ्ट में 2 प्रैट एंड व्हिटनी PW127 टर्बोट्रूप इंजन लगे हुए हैं। इन सभी प्लेन को स्वदेश निर्मित इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सूइट से लैस किया जाएगा।
- ये एयरक्राफ्ट शॉर्ट टेकऑफ और लैंडिंग कर सकते हैं। कंपनी के मुताबिक ये एयरक्राफ्ट 320 मीटर की दूरी में ही टेक-ऑफ कर सकता है। वहीं, लैंडिंग के लिए 670 मीटर की लंबाई काफी है। यानी लद्दाख, कश्मीर, असम और सिक्किम जैसे पहाड़ी इलाकों में ऑपरेशन में ये एयरक्राफ्ट मददगार साबित होगा।