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गाजियाबाद के लोनी में मिड डे मील का दूध पीने से 25 बच्चों की हालत बिगड़ी पीते ही पेट में दर्द और उल्टियां

विशेष संवाददाता

गाजियाबाद । गाजियाबाद के सरकारी विद्यालय में मिड-डे मील में आए दूध को पीने के बाद करीब 25 बच्चों की तबियत बिगड़ गई। इन्हें पेट में दर्द, चक्कर और उल्टियां आने की शिकायत हुई तो तुरंत लोनी के PHC और CHC में भर्ती कराया गया है।

ये पूरा मामला कस्बा लोनी के प्रेमनगर कॉलोनी स्थित प्राथमिक विद्यालय का है। 9 बच्चों को प्राथमिक इलाज के बाद घर भेज दिया गया है। बाकी बच्चे अस्पताल में भर्ती हैं। फिलहाल स्कूल के बाहर पेरेंट्स हंगामा कर रहे हैं। वे घटिया क्वालिटी का दूध बच्चों को देने का आरोप टीचर्स पर लगा रहे हैं। पुलिस मौके पर है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी भवतोष शंखधर भी मौके पर पहुंच गए हैं। वे अस्पताल में बच्चों का हाल ले रहे हैं। सीएमओ ने दूध का सैंपल लेकर जांच के लिए भेजने की बात कही है।

ट्स मौके पर हंगामा कर रहे हैं और घटिया दूध देने का आरोप लगा रहे हैं।

दो महीने पहले रसोइया ने DM को लेटर भेजकर खोला था घटिया मिड-डे मील का चिट्ठा

17 जुलाई को ही वार्ड पार्षद नगमा और इसी प्राथमिक विद्यालय की रसोइया सन्नो ने खराब मिड-डे मील को लेकर गाजियाबाद DM को एक लेटर भेजा था। इसमें सन्नो ने बताया था कि वो इस स्कूल में रसोइया के तौर पर पांच साल तक मिड-डे मील का खाना बनाती रही है। बच्चों के लिए 6 किलो दूध आता था और उसमें 10 से 15 लीटर पानी मिलवाया जाता था। स्कूल का स्टाफ उनसे रोटी कम, चावल ज्यादातर बनवाता था। इसमें भी सूड़ी और कीड़े होते थे। एक बार पहले भी चावल-आलू में कीड़े निकले तो कुछ बच्चों की तबियत खराब हो गई थी। शिकायत करने पर प्रधानाचार्य ने उल्टा बच्चों को ही धमकाया था।

सीएमओ भवतोष शंखधर ने बताया कि दूध का सैंपल जांच के लिए भेजा जा रहा है।

रसोइया सन्नो के मुताबिक, मेरे पांच साल के कार्यकाल में बच्चों को कभी भी फल नहीं बांटे गए। कुछ पेरेंट्स ने मुझसे शिकायत की थी तो मैंने उन्हें बता दिया कि प्रधानाचार्य द्वारा जितना सामान मुझे दिया जाता है, उसी हिसाब से भोजन बनाया जाता है। मेरे द्वारा इतना कहने पर प्रधानाचार्य ने मुझे काम से हटा दिया। डीएम ने इस संबंध में एबीएसए को जांच कर कार्रवाई करने का निर्देश भी दिया था।

प्रधानाचार्य बोलीं- कुछ लोग मेरे पीछे पड़े हैं

प्रधानाचार्य ऊषा रानी ने बताया, मैं 13 साल से जॉब कर रही हूं। पहली बार ऐसी शिकायत सामने आई है। ये खाने का झंझट काफी बुरा है। मैं कितना भी खाना अच्छा बनवा लूं, फिर भी कुछ लोग मेरे पीछे पड़े रहते हैं।

SDM ने कहा- मिड-डे मील की जांच होगी

एसडीएम अरुण दीक्षित ने बताया, सभी बच्चों को सीएचसी में भर्ती कराया गया है। वहां पर बच्चों की हालत में सुधार है। खाद्य पदार्थ और दूध का सैंपल जांच के लिए लिया जा रहा है। जांच रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की जाएगी। करीब 13 बच्चों को सीएचसी भेजा गया है।

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