संवाददाता
नई दिल्ली । हत्या, हत्या के प्रयास समेत लगभग 16 मामलों में शामिल लॉरेंस बिश्नोई, गोल्डी बराड़ और मोनू डागर सिंडिकेट से जुडे बदमाश को स्पेशल सेल ने गिरफ्तार किया है। अदालत ने उसे कई में भगौड़ा घोषित किया था। उसके कब्जे से पांच जिंदा कारतूस के साथ एक सेमी-ऑटोमैटिक पिस्तौल बरामद की गई है।
नार्दन रेंज व एसटीएफ के डीसीपी राजीव रंजन सिंह ने बताया कि स्पेशल सेल, उत्तरी रेंज को दिल्ली और आसपास के राज्यों में हत्या, हत्या के प्रयास, जबरन वसूली, डकैती, कारजैकिंग आदि के सनसनीखेज मामलों में शामिल कट्टर अपराधियों और संगठित अपराध सिंडिकेट के शार्पशूटरों को पकड़ने का काम सौंपा गया है। ऐसे अपराधियों की गतिविधियों के संबंध में विश्वसनीय सूत्रों से लगातार सूचनाएं मिल रही थीं। ऐसी जानकारी को और विकसित करने के लिए पुलिस टीम लगातार काम कर रही है। इस क्रम में गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई, गोल्डी बराड , मोनू डागर के करीबी सहयोगी अंजीत की गतिविधि के बारे में विशेष जानकारी प्राप्त हुई कि वह हेलीपोर्ट, रोहिणी, दिल्ली में आने वाला है। मुखबिर तंत्र से मिली जानकारी को जब पुख्ता कर लिया गया तो एसीपी वेद प्रकाश की निगरानी में इंसपेक्टर मंदीप और जयबीर की देखरेख में एसटीएफ की एक टीम का गठन किया गया।
स्पेशल सेल ने हैलीपोर्ट इलाके में घेराबंदी कर अंजीत (37) को गिरफ्तार किया है। वह सोनीपत, हरियाणा का रहने वाला है। उसे अदालत ने कई मामलों में भगोड़ा घोषित किया था और वह लंबे समय से अदालती कार्यवाही से बच रहे था। वह हरियाणा में आर्म्स एक्ट और डकैती के प्रयास के एक मामले में भी वांछित था। पुलिस ने उसके पास से .32 बोर की एक सेमी-ऑटोमैटिक पिस्तौल और पांच जिंदा कारतूस बरामद किए है।
डीसीपी राजीव रंजन सिंह ने बताया कि अंजीत से पूछताछ करने पर सामने आया कि वह ग्राम भटगांव, सोनीपत, हरियाणा का स्थाई निवासी है। उनके पिता एक ट्रक ड्राइवर थे और 2001 में उनका निधन हो गया। स्कूली शिक्षा के बाद अंजीत सिंघू बॉर्डर इलाके में अपने मामा के घर चला गया, जहां वह अवैध ड्रग्स के स्पलायरों के संपर्क में आया। जल्द ही, वह अवैध दवाओं की आपूर्ति में शामिल हो गया। वह कई बार जेल भी गया। 2016 में, जब वह सोनीपत जेल में था, तो वह अनमोल बिश्नोई, गोल्डी बराड़ के करीबी मोनू डागर के संपर्क में आया। जल्द ही वे दोस्त बन गये। जेल से बाहर आने के बाद वह फेसबुक के जरिए मोनू डागर के संपर्क में रहने लगा और मोनू डागर के जरिए वह अनमोल बिश्नोई और गोल्डी बराड़ के संपर्क में आया। जनवरी 2023 में उसे अनमोल बिश्नोई द्वारा जबरन वसूली के लिए करनाल में एक ट्रैवल एजेंट का अपहरण करने का काम सौंपा गया था। लेकिन योजना विफल हो गई जब सह-आरोपियों को पुलिस ने पानीपत में पकड़ लिया। हालाँकि, वह भागने में सफल रहा। वह लॉरेंस गैंग के कई ठिकानों पर रहा । उसे गोल्डी बरार द्वारा गुरुग्राम में एक व्यवसायी की रेकी करने का भी काम सौंपा गया था। अंजीत को भी भगौडा घोषित किया गया। उसके खिलाफ हरियाणा के सोनीपत में विभिन्न मामले दर्ज हैं क्योंकि वह लंबे समय से अदालती कार्यवाही से बचते रहे हैं। आरोपी इससे पहले हरियाणा के अलग –अलग इलाकों में 16 आपराधिक मामलों में शामिल रहा है।