संवाददाता
लखनऊ । स्वामी प्रसाद मौर्य के ब्राह्मणों पर दिए गए बयान के बाद यूपी की राजनीति गर्मा गई है । उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान ने स्वामी के ब्राह्मणों पर दिए गए बयान का नफा नुकसान सीधे 5 सितंबर के घोसी के उपचुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है। स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान पर सुभासपा के राष्ट्रीय महासविव अरुण राजभर ने स्वामी पर जमकर निशाना साधा। राजभर ने कहा कि इस बयान पर अखिलेश यादव का कोई खंडन नहीं आया है, जिससे ये माना जाए कि ये अखिलेश यादव का बयान है। उन्होंने कहा कि क्या ये बातें स्वामी ने अखिलेश यादव को नहीं बताई कि कौन हिंदू हैं औऱ कौन ब्राह्मण है?
स्वामी प्रसाद पर निशाना साधते हुए अरुण ने सवाल पूछा कि जब 2022 में फरसा उठाकर सपा, परशुराम जी की मूर्ति लगाने जा रही थी। जय परशुराम जी का नारा एक दर्जन ब्राह्मण नेता नारा लगा रहे थे, जब यह सब हो रहा था तब क्या ब्राह्मणवाद की गहरी खाई उनको नहीं नजर आ रही थी। अरुण ने कहा कि समाजवादी पार्टी को हिंदुओं से द्वेष हो चुका है, इतनी नफरत हो चुकी है कि कभी ये रामचरितमानस पर सवाल खड़ा करते हैं तो कभी बद्रीनाथ धाम पर सवाल खड़ा करते हैं। उन्होंने कहा कि ये लोग लगातार हिंदुओं की आस्था पर चोट कर रहे हैं।
स्वामी के बयान को अखिलेश का बयान माना जाए
अरुण राजभर ने सपा पर आरोप लगाते हुए कहा कि अगर सपा के इतने बड़े नेता ये बयान दे रहे हैं इसका मतलब यह है कि अखिलेश यादव का समर्थन उनको प्राप्त है। अखिलेश यादव के समर्थन पर स्वामी प्रसाद मौर्य इस तरीके की बात कह रहे हैं और अगर अखिलेश यादव का समर्थन नहीं है तो अखिलेश यादव कल घोसी जा रहे हैं, घोसी पहुंचकर उन्हें ये बात स्पष्ट करनी होगी कि क्या वो स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान के साथ हैं या उसके खिलाफ हैं। उन्होंने कहा कि अगर अखिलेश यादव स्पष्ट नहीं करते तो स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान को अखिलेश यादव का बयान माना जाए।
अब नहीं चाहिए सपा को हिंदुओं के वोट
राजभर ने कहा कि सपा के लगातार ऐसे बयानों से देश की जनता ये समझ रही है कि अब ब्राह्मणों का वोट, हिंदुओं का वोट सपा को नहीं चाहिए। उन्होंने सपा से सवाल करते हुए कहा कि यही सपा कुंभ के मेले में स्नान करने जाती है, बड़े बड़े धर्माचार्यों के पास जाते हैं। क्या ये सब सपा सिर्फ हिंदुओं का वोट लेने के लिए करती है? उन्होंने आरोप लगाया कि इससे साफ जाहिर होता है सपा हिंदुओं से नफरत करती है। अगर समाजवादी पार्टी और अखिलेश यादव स्वामी प्रसाद मौर्य के बयानों के खिलाफ हैं तो उन्हें घोसी की जनता के बीच में आ कर अपनी बात स्पष्ट करनी चाहिए।