संवाददाता
नई दिल्ली। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति 2021 के संबंध में शराब व्यवसायी अमन ढल द्वारा कथित तौर पर ₹5 करोड़ के भुगतान को लेकर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के एक सहायक निदेशक के खिलाफ भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया है।
पवन खत्री के अलावा, सीबीआई ने ब्रिंडको सेल्स प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक धल्ल और ढल के पिता बीरेंद्र पाल सिंह को भी नामित किया है। सीबीआई के अनुसार, क्लेरिजेस होटल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) विक्रमादित्य, ईडी के अपर डिवीजन क्लर्क नितेश कोहर, एयर इंडिया के कर्मचारी दीपक सांगवान और चार्टर्ड अकाउंटेंट प्रवीण कुमार वत्स भी इसमें शामिल हैं, जिन्होंने सुविधा प्रदाता के रूप में काम किया।
अधिकारियों ने कहा कि खत्री उत्पाद शुल्क नीति में कथित अनियमितताओं की जांच कर रही ईडी की जांच टीम का हिस्सा नहीं थे।
अधिकारियों ने कहा कि ईडी ने जुलाई में खत्री और अन्य आरोपियों पर छापा मारकर ₹2 करोड़ से अधिक की रिश्वत राशि बरामद की थी। विस्तृत पूछताछ के बाद, ईडी ने इस महीने की शुरुआत में मामला सीबीआई को भेज दिया, जिसने 25 अगस्त को मामले में भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया।
ईडी ने 1 मार्च को उत्पाद शुल्क नीति में कथित अनियमितताओं के सिलसिले में ढल को गिरफ्तार किया था। सीबीआई की एफआईआर के अनुसार, “सांगवान… ने वत्स को आश्वासन दिया था कि वह ईडी के शराब घोटाला मामले में (गिरफ्तारी से बचाकर) ढल के लिए कुछ धनराशि के बदले मदद की व्यवस्था कर सकते हैं।” सांगवान ने दिसंबर 2022 में उसे खत्री से मिलवाया। सांगवान के आश्वासन के आधार पर, वत्स ने दिसंबर 2022-जनवरी 2023 में 50-50 लाख की छह किश्तों में ढल से 3 करोड़ रुपये लिए थे। एफआईआर में कहा गया है, इसके बाद, चार किश्तों में ₹2 करोड़ लिए गए।
अधिकारियों ने कहा कि ईडी ने आरोपियों के बीच हुई बैठकों के सीसीटीवी फुटेज बरामद किए हैं। इसके अलावा, वत्स के आवास से रिश्वत की रकम में से ₹2.19 करोड़ नकद बरामद हुए और सांगवान के परिसर से उत्पाद शुल्क नीति जांच से संबंधित दस्तावेज भी मिले। दिल्ली 2021-22 की उत्पाद शुल्क नीति का उद्देश्य व्यापारियों के लिए बिक्री-मात्रा आधारित व्यवस्था को लाइसेंस शुल्क-आधारित व्यवस्था से बदलना है। इस नीति में शराब की खरीद पर छूट और ऑफर भी पेश किए गए थे।