विशेष संवाददाता
नई दिल्ली। राहुल गांधी की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ पार्ट-2 गुजरात के पोरबंदर से 2 अक्टूबर से शुरू होने जा रही है। भारत जोड़ो यात्रा-2 यूपी पर फोकस्ड होगी। 80 लोकसभा वाले इस प्रदेश में राहुल की 5 से 10 दिन यात्रा निकालने की प्लानिंग है। यात्रा पूर्वांचल के जिलों से होकर गुजरेगी। इसके जरिए कांग्रेस लोकसभा की 23 सीटें साधने की कोशिश करेगी। यही नहीं, इस बार यात्रा में अखिलेश यादव और जयंत चौधरी समेत यूपी के कई बड़े नेता शामिल हो सकते हैं। एक ‘भारत जोड़ो यात्री’ ने इसकी पुष्टि की। उन्होंने बताया, यात्रा शुरू करने के लिए पहले दो तारीखों पर चर्चा हुई थी। 15 अगस्त और 2 अक्टूबर। अगस्त में संसद सत्र चल रहा था। कांग्रेस की वर्किंग कमेटी भी बननी थी। कई और भी प्रमुख संगठनात्मक कार्य चल रहे थे। इसलिए अब 2 अक्टूबर की तारीख फाइनल की गई है।
भारत जोड़ो यात्रा पार्ट-2 अहमदाबाद के बाद राजस्थान और मध्य प्रदेश होते हुए उत्तर प्रदेश में एंट्री करेगी। इसके लिए दो प्रमुख रास्ते हैं। अगर ये यात्रा रीवा बॉर्डर से आती है, तो यूपी के मिर्जापुर, रॉबटर्सगंज और वाराणसी से सटकर होती हुई निकलेगी। दूसरा बॉर्डर छतरपुर है, जिससे एंट्री होने पर यूपी के बांदा, प्रयागराज, वाराणसी कवर हो सकते हैं।
हालांकि, अभी यूपी के फाइनल रूट पर मुहर नहीं लग पाई है। कहा जा रहा है कि एक-दो दिन में इस बारे में ऑफिशियल जानकारी पार्टी नेतृत्व की तरफ से जारी कर दी जाएगी। यूपी के बाद यात्रा बिहार, बंगाल, असम होते हुए अरुणाचल प्रदेश के परशुराम कुंड पर जाकर समाप्त होगी।
कांग्रेस प्रवक्ता बोले- INDIA के अलायंस दल हो सकते हैं शामिल
उत्तर प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता अभिमन्यु त्यागी ने कहा, ”कांग्रेस नेतृत्व से हमें 2 अक्टूबर को ये यात्रा पोरबंदर से शुरू करने की सूचना मिल गई है। यात्रा का विस्तृत रूट मैप बन रहा है। ऐसी भी सूचना है कि INDIA के अलायंस दल भी इस बार भारत जोड़ो यात्रा में शामिल हो सकते हैं। ”वहीं कांग्रेस के नए प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने कहा, ‘मैं 24 अगस्त को लखनऊ में पदभार ग्रहण करूंगा। इसके बाद ही ‘भारत जोड़ो यात्रा’ की ऑफिशियल तारीख बता पाऊंगा।”
यूपी में राहुल-अखिलेश फिर एक साथ दिखेंगे
यूपी में 2017 के लोकसभा चुनाव में ‘यूपी को ये साथ पसंद है’ टैगलाइन के साथ राहुल-अखिलेश यानी कांग्रेस और सपा ने गठबंधन किया था। हालांकि, जनता ने इस टैगलाइन को नकार दिया। प्रदेश की 403 सीटों में सपा महज 47 और कांग्रेस 7 पर सिमट गई थी। हालांकि, अब 2024 के लोकसभा में राहुल और अखिलेश की जोड़ी फिर नजर आनी तय है।
विपक्ष के गठबंधन यूपीए (अब INDIA) की बेंगलुरु में हुई बैठक में भी दोनों के बीच अच्छी बॉडिंग नजर आई। सियासी जानकारों का कहना है कि राहुल की पहली भारत जोड़ो यात्रा के लिए भी जयंत और अखिलेश को निमंत्रण गया था। हालांकि, दोनों नेता शामिल नहीं हुए थे। लेकिन, पीडीए गठबंधन बनने के बाद अब तस्वीर बदल चुकी है। ऐसे में अखिलेश के साथ ही जयंत और तेजस्वी का शामिल होना भी लगभग तय माना जा रहा है।
पहली यात्रा में वंचित रह गए थे यूपी के 72 जिले
साल-2022 में भारत जोड़ो यात्रा पार्ट-1 कन्याकुमारी से शुरू हुई थी। ये यात्रा 12 राज्यों से होते हुए करीब 4 हजार किलोमीटर की दूरी तय करके कश्मीर पहुंचकर समाप्त हुई थी। 136 दिन की राहुल की इस यात्रा में यूपी की हिस्सेदारी महज 2-3 दिन की रही। राहुल 120 किमी. पैदल चले। गाजियाबाद से प्रवेश करते हुए शामली, बागपत होते हुए हरियाणा चले गए।
आबादी और क्षेत्रफल के लिहाज से सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश का ज्यादातर हिस्सा इस यात्रा से वंचित रह गया था। तब सवाल उठे थे कि आखिर इतने बड़े यूपी में 2 दिन ही क्यों? कांग्रेस नेताओं ने जवाब दिया था कि इसकी कसर अगली भारत जोड़ो यात्रा-2 में पूरी की जाएगी। यही वजह है कि सेकेंड फेज में कांग्रेस यूपी को सबसे ज्यादा वक्त देने की तैयारी में है।
अलग-अलग ग्रुप के लोगों से मिलने पर जोर
भारत जोड़ो पार्ट-2 का स्वरूप पिछली बार से बदला हुआ दिखेगा। पैदल यात्रा से ज्यादा फोकस इस बार अलग-अलग ग्रुप के लोगों से मिलने पर रहेगा। कांग्रेस पूरे प्रदेश में कई अभियान चला रही है, जैसे जाति जनगणना, संविधान बचाओ। इसके लिए, अल्पसंख्यकों के लिए भी अलग-अलग जिलों में पहले से कई कार्यक्रम हो रहे हैं। ऐसे में राहुल-प्रियंका इन लोगों से मिलेंगे। इसका सीधा फायदा होगा कि पीपल कनेक्टिविटी बढ़ेगी।
पोरबंदर के समुद्री तट से ही शंखनाद क्यों?
पोरबंदर महात्मा गांधी की जन्मस्थली है और पश्चिमी भारत का अंतिम छोर भी है। कांग्रेस भारत जोड़ो यात्रा के जरिए महात्मा गांधी की विरासत को लोगों तक पहुंचाना चाहती है। कभी गुजरात के समुद्र तट से ही महात्मा गांधी ने दांडी यात्रा शुरू की थी। इसलिए प्रतीकात्मक रूप से पोरबंदर का चयन किया गया है। इसके अलावा, गुजरात में पिछले लगभग 3 दशक से भाजपा सत्ता में है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह का गृह प्रदेश भी गुजरात है। ऐसे में पोरबंदर से यात्रा शुरू करने का विशेष राजनीतिक प्रतीकात्मक महत्व भी है।