संवाददाता
नई दिल्ली। स्पेशल सेल की ट्रांस यमुना रेंज टीम ने एक हथियार तस्कर गिरोह एक सदस्य को गिरफ़तार कर उसके कब्जे से पांच अवैध पिस्तौल बरामद की है। प्रदंंह अगस्त से पहले इतनी बडी तादाद में पिस्तौलों की बरामदगी ने पुलिस को चौकन्ना कर दिया है। हांलाकि बरामद पिस्तौल दिल्ली/एनसीआर में विभिन्न अपराधियों को सप्लाई करने के लिए मध्य प्रदेश से अवैध पिस्तौलें खरीदीं।
स्पेशल सेल के विशेष आयुक्त एचजीएस धालीवाल ने बताया कि दिल्ली और आसपास के राज्यों में विभिन्न अपराधों में अवैध हथियारों के बढ़ते इस्तेमाल को देखते हुए दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ऐसे असामाजिक तत्वों के नापाक मंसूबों को विफल करने के लिए चौबीसों घंटे काम कर रही है। दिल्ली और एनसीआर में सक्रिय अवैध हथियार आपूर्तिकर्ताओं और उनके सहयोगियों के बारे में विभिन्न स्रोतों के माध्यम से जानकारी एकत्र की जा रही है और ऐसे तत्वों की गतिविधियों पर सतर्क नजर भी रखी जा रही है। टीम के लगातार प्रयास तब रंग लाए जब 9 अगस्त, 2023 को गुप्त सूचना के आधार पर ट्रांस यमुना रेंज स्पेशल सेल के एसीपी कैलाश सिंह बिष्ट और राहुल कुमार के नेतृत्व में इंस्पेक्टर राहुल कुमार और विनीत कुमार तेवतिया की एक टीम ने घेवरा मोड़ के पास जाल बिछाया।
पुलिस टीम ने एक हथियार तस्कर अनिल शर्मा उर्फ भोपाली, निवासी खरगोन, मध्य प्रदेश को .32 बोर की पांच अवैध पिस्तौल के साथ पकड़ा। अनिल शर्मा उर्फ भोपाली पिछले दो वर्षों से दिल्ली/एनसीआर, यूपी पश्चिम और हरियाणा में गैंगस्टरों को अवैध हथियारों की आपूर्ति कर रहा है। वह अवैध पिस्तौल 10,000 से 12,000 प्रति पीस खरीदता था और अपराधियों को 35,000 से 50,000 प्रति पिस्तौल के हिसाब से बेचता था।
पूछताछ पर आरोपी ने बताया कि उसने वर्ष 2022 में मध्य प्रदेश में बीसीए और डी-फार्मा का कोर्स पूरा किया था। पढ़ाई के दौरान वह बुरे लोगों के संपर्क में आ गया और अपनी रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा करने के लिए एमपी के खरगोन में अवैध हथियारों की सप्लाई में शामिल हो गया। उनके रिश्तेदार हरियाणा के बहादुरगढ़ में रहते हैं, इसलिए वह नियमित अंतराल पर बहादुरगढ़ आते रहते हैं। वहां वह हरियाणा और बाहरी दिल्ली के स्थानीय अपराधियों के संपर्क में आया। जल्दी पैसा कमाने के लिए उसने इलाके में पिस्तौलें बेचना भी शुरू कर दिया। वह मध्य प्रदेश के खरगोन स्थित एक हथियार बनाने वाले से पिस्तौल खरीदता था। उससे जो अवैध पिस्तौल बरामद की इस खेप को घेवरा मोड़, दिल्ली में अपने एक संपर्क व्यक्ति को देने के लिए दिल्ली आया था। उसने यह भी खुलासा किया कि वह 10,000 रुपये से 12,000 रुपये में एक अवैध पिस्तौल खरीदेगा और उसे अपराधियों को 35,000 रुपये से 50,000 रुपये प्रति पीस के हिसाब से बेचेगा। इस हथियार और गोला-बारूद नेटवर्क के सभी आगे और पीछे के लिंकेज की पहचान करने के लिए आगे की जांच चल रही है।