संवाददाता
नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सदस्य राघव चड्ढा की संसद सदस्यता पर तलवार लटकी तो उन्होंने आक्रामक होते हुए कहा है कि भाजपा के झूठ का मुकाबला करना आसान नहीं है। उन्होंने कहा है कि उन्हें जो नोटिस दिया गया है वह उसके खिलाफ अदालत जाएंगे। दूसरी ओर, भाजपा सांसद डॉ. सुधांशु त्रिवेदी ने राघव चड्ढा को सलाह दी है कि उन्हें यह देखना चाहिए कि कहीं वह आम आदमी पार्टी की अंदरूनी राजनीति के शिकार तो नहीं हो गये हैं।
हम आपको बता दें कि गुरुवार सुबह प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए राघव चड्ढा ने दिल्ली सेवा विधेयक से संबंधित एक प्रस्ताव में पांच सांसदों के जाली हस्ताक्षर करने का आरोप लगाने के लिए भाजपा पर निशाना साधा और कहा है कि वह उनकी आवाज को ‘‘दबाने’’ की कोशिश कर रही है। गौरतलब है कि चार सांसदों ने राघव चड्ढा पर नियमों का उल्लंघन कर उनकी सहमति के बिना चयन समिति के गठन के लिए उनका नाम प्रस्तावित करने का आरोप लगाया है। राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने उन सांसदों की शिकायतों का संदर्भ देते हुए मामले की जांच के लिए इसे विशेषाधिकार समिति को भेज भी दिया है।
इस घटनाक्रम के बाद अपनी पहली प्रतिक्रिया में राघव चड्ढा ने कहा कि वह इस मामले पर समिति और अदालत का रुख करेंगे। उन्होंने एक संवाददाता सम्मेलन में यह भी कहा कि यह गलत प्रचार किया जा रहा है कि राज्यसभा में चयन समिति के सदस्यों के नामांकन के लिए हस्ताक्षर और लिखित सहमति की आवश्यकता होती है। चड्ढा ने कहा, ‘‘मैं भाजपा के उन लोकसभा सदस्यों के खिलाफ विशेषाधिकार समिति और अदालत का दरवाजा खटखटाऊंगा जिन्होंने मेरे खिलाफ जालसाजी का झूठा आरोप लगाया है।’’ आप नेता ने कहा, ‘‘जब भी विशेषाधिकार समिति किसी के खिलाफ कार्रवाई शुरू करती है, तो उक्त व्यक्ति सार्वजनिक बयान नहीं देता। लेकिन मजबूरी के कारण मुझे बोलना पड़ रहा है। मैं माननीय सभापति या विशेषाधिकार समिति के खिलाफ नहीं बोलूंगा।’’ चड्ढा ने कहा, ‘‘मैं भाजपा को चुनौती देता हूं कि वह उन दस्तावेजों को दिखाए जिनमें जाली हस्ताक्षर हैं, जैसा कि उन्होंने आरोप लगाया है। मेरे खिलाफ शिकायतों पर संसदीय बुलेटिन में जालसाजी, जाली हस्ताक्षर का कोई जिक्र नहीं है।’’ उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा ‘‘उनकी आवाज को दबाने की कोशिश कर रही है’’।
हम आपको बता दें कि राज्यसभा के एक बुलेटिन में कहा गया है कि सभापति को उच्च सदन के सदस्य सस्मित पात्रा, एस फांगनोन कोन्याक, एम थंबीदुरई और नरहरि अमीन से शिकायतें मिली हैं, जिन्होंने चड्ढा पर विशेषाधिकार हनन का आरोप लगाया है और अपनी शिकायत में सात अगस्त को एक प्रस्ताव में प्रक्रिया एवं नियमों का उल्लंघन करते हुए उनकी सहमति के बिना उनके नाम शामिल किए जाने का जिक्र किया है। उल्लेखनीय है कि राघव चड्ढा ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक, 2023 पर विचार करने के लिए एक चयन समिति के गठन का प्रस्ताव रखा था और इसमें चार सांसदों के नाम शामिल किए थे।
दूसरी ओर भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने राघव चड्ढा के बयान पर पलटवार करते हुए राघव चड्ढा को सलाह दी कि उन्हें यह देखना चाहिए कि कहीं पार्टी के भीतर से ही तो उन्हें राजनीतिक रूप से निबटाने की साजिश तो नहीं रची गयी। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी का इतिहास बताता है कि उसके प्रमुख नेता ने अन्ना हजारे, प्रशांत भूषण, कुमार विश्वास तथा कई अन्य बड़े नेताओं को तब साइड कर दिया जब वह आगे बढ़ रहे थे। उन्होंने कहा कि राघव चड्ढा को देखना चाहिए कि कहीं साजिश उधर से ही तो नहीं हुई है।