संवाददाता
नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल एनडीआर टीम ने दो अंतरराज्यीय हथियार तस्करों को गिरफ्तार है। उनके कब्जे से .32 बोर की 12 सेमी-ऑटोमैटिक पिस्तौल बरामद की गई है। इन अवैध हथियारों को मध्य प्रदेश के सप्लायरों से खरीदकर दिल्ली और पंजाब के अपराधियों को बेचा जाना था।
स्पेशल सेल के विशेष आयुक्त एचजीएस धालीवाल ने बताया कि डीसीपी एनडीआर राजीव रंजन की टीम में शामिल एसीपी ललित मोहन नेगी और श्री. हृदय भूषण और इंस्पेक्टर प्रवीण दुग्गल व राकेश राणा की टीम ने दोनों तस्करों को गिरफ्तार किया है, जिनकी पहचान शमशेर सिंह उर्फ शेरा , लवदीप सिंह उर्फ लव केरूप में हुई दोनों अमृतसर, पंजाब के रहने वाले हैं। दोनों आरोपियों को मजलिस पार्क मेट्रो स्टेशन के पास मुकुंदपुर फ्लाईओवर से पकड़ा गया, जबकि उनके पास .32 बोर की 12 पिस्तौलें थीं। बरामद अवैध हथियारों को उन्हें दिल्ली और पंजाब में अपराधियों को सप्लाई करना था।
डीसीपी राजीव रंजन ने बताया कि हथियार तस्करों के खिलाफ स्पेशल सेल लगातार अभियान चला रही है इसी क्रम में सेल एनडीआर की टीम को इनपुट मिला कि पंजाब के दो अपराधी विभिन्न गिरोहों से जुड़े दिल्ली और पंजाब स्थित अपराधियों को अवैध हथियारों की आपूर्ति करने में लिप्त हैं। 20 जुलाई 2023 को विशेष सूचना प्राप्त हुई कि दो ऐसे हथियार तस्कर रात 9 बजे के बीच दिल्ली के मजलिस पार्क मेट्रो स्टेशन के पास आएंगे। और रात 10 बजे दिल्ली में अपराधियों को अवैध आग्नेयास्त्रों की आपूर्ति करना।
स्पेशल सेल/एनडीआर की एक टीम ने सूचना के स्थान के आसपास जाल बिछाया। रात करीब 9 बजे टीम ने दिल्ली के मुकुंदपुर फ्लाईओवर के नीचे दो लड़कों को बैग लेकर खड़े देखा। मुखबिर की निशानदेही पर छापेमारी टीम ने दोनों आरोपियों को काबू कर लिया। औपचारिक तलाशी लेने पर आरोपी शमशेर सिंह उर्फ शेरा के पास उसके बैग में .32 बोर की सात पिस्तौलें पाई गईं, जबकि आरोपी लवदीप सिंह के पास उसके बैग में .32 बोर की पांच पिस्तौलें पाई गईं। पूछताछ पर अभियुक्तों ने बताया कि उन्हें 05 पिस्तौल दिल्ली में अपराधियों को बेचनी थी, जबकि 07 पिस्तौल अमृतसर, पंजाब के कुख्यात पेजा गिरोह के सदस्यों को देनी थी। उन्होंने आगे खुलासा किया कि उन्होंने रुपये में पिस्तौलें खरीदी थीं। मध्य प्रदेश के बुरहानपुर से प्रत्येक को 30,000 रुपये में बेचा जाएगा। प्रत्येक अपराधी को 50,000 रु.
आरोपी शमशेर सिंह ने 8वीं कक्षा तक पढ़ाई की, लेकिन माता-पिता की मौत के बाद उसने पढ़ाई छोड़ दी और मजदूरी करने लगा। साल 2019 में उसे मोटरसाइकिल चोरी के एक मामले में गिरफ्तार कर अमृतसर जेल में बंद कर दिया गया था। जेल में रहते हुए, उसने स्मैक का सेवन करना शुरू कर दिया, जिसे आम तौर पर चिट्टा के नाम से जाना जाता है और वह नशे का आदी हो गया। जेल में मोबाइल फोन का उपयोग करने के लिए उस पर 2021 में जेल अधिनियम के तहत भी मामला दर्ज किया गया था। उसकी दोस्ती मध्य प्रदेश के बुरहानपुर के तारा सिंह से भी हो गई थी, जो आर्म्स एक्ट के एक मामले में अमृतसर जेल में बंद था। जेल से बाहर आने के बाद, वह अपने नशीली दवाओं के खर्चों को पूरा करने के लिए आपराधिक गतिविधियों में शामिल रहा।
अधिक पैसा कमाने के लिए, उसने पास के गांव के एक नशेड़ी साथी लवदीप सिंह को लालच दिया, जो अपनी नशीली दवाओं की खपत को पूरा करने के लिए आपराधिक गतिविधियों में भी शामिल था। दोनों ने मध्य प्रदेश के बुरहानपुर से अवैध असलहों की खेप लेकर उन्हें ऊंचे दामों पर बेचने की योजना बनाई थी। तदनुसार, शमशेर सिंह और लवदीप सिंह मध्य प्रदेश के बुरहंदपुर गए और तारा सिंह से बरामद हथियार खरीदे। ये हथियार दिल्ली और पंजाब में गैंगस्टरों और स्थानीय अपराधियों तक पहुंचाए जाने थे।
आरोपियों को शस्त्र अधिनियम के तहत गिरफ्तार किया गया है, और इस आग्नेयास्त्र नेटवर्क के सभी आगे और पीछे के संबंधों की पहचान करने के लिए आगे की जांच जारी है।