सनातन धर्म अन्याय और अत्याचार के सर्वदा विरुद्ध- श्रीमहंत स्वामी नारायण गिरी जी महाराज
सनातन के मंदिर तोड़ने वालों की औलादों को अपने पुरखों के कुकृत्य पर माफी मांगनी चाहिए-श्रीमती नायला कादरी बलोच
संवाददाता
गाजियाबाद। बलूचिस्तान की निर्वासित सरकार की प्रधानमंत्री नायला कादरी बलोच महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी जी व डॉ उदिता त्यागी जी के साथ श्रीदुधेश्वरनाथ मठ पहुँची जहाँ श्रीमहन्त नारायण गिरि जी महाराज व उनके शिष्य दिल्ली गेट देवी मंदिर के महंत गिरिशानंद गिरि जी महाराज,स्वामी रमेशानन्द गिरि जी महाराज तथा अन्य संतो और ब्राह्मणों ने उनका स्वागत किया और आजाद बलोचिस्तान के निर्माण के लिये देवाधिदेव भगवान महादेव शिव की विशेष पूजा की।
सनातन धर्म के उपासना स्थलों में मिले प्यार और सम्मान से अभिभूत होकर श्रीमती नायला कादरी ने कहा कि सनातन धर्म के मंदिर और उपासना स्थल सम्पूर्ण मानवता के लिये प्रेम और सम्मान से भरे हुए हैं।पता नही वो कौन सा पागलपन है जो कुछ लोगो को ऐसे मन्दिर और उपासना स्थल को तोड़ने की इजाजत देता है।मन्दिरो को तोड़ने वाले कोई राजा,महाराजा या सुल्तान नहीं थे बल्कि चोर डाकू थे।यदि ऐसे चोर डाकुओं की औलादें कहीं हैं या कोई खुद को उनकी औलाद मानता है तो उसे अपने पुरखों के कारनामो पर शर्मिंदा होना चाहिये और इसके लिये हिन्दुओ से माफी मांगनी चाहिये।
उन्होंने यह भी कहा कि जो हमारे साथ हो रहा है उससे सारे विश्व को सबक लेना चाहिये।
नायला कादरी बलोच ने यह भी कहा कि वो यहाँ कुछ मांगने नही बल्कि यहाँ के हिन्दुओ को हिंगलाज माता का आशीर्वाद देने के लिये आई है।
दूधेश्वरनाथ पीठाधीश्वर स्वामी नारायण गिरी जी महाराज ने स्वयं नायला कादरी को चादर उठाकर व माला पहनाकर सम्मानित किया।बलोचिस्तान की आजादी के लिये आशिर्वाद देते हुए स्वामी जी ने कहा कि सनातन धर्म सदैव की अन्याय और अत्याचार के विरुद्ध रहा है।हम हर तरह से बलोच भाइयों के साथ हैं और उनका समर्थन करते हैं।
स्वामी नारायण गिरी जी महाराज ने भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी से इस विषय मे त्वरित कदम उठाने की भी अपील की।
इस अवसर पर सरदार रविरंजन सिंह, कैप्टन शशिभूषण त्यागी, अंकित वर्मा,अंकुर जावला सहित अनेक गणमान्य भक्त उपस्थित थे।