श्री पंच दशनाम जूना अखाडे के अंतरराष्ट्रीय संरक्षक श्रीमहंत हरि गिरि ने कराए दर्शन
महामंडलेश्वर महंत यति नरसिंहानंद गिरि व महंत गिरिशानंद गिरि भी साथ रहे
वृंदावन। गांधी मार्ग स्थित दत बिहारी मंदिर दिल्ली वाली बगीची में जल्द ही काली माता की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा होगी। प्राण-प्रतिष्ठा के लिए भव्य समारोह का आयोजन होगा। जिसमें देश भर से साधु-संत व श्रद्धालु पहुंचेंगे। श्री पंच दशनाम जूना अखाडे के अंतरराष्ट्रीय संरक्षक श्रीमहंत हरि गिरि ने अखाडा परिषद के महामंत्री व महामंडलेश्वर तथा देवी मंदिर डासना के महंत यति नरसिंहानंद गिरि, श्री दूधेश्वर पीठाधीश्वर, जूना अखाड़े के अंतरराष्ट्रीय प्रवक्ता, दिल्ली-एनसीआर संत महामंडल के राष्ट्रीय अध्यक्ष व हिंदू यूनाइटिड फ्रंट के अध्यक्ष श्रीमहंत नारायण गिरि, श्रीमहंत हरि गिरि महाराज के शिष्य हरसिद्धि गिरि बिसहैडा ग्रेटर नोएडा व देवी मंदिर दिल्ली गेट के महंत गिरिशानंद गिरि को माता काली के दिव्य रूप के दर्शन कराए।
श्रीमंहत नारायण गिरि ने बताया कि श्रीमहंत हरि गिरि महाराज ने इस दौरान बहुत सी ज्ञानवर्धक जानकारियां भी दीं। उन्होंने बताया कि चैतन्य देव महाप्रभु सबसे पहले चामुुंडा माता राजपुरा आए थे। जिस-जिस स्थान पर हाथ पर रख दिया, उसकी खोज की। अपने गुरू भाई स्वामी नित्यानंद के साथ संकीर्तन करते हुए आए और वृंदावन की खोज की। वृंदावन को जो आज स्वरूप है, वह उनकी ही देन है। बांके बिहारी जो प्रकट करने वाले हरिदास जी गोस्वामी परिवार से हैं। उनके वशंज आज भी गोस्वामी परिवार तथा चैतन्य देव महाप्रभु की परम्परा का अनुसरण करते हुए भगवान की आराधना कर सनातन धर्म व संस्कृति को विश्व भर में फैलाने का काम कर रहे हैं।
आज पूरे विश्व में हरि नाम संकीर्तन की गूंज है और पूरा विश्व हरि नाम का संकीर्तन कर रहा है तो इसका श्रेय चैतन्य देव महाप्रभु को ही है। जूना अखाडा की एकमात्र शाखा श्री पंच दशनाम जूना अखाडा वृंदावन में धार्मिक चेतना का प्रकाश फैला रही है। अखाडा द्वारा गांधी मार्ग स्थित दत बिहारी मंदिर दिल्ली वाली बगीची में जल्द ही काली माता की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा कराई जाएगी। इससे पहले सभी संतो को माता काली के दिव्य रूप के दर्शन कराए।