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2020 की दिल्ली पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा में गडबडी करने वाले 6 आरोपियों को अपराध शाखा ने किया गिरफ्तार

इनमें से छह आरोपी दिल्‍ली पुलिस के कर्मचारी जबकि छह परीक्षा केन्‍द्र के स्‍टाफ डयूटी से है

संवाददाता

नई दिल्‍ली। अपराध शाखा की साइबर सेल  टीम ने दिल्ली पुलिस के तीन कर्मचारियो व परीक्षा केंद्र के तीन कर्मचारियो को गिरफ्तार किया है। ये सभी दिल्ली पुलिस कांस्टेबल भर्ती धोखाधडी में शामिल थे।

अपराध शाखा के स्‍पेशल सीपी रविन्‍द्र सिंह यादव ने बताया कि आरोपियों के नाम परवीन निवासी सांपला, रोहतक, हरियाणा,  शिखा  निवासी पानीपत, हरियाणा, विशाल कुमार निवासी सहारनपुर, उत्तर प्रदेश,  राधे श्याम निवासी सहारनपुर, उत्तर प्रदेश, विकास कुमार  निवासी हरिद्वार, उत्तराखंड और  मोहित कुमार बालियान निवासी खतौली  उत्तर प्रदेश हैं।

स्‍पेशल सीपी ने बताया कि साइबर सेल, अपराध शाखा में एक शिकायत प्राप्त हुई थी, जिसमें शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया था कि दिल्ली पुलिस पुरुष और महिला (कार्यकारी) 2020 की भर्ती जो कि कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी) द्वारा आयोजित की गयी थी  के दौरान एक उम्मीदवार अर्जुन सिंह, निवासी ग्राम दुहरकी, थाना रामपुर मनिहारान, जिला सहारनपुर, उत्तर प्रदेश, ने जाली तरीकों से अपनी परीक्षा उत्तीर्ण की है ।

जांच के दौरान, कथित उम्मीदवार अर्जुन सिंह से पूछताछ की गई,  उसने खुलासा किया कि उसने आईओएन डिजिटल जोन, रूड़की-देहरादून हाईवे, उत्तराखंड में आयोजित परीक्षा, प्रतिरूपण की मदद से उत्तीर्ण की थी। कर्मचारी चयन आयोग से सीसीटीवी फुटेज सहित अपेक्षित जानकारी प्राप्त की गई व सीसीटीवी फुटेज का विश्लेषण करने पर पता चला कि अभ्यर्थी अर्जुन सिंह परीक्षा लैब में प्रवेश कर अपनी सीट पर बैठा था व कुछ समय बाद उसने अपनी सीट छोड़ दी और लगभग 10 मिनट बाद एक फर्जी अभ्यर्थी अर्जुन सिंह की सीट पर आकर बैठ गया और उसकी ऑनलाइन परीक्षा पूरी की। सीसीटीवी फुटेज की गहन जांच के बाद पता चला कि उम्मीदवार अर्जुन सिंह के स्थान पर एक फर्जी उम्मीदवार परीक्षा में शामिल हुआ था।

जांच के दौरान पता चला कि अर्जुन सिंह की परीक्षा किसी अन्य उम्मीदवार ने दी थी। अर्जुन सिंह को परीक्षा पास कराने के लिए आईओएन डिजिटल जोन, रूड़की-देहरादून हाईवे, उत्तराखंड के परीक्षा हॉल में एक फर्जी उम्मीदवार भेजा गया था। जिसके लिए उसने 09 लाख रूपये की राशि का भुगतान किया था। जांच से यह बात सामने आई है कि प्रवीण कुमार नामक व्यक्ति को फर्जी उम्मीदवार बनाकर भेजा गया था।

जांच के दौरान मामले में संदिग्ध प्रवीण कुमार को गिरफ्तार किया गया, जो पैसे के बदले सह-आरोपी उम्मीदवार अर्जुन सिंह की ओर से उपरोक्त परीक्षा में शामिल हुआ था। जांच के दौरान आरोपी प्रवीण कुमार ने खुलासा किया कि लैब स्टाफ की मदद से वह अभ्यार्थी अर्जुन सिंह की परीक्षा में शामिल हुआ था।

पूछताछ के दौरान, साजिश में शामिल सिपाही विशाल और महिला सिपाही शिखा नामक दो अन्य आरोपियों को भी मामले में गिरफ्तार किया गया है। दोनों आरोपियों ने वर्तमान मामले में अपनी संलिप्तता स्वीकार की और बताया कि पीएसआई प्रवीण उपरोक्त अर्जुन सिंह की परीक्षा में उपस्थित हुआ था।

आगे की पूछताछ के दौरान  आरोपी सिपाही विशाल ने खुलासा किया कि वह 2018 में दिल्ली पुलिस में भर्ती हुआ था और 2020 में दिल्ली के मंगोलपुरी में एक महिला सिपाही से मिला था। महिला सिपाही ने कहा कि वह पेमेंट के आधार पर किसी भी एग्जाम को पास करा सकती हैं। विशाल ने आगे खुलासा किया कि वर्ष 2020 में, उनके एक दोस्त अर्जुन निवासी गांव- डुहरकी ने उन्हें बताया कि उन्होंने दिल्ली पुलिस कांस्टेबल के लिए आवेदन किया है। विशाल को दिल्ली पुलिस में भर्ती करने  के लिए महिला सिपाही ने 09 लाख रुपये में बात तय की थी। बाद में महिला सिपाही और उसके सहयोगियों द्वारा प्रवीण (फर्जी उम्मीदवार) को भेजा गया, जो अर्जुन के स्थान पर परीक्षा में उपस्थित हुआ और परीक्षा पास कर ली, परन्तु अर्जुन ने तय राशि का भुगतान नहीं किया। उसके पश्चात् इन सभी ने अर्जुन के घर जाकर उसके परिवार से पैसों के लिए झगड़ा किया।

जांच के दौरान, लैब स्टाफ राधे श्याम, विकास कुमार, मोहित कुमार बालियान को भी गिरफ्तार किया गया और उन्होंने खुलासा किया कि वे सभी आईओएन डिजिटल जोन, रुड़की-देहरादून राजमार्ग, उत्तराखंड लैब में रुड़की कॉलेज ऑफ फार्मेसी (आरसीपी) द्वारा प्रतिनियुक्त किए गए थे।

आरोपी राधे श्याम और विकास कुमार ने खुलासा किया कि उन्होंने मोहित कुमार बालियान के निर्देश पर परीक्षा स्थल में किसी अन्य जाली विद्यार्थी को प्रवेश करने में उसकी मदद की। इसके अलावा आरोपी मोहित कुमार बालियान ने खुलासा किया कि उसे भी आरसीपी कॉलेज द्वारा लैब में प्रतिनियुक्त किया गया था। परीक्षा के दौरान उसने राधे श्याम और विकास कुमार को परीक्षा में अन्य जाली विद्यार्थी को शामिल करने का निर्देश दिया गया था व परीक्षा केंद्र के सीसीटीवी फुटेज के साथ भी छेड़छाड़ की।

गिरफृतार आरोपियों में से सांपला का रहने वाला प्रवीण दिल्ली पुलिस में सब-इंस्पेक्टर है। आरोपी शिखा 2019 में दिल्ली पुलिस में कांस्टेबल के रूप में भर्ती हुई थी। आरोपी विशाल कुमार भी साल 2019 से दिल्ली पुलिस में बतौर कांस्टेबल के पद तैनात है।

राधे श्याम, आईओएन डिजिटल जोन, किशनपुर, रुड़की, उत्तराखंड में एक इलेक्ट्रीशियन था, उसने परीक्षा के दौरान मोहित कुमार बालियान के निर्देश पर फर्जी अभ्यर्थीयों को परीक्षा स्थल में प्रवेश करने में मदद की।

जबकि विकास कुमार आईओएन डिजिटल जोन, किशनपुर, रुड़की, उत्तराखंड में चपरासी था और आरसीपी कॉलेज के लैब में नियुक्त किया गया था। उसने ऊपरी सीढ़ी का ताला खोलने के बाद मोहित कुमार बालियान के निर्देश पर परीक्षा केंद्र में प्रवेश करने में फर्जी अभ्यर्थीयों की मदद की। जबकि मोहित कुमार बालियान आईओएन डिजिटल जोन, किशनपुर, रुड़की, उत्तराखंड में आईटी हेड/नेटवर्क एडमिन था। परीक्षा के दौरान उसने राधे श्याम और विकास को परीक्षा में फर्जी अभ्यर्थीयों को प्रवेश देने का निर्देश दिया था। उसने परिक्षास्थल के सीसीटीवी फुटेज में भी छेड़छाड़ की थी।

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