संवाददाता
मुरादनगर में वैश्य समाज पार्टी बनकर रह गई है बीजेपी
कमेटी के सभी मुख्य पद सिर्फ़ वैश्य समाज के प्रतिनिधि के पास
पालिका चुनाव में मंडल अध्यक्ष अपने वार्ड में भी भाजपा को ना जिता पाए
मुरादनगर। कहा जाता है कि नेता कि अग्निपरीक्षा चुनाव में होती है, अभी हाल में सम्पन्न हुए नगर निकाय चुनाव में भाजपा महानगर के अन्तर्गत दोनों नगर पालिका मुरादनगर और खोड़ा में भाजपा को हार का सामना करना पड़ा। लेकिन हार ऐसी जिससे मुँह भी ना छुपाया जाये तो क्या कहेंगे। ऐसा ही दिलचस्प मामला मुरादनगर नगर मंडल में देखने को मिला, मुरादनगर (नगर) मण्डल में पार्टी के सिर्फ़ 7 सभासद ही चुनाव जीत पाये। आपको बता दे इनमें से 3 उम्मीदवार ऐसे है जोकि अपने दम पर चुनाव जीतने का हक़ रखते है। सोनू त्यागी, शिवा सहरावत, टिंकल जोकि पार्टी से अलग एक मज़बूत नेता है।
नितिन गोयल जिस वार्ड में निवास करते है और जहां से उनकी टीम में सबसे ज़्यादा पदाधिकारी है वो था वार्ड 3, यहाँ से पार्टी में वाल्मीकि समाज से गौरव वाल्मीकि को टिकट दिया, गौरव वाल्मीकि पार्टी का पुराना कार्यकर्ता लेकिन आपसी गुटबाज़ी से अध्यक्ष अपना भी क़िला नहीं बचा पाये।
जब हमारी टीम ने इस वास्तविकता पर बारीकी से ध्यान दिया तो पता चला कि मुरादनगर नगर पालिका में वैश्य समाज कि 4000 के क़रीब वोट है, ब्राह्मण समाज की सबसे अधिक 15000 वोट है, वहीं त्यागी, जाट समाज भी संख्या में नगर पालिका में अपनी पकड़ रखते है। लेकिन पिछले 9 साल से पार्टी सिर्फ़ वैश्य समाज पर अपना दाव खेल रही है, नगर पालिका चुनाव हो, विधानसभा चुनाव हो पार्टी को नगर के क्षेत्र में हार का सामना ही करना पड़ रहा है।
उसका मुख्य कारण पार्टी का सिर्फ़ एक ही समाज तक सीमित रहना सभी पदाधिकारी वैश्य समाज से ही ताल्लुक़ रखते है। अध्यक्ष, महामंत्री, उपाध्यक्ष, कोषाध्यक्ष, संयोजक सभी वैश्य समाज के प्रतिनिधि है।
महानगर अध्यक्ष बनने की तैयारी शुरू हो चुकी है, उसके बाद नगर की टीम का गठन होना है देखते है कौन बनता है अगला अध्यक्ष। जाहिर है कि मंडल अध्यक्ष बनाते समय महागनर के नए मुखिया अब शायद ही वैश्य नेता को मुरादनगर मंडल अध्यक्ष का सौंपने का जोखिम लें।