संवाददाता
नई दिल्ली। अपराध शाखा की उत्तरी रेंज-II टीम ने कंझावला में दस साल पहले हुए एक सामूहिक बलात्कार कांड के फरार आरोपी को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है। आरोपी का राजस्थान के जालौर से पकडा गया है।2013 से फरार चल रहे आरोपी की गिरफ्तारी पर 25,000 /- का इनाम भी घोषित किया गया था।
क्राइम ब्रांच के डीसीपी अंकित सिंह ने बताया कि आरोपी सूरज ने अपने ताऊ के लडके शंकर के साथ कंझावला इलाके में घर में घुसकर एक महिला के साथ बलात्कार करके दोनों आरोपी मौके से भाग गए। गैंग रेप की शिकायत थाना कंझावला में दिल्ली दर्ज की गई थी। जांच के दौरान आरोपी शंकर को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था लेकिन आरोपी सूरज गिरफ़्तारी से बचने के लिए फरार चल रहा था । उसे माननीय अदालत द्वारा भगोड़ा भी घोषित किया गया था ।
डीसीपी ने बताया कि प्रधान सिपाही नवीन और सिपाही कृष्ण को सामूहिक बलात्कार मामले में फरार वांछित आरोपी सूरज के बारे में गुप्त सूचना मिली थी। जिसके आधार पर एसीपी नरेंद्र सिंह की देख रेख में एक टीम का गठन किया गया जिसका नेतृत्व इंसपेक्टर संदीप तुषीर कर रहे थे। जिसमें एसआई सचिन डबास, दीपेंद्र सिंह मलिक, एएसआई प्रदीप गोदारा, प्रधान सिपाही नवीन और सिपाही कृष्ण शामिल थे। मैनुअल और तकनीकी निगरानी के माध्यम से जानकारी एकत्रित की गयी और आरोपी का पता नंदिया, जिला जालौर, राजस्थान में लगाया गया। जहां जाल बिछाया और आरोपी सूरज को गिरफ्तार कर लिया |
पूछताछ के दौरान आरोपी सूरज ने थाना कंझावला के सामूहिक बलात्कार मामले में अपनी संलिप्तता स्वीकार की। उसने आगे खुलासा किया कि इस घटना के बाद उसने दिल्ली छोड़ दी और अपनी गिरफ्तारी से बचने के लिए वह नियमित रूप से अपने ठिकाने बदल रहा था। पुलिस की गिरफ्त से बचने के लिए वह अधिकांश समय गाँव के खेतों में रहता था । आरोपी सूरज ( 34) जिला जालोर, थाना बगोड़ा, राजस्थान का रहने वाला है और एक किसान परिवार व पेशे से मजदूर है।