संवाददाता
नई दिल्ली। दिल्ली सरकार में सभी रिक्त स्थायी पदों को भरने की अपनी प्रतिबद्धता की दिशा में एक और कदम आगे बढ़ाते हुए एलजी वीके सक्सेना ने 849 नए भर्ती किए गए सरकारी अधिकारियों व कर्मचारियों को नियुक्ति पत्र वितरित किए । इससे पहले 24 फरवरी और 19 अप्रैल को हुए ऐसे ही समारोह को मिलाकर हुए तीनों कार्यक्रम में एलजी ने 2600 से अधिक नव चयनित कर्मचारियों को नियुक्ति पत्र सौंपे थे।
दिल्ली के उपराज्यपाल का पदभार सँभालने के दिन से ही माननीय उपराज्यपपाल लगातार स्वीकृत पदों की रिक्तियों की पहचान “मिशन मोड” में करने और भरने पर जोर दे रहे हैं । उनके द्वारा भर्ती प्रक्रिया के निरंतर पर्यवेक्षण और निगरानी के परिणामस्वरूप डीएसएसएसबी और यूपीएससी के माध्यम से दिल्ली सरकार में अबतक लगभग 17000 नई नियुक्तियां की गई हैं ।
दिल्ली सरकार के सेवा विभाग द्वारा विज्ञान भवन में आयोजित आज के समारोह में उपराज्यपाल ने 849 नव नियुक्त सरकारी अधिकारियों / कर्मचारियों को नियुक्ति पत्र प्रदान किए। शिक्षा निदेशालय और दिल्ली नगर निगम में 500 से अधिक नई नियुक्तियाँ हुईं हैं और बाकी नई नियुक्तियाँ सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण विभाग, प्रशिक्षण और तकनीकी शिक्षा विभाग, अभियोजन, डीयूएसआईबी और दिल्ली जल बोर्ड जैसे अन्य विभागों में की गईं है। चयनित उम्मीदवारों में से कई महिलाएं दिव्यांग और अन्य आरक्षित श्रेणियों से हैं। इस अवसर पर मुख्य सचिव, दिल्ली, तथा दिल्ली सरकार के विभिन्न विभागों/ स्थानीय निकायों/ स्वायत्त निकायों के प्रमुख एवं अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
समारोह में ए. के. सिंह, आईएएस, प्रधान सचिव (सेवाएं) ने स्वागत भाषण दिया और बताया कि दिल्ली के एलजी पूरी भर्ती प्रक्रिया की स्वयं निरंतर निगरानी कर रहे हैं। दिल्ली अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड के सचिव ने अपने संबोधन में बताया कि पिछले 1 वर्ष में बोर्ड की दक्षता में महत्वपूर्ण सुधार हुआ है। यह प्रतियोगी परीक्षाओं के संचालन के लिए एक कुशल और पारदर्शी तंत्र स्थापित करने में सक्षम रहा है, जिसमे पेपरलेस और संपर्क रहित तरीके से परीक्षा लेने के अलावा परीक्षा केंद्रों पर बायोमेट्रिक जांच भी शामिल है। प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने के लिए उठाए गए विभिन्न कदमों के कारण परिणामों की घोषणा में अब 12 महीनों की जगह सिर्फ 6-8 महीने लगता है।
जो नवनियुक्त सरकारी कर्मचारी एपीपी अमित यादव और टीजीटी नीलम ने भी इस अवसर पर अपने विचार रखे और उपराज्यपाल से नियुक्ति पत्र प्राप्त करने का अवसर प्रदान करने के लिए अपना आभार व्यक्त किया। सभी नए भर्ती किए गए अधिकारियों/कर्मचारियों की ओर से उन्होंने दिल्ली को देश के बाकी हिस्सों के लिए एक उदाहरण बनाने के लिए समर्पण, ईमानदारी और पारदर्शिता के साथ काम करने की शपथ ली ।
मुख्य सचिव नरेश कुमार ने भी श्रोताओं को संबोधित किया। उन्होंने नए भर्ती किए गए सरकारी कर्मचारियों को दिल्ली सरकार की सरकारी सेवा में प्रवेश करने पर बधाई दी और कहा इसके लिए उन्हें खुद पर गर्व होना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि देश के अन्य हिस्सों में लोग दिल्ली को देश की राजधानी होने के नाते, इसकी सेवाओं और अन्य सार्वजनिक वितरण प्रणाली को एक आदर्श के रूप मे देखते हैं और चूंकि वे दिल्ली सरकार में लोक सेवक के रूप में शामिल हुए हैं, इसलिए चीजों को और भी बेहतर बनाना उनका कर्तव्य है। उन्होंने माननीय प्रधानमंत्री के ‘अमृत काल’ दृष्टिकोण का उल्लेख किया, जिसमे भारत को 2047 तक एक समृद्ध और विकसित देश बनाने की परिकल्पना की गई है। मुख्य सचिव ने नवनियुक्त सरकारी कर्मचारियों से आग्रह किया कि वे पूरे जुनून और उत्साह के साथ पहले दिन से ही इस दिशा में काम करना शुरू कर दें ताकि देश को विकसित देश बनने के लिए 2047 तक इंतजार न करना पड़े। उन्होंने उनसे अपनी सीखने की प्रक्रिया जारी रखने का भी आग्रह किया।
मुख्य सचिव ने विभिन्न विभागों के प्रयासों की भी सराहना की, जिसके कारण पहले से कहीं अधिक तेजी से नई भर्तियां करना संभव हो पाया है और दर्शकों को यह भी सूचित किया कि पांच तिमाहियों में की गई नई भर्तियों, उससे पिछले की पांच तिमाहियों मे की नई भर्तियों से 271% अधिक है।
एलजी वीके सक्सेना ने भी दिल्ली के लोगों की ओर से नवनियुक्त सरकारी कर्मचारियों को बधाई दी। उन्होंने आगे कहा कि उन्हें नियुक्ति पत्र सौंपते हुए बहुत खुशी हो रही है, जो न केवल 849 नए भर्ती किए गए अधिकारियों/कर्मचारियों को सशक्त बना रहा है, बल्कि उनके परिवारों को भी सशक्त बना रहा है।
उन्होंने कहा कि दिल्ली के उपराज्यपाल का कार्यभार संभालने के दिन से ही “मिशन मोड” में स्वीकृत पदों की पहचान करना और भरना, भर्ती की एक निष्पक्ष और पारदर्शी प्रणाली लाना जिसके माध्यम से केवल सक्षम और योग्य उम्मीदवारों का स्थायी आधार पर चयन किया जा सके और तदर्थवाद की प्रणाली को समाप्त किया जा सके, उनकी प्राथमिकता रही है । उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि “हर हाथ मे काम” हमारे माननीय प्रधान मंत्री का सोच है और तदनुसार वह यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि बेरोजगारों के लिए अधिक से अधिक नौकरी के अवसर उपलब्ध हों और योग्य उम्मीदवारों का चयन निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से हो।
मुख्य सचिव ने पिछले एक वर्ष के दौरान इस संबंध में संबंधित विभागों द्वारा किए गए प्रयासों पर भी प्रकाश डाला और दर्शकों को सूचित किया कि इसके परिणामस्वरूप दिल्ली सरकार में डीएसएसएसबी और यूपीएससी के माध्यम से 17000 से अधिक नई नियुक्तियां हुई हैं और निकट भविष्य में 4500 और नियुक्तियां की जाएंगी। उन्होंने यह भी बताया कि दिल्ली सरकार के तहत विभागों/संगठनों में की गई इन नई भर्तियों के अलावा दिल्ली पुलिस में विभिन्न स्तरों पर 6000 पदों पर नियुक्ति के लिए आवश्यक कार्रवाई की जा चुकी है और जल्द ही आदेश भी जारी किए जाएंगे।
अंत में, उन्होंने नवनियुक्त सरकारी कर्मचारियों से फिर से आग्रह किया कि वे दिल्ली के लोगों की भलाई के लिए पूरी ईमानदारी और पारदर्शिता के साथ एक सरकारी कर्मचारी के रूप में अपने कर्तव्यों का पालन करें और दिल्ली को देश के अन्य हिस्सों के लोगों के लिये एक उदाहरण के रूप मे प्रस्तुत करें ।