विशेष संवाददाता
नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने दिल्ली के विभिन्न स्थानों से अपहरण किए गए 2 नाबालिग लड़कियां और 01 नाबालिग लड़का बरामद कर उनके परिवार से मिलाया है।
अपराध शाखा के विशेष आयुक्त रविन्द्र यादव ने बताया कि क्राइम ब्रांच ने कई ऐसे बच्चों का पता लगाया है जो किसी न किसी कारण से अपने परिवारों से बिछड़ गए थे। लापता बच्चों का पता लगाने के लिए अपराध शाखा द्वारा एक विशेष अभियान चलाया गया है। डीसीपी अंकित सिंह और एसीपी रविंदर राजपूत की देखरेख में पीड़ितों का पता लगाने और बरामद करने के लिए इंसपेक्टर वीरेंद्र कुमार के साथ हैड कांस्टेबल अनुज कुमार महिला हैड कांस्टेबल सुकन्या की टीम लगातार अपहृत बच्चों के डेटा पर काम कर रही हैं। साल 2022 में थाना शाहबाद डेयरी इलाके से एक 16 वर्षीय नाबालिग लड़की के अपहरण का मामला दर्ज हुआ था। मामले की जांच स्थानीय पुलिस कर रही थी। स्थानीय टीम द्वारा जांच के दौरान पीड़िता का पता लगाने का प्रयास किया गया लेकिन कोई सुराग नहीं मिला।
अपराध शाखा की टीम ने उसका डेटा निकालकर स्थानीय सूचना के आधार पर कुछ संदिग्धों को चिन्हित किया और उनसे पूछताछ की गई लेकिन लापता लड़की के बारे में कोई जानकारी नहीं मिल सकी। बाद में तकनीकी निगरानी के आधार पर लड़की का पता लगाया गया, टीम ने थाना कोतवाली, जिला मारेहरा, उत्तर प्रदेश के क्षेत्र में लापता लड़की को ढूंढ निकाला और थाना शाहबाद डेयरी, दिल्ली की स्थानीय पुलिस को सौंप दिया।
28 अप्रैल 2023 को एक 16 वर्षीय नाबालिग लड़की का थाना नंद नगरी में भी केस दर्ज हुआ था। इस मामले की जांच में भी स्थानीय पुलिस पीड़िता का कोई सुराग नहीं लगा सकी ।
अपराध शाखा की एएनटीयू टीम ने इस लडकी को भी तकनीकी जानकारी के आधार पर थाना सासनी गेट, जिला अलीगढ़, उत्तर प्रदेश से ढूंढ निकाला और थाना नंद नगरी, दिल्ली की स्थानीय पुलिस को सौंप दिया गया।
थाना भजनपुरा, दिल्ली में एक 16 वर्षीय नाबालिग लड़के के अपहरण के संबंध में केस दर्ज किया गया था। लोकल पुलिस जब उसका भी सुराग नही लगा सकी तो एएचटीयू/अपराध शाखा की टीम हरकत में आई और टीम ने वजीराबाद रोड, खजूरी, दिल्ली से लापता लड़के को बरामद कर उसे थाना भजनपुरा, दिल्ली की स्थानीय पुलिस को सौंप दिया।
दोनों नाबालिग पीड़ित लड़कियों की जांच से पता चला है कि संदिग्धों द्वारा उनकी उम्र, पेशे और आर्थिक स्थिति का विवरण छिपाकर शादी के उद्देश्य से उन्हें विभिन्न स्थानों पर ले जाया गया था। जबकि नाबालिग पीड़ित लड़का अपने घर वालों से नाराज होकर घर से चला गया था और दिल्ली में ही रह रहा था ।