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इंटरनेट से नंबर तलाश कर फोन या काम कराने वाले लोगों के लिए चेतवानी हैं ये खबर

होटल बुकिंग के नाम पर साइबर ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश

संवाददाता

नई दिल्‍ली। क्राइम ब्रांच की साइबर सेल ने साइबर ठगी करने वाले एक ऐसे गिरोह के दो अपराधियों को गिरफ्तार किया है जो इंटरनेट पर नंबर खोजकर होटलों में बुंकिंग एडवांस बुकिंग करने वाले लोगों को अपना निशाना बनाते थे।

क्राइब ब्रांच के डीसीपी अंकित सिंह ने बताया कि पकड़े गए दोनों आरोपियों की पहचान देवो सिंह  (22) निवासी भरतपुर, राजस्थान मान सिंह उर्फ मंगत (24) निवासी ऊधम सिंह नगर, उत्तराखंड के रूप में हुई है।  

अपराध शाखा के संयुक्‍त पुलिस आयुक्‍त एसडी मिश्रा ने बताया डीसीपी अंकित सिंह की निगरानी में एसीपी प्रभात सिन्हा इंसपेक्‍टर मनोज कुमार के नेतृत्व में एसआई राकेश मलिक, प्रमोद,  एएसआई संजय, हैड कांस्‍टेबल मोहित मलिक, अक्षय सोलंकी, गौरव, भूपेंद्र, विकास धनखड़, कपिल और सचिन तोमर शामिल की टीम ने आरोपियों को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की थी।

डीसीपी ने बताया कि आर-ब्लॉक, दिलशाद गार्डन में रहने वाले अंबिका प्रसाद शर्मा ने शिकायत दर्ज करायी थी कि अक्टूबर 2022 में वह गुजरात के द्वारकाधीश मंदिर जाना चाहते थे। जिसके लिए उन्होंने गुजरात में ठहरने के लिए होटलों की खोज करने पर होटल कोकिला धीरज धाम व उसका मोबाइल नंबर इन्टरनेट से पता किया।  शिकायतकर्ता नेजब उक्त मोबाइल नंबर पर संपर्क किया तो निर्मल नाम के व्यक्ति ने खुद को कोकिला धीरज धाम होटल का प्रबंधक बताया। कथित निर्मल ने अंबिका प्रसाद से एक लाख 3 हजार रूपए ठग लिए।  इस सन्दर्भ में उन्‍होंने अपराध शाखा में शिकायत की थी।

साइबर शाखा की टीम दो खाता धारकों जगजीत और शिवम, निवासी नानकमत्ता, उधम सिंह नगर, उत्तराखंड से पूछताछ की, जिन्होंने बताया कि बैंक खाते मान सिंह, निवासी गिद्धौर, उधम सिंह नगर, उत्तराखंड द्वारा खोले गए थे। जांच के दौरान आरोपी मान सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया। पूछताछ करने पर मान सिंह ने खुलासा किया कि उसने गरीब और अनपढ़ लोगों के बैंक खाते खुलवाए। उसके बाद उसने एटीएम कार्ड, पास बुक और चेक बुक के साथ उक्त बैंक खाते साइबर धोखाधड़ी करने वालों को 10,000 रुपये प्रति बैंक खाता के हिसाब से बेच दिया।

पुलिस टीम ने विभिन्न बैंकों में 10 से अधिक बैंक खातों का विवरण प्राप्त किया और एटीएम के 40 से अधिक सीसीटीवी फुटेज खंगाली। उनके विश्लेषण के बाद पता चला कि आरोपी राजस्थान के जयपुर में विभिन्न एटीएम से नकद राशि निकालते थे साथ ही फुटेज में दो व्यक्ति एटीएम से ठगी की गयी राशि निकालते हुए दिखाई दिए।

आगे की कार्यवाही में एक मोबाइल जो नंबर देवो सिंह, निवासी डीग, भरतपुर, राजस्थान के नाम पर पंजीकृत था जो डीग, भरतपुर के पास सक्रिय पाया गया। इसका मिलान जयपुर, राजस्थान स्थित एक एटीएम से ठगी की रकम निकालने वाले व्यक्ति से किया गया।

पुलिस टीम ने देवो सिंह के ठिकानों के बारे में स्थानीय मुखबिरों की मदद से जानकारी हासिल कर छापे मारी की और देवो सिंह को जयपुर, राजस्थान से गिरफ्तार कर लिया गया। उनकी गिरफ्तारी से गुजरात व दिल्‍ली में ठगी के दो मामले सुलझाएगए हैं। आरोपियों के कब्‍जे से 2 मोबाइल फोन भी बरामद किए गए हैं।

पूछताछ में पता चला कि  देवो सिंह और उसका दोस्त पिम्मो भरतपुर निवासी खुशी राम के लिए काम करते थे। खुशी राम ने उन्हें एटीएम कार्ड और पिन नंबर दिए थे।  खुशी राम के निर्देश पर, वे विभिन्न एटीएम मशीनों से नकदी निकालते थे। उन्होंने एटीएम से 10 दिनों के भीतर लगभग 10 लाख रुपये निकाले थे। जबकि आरोपी मान सिंह ने गरीब और अनपढ़ लोगों के बैंक खाते खुलवाए। उसके बाद उसने एटीएम कार्ड, पास बुक और चेक बुक के साथ उक्त बैंक खाते साइबर धोखाधड़ी करने वालों को 10,000 रुपये प्रति बैंक खाता के हिसाब से बेच दिया।

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