संवाददाता
नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव की तैयारी में जुटी भाजपा नरेन्द्र मोदी सरकार की उपलब्धियों तो जनता तक पहुंचाने के लिए एक माह का विशेष अभियान चला रहा है। इसे सफल बनाने के लिए दिल्ली सहित अन्य राज्यों में संगठनात्मक बदलाव की प्रक्रिया रोक दी गई है। अब इस अभियान को सफल बनाने में नेताओं के योगदान की समीक्षा की जाएगी और इसी के आधार पर उनका राजनीतिक भविष्य तय किया जाएगा।
अब तक सचदेवा की घोषित नहीं हुई टीम
वीरेंद्र सचदेवा को दिल्ली भाजपा की कमान संभाले हुए लगभग ढाई माह हो गया है, लेकिन अब तक उनकी टीम घोषित नहीं हुई है। पूर्व प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता के समय गठित टीम के सहारे वह संगठन के काम को आगे बढ़ा रहे हैं। मई के अंतिम सप्ताह में सभी 14 संगठनात्मक जिलों के अध्यक्ष घोषित करने की तैयारी थी।
दावेदारों की सूची को अंतिम रूप दिया जा रहा था, लेकिन मोदी सरकार की उपलब्धियों के प्रचार के लिए शुरू हुए अभियान के कारण जिला अध्यक्षों की घोषणा नहीं हुई। पार्टी नेतृत्व का मानना था कि इस समय बदलाव से गुटबाजी बढ़ेगी जिसका असर अभियान पर पड़ेगा, इसलिए अगले माह संगठन में फेरबदल करने का फैसला किया गया है।
अभियान के लिए नेताओं की जिम्मेदारी तय
प्रदेश के नेताओं का कहना है कि अभियान को सफल बनाने के लिए मंडल से प्रदेश स्तर के पदाधिकारियों व अन्य नेताओं की जिम्मेदारी तय की गई है। उनके काम की समीक्षा भी होगी जिससे कि जमीन पर काम करने वाले नेताओं की पहचान हो सके। पार्टी नेतृत्व की अपेक्षाओं पर खरा उतरने वाले नेताओं को मंडल व जिला के साथ प्रदेश में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी जाएगी।
इससे सिर्फ बड़े नेताओं की सिफारिश पर कुर्सी की दौड़ में शामिल लोग बाहर हो जाएंगे। वरिष्ठ नेताओं के अनुसार, पिछले दिनों विदेश यात्रा से प्रधानमंत्री के लौटने पर उनके स्वागत के लिए इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर आयोजित कार्यक्रम के लिए पदाधिकारियों के साथ कई अन्य कार्यकर्ताओं को अलग से जिम्मेदारी दी गई थी, जिससे कि उनके संगठनात्मक कार्य की क्षमता का आकलन हो सके। अब एक माह के अभियान में भी उनके काम पर नजर रखी जा रही है। इस स्थिति में पहले से तैयार संभावित जिला अध्यक्षों की सूची में बदलाव संभव है।