संवाददाता
नई दिलली। दिल्ली पुलिस के स्पे़शल सेल की आईएफएसओ टीम ने लोन एप एडवांस कैश के जरिए देशभर में करीब 1977 लोगों को धोखा देकर देकर करोडो की ठगी करने वाले एक गिरोह के छह लोगों को गिरफ्तार किया है। जांच के दौरान पता चला कि आरोपियों ने कई फर्जी कंपनियों खोलकर उनके नाम पर खोले गए खातों में लगभग 350 करोड़ रूपए के संदिग्ध क्रिप्टो करेंसी का लेन देन हुआ। पुलिस ने 7 मोबाइल फोन, 1 लैपटॉप बरामद और 60 लाख रूपए बरामद किए है।
आईएफएसओ डीसीपी प्रशांत गौतम ने बताया कि माडल टाउन में रहने वाले जय गोयल ने शिकायत की थी कि कुछ लोगों ने एडवांस कैश नाम के लोन ऐप के माध्यम से अवैध रूप से मोबाइल डेटा तक पहुंच बनाकर तत्काल लोन प्रदान करने के बहाने बड़े पैमाने पर जनता से जबरन वसूली और ब्लैकमेल की जा रही है।
पुलिस ने पडताल की तो पता चला कि एनसीआरपी पोर्टल पर दिल्ली क्षेत्र से कुल 102 और पूरे भारत से 1977 शिकायतें इसी ऐप के खिलाफ दर्ज हैं। इसलिए, प्रारंभिक जांच और जांच के बाद स्पेऔशल सेल ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी। एसीपी जय प्रकाश के नेतृत्वल में एसआई सोनम जोशी के साथ एक टीम बनाई गई, जिसमें एसआई करमवीर, हरजीत, एएसआई नीरज पांडे, सुरेंद्र राठी, हैड कांस्टेऔबल धर्मेंद्र, मोहित, राजेश, प्रदीप, कांस्टेदब राकेश, दर्शन, दीपक और हिमांक शामिल थे। जांच के दौरान, विभिन्न बैंकों और आरओसी से खातों, कथित कंपनियों और स्वामित्व के बारे में जानकारी एकत्र की गई। जिससे पता चला कि कंपनियां दिल्ली, सूरत, केरल और कोलकाता के पते पर पंजीकृत थीं। हालांकि, इन कथित कंपनियों के निदेशकों का पता नहीं चल पाया है। इसलिए, टीम ने व्यापक विश्लेषण किया और व्यापक जांच की। आखिरकार पुलिस टीम आरोपियों का पता लगाने में सफल रही और कई स्थालनों पर एक साथ छापेमारी कर आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया।
गिरफ्तार लोगों की पहचान मुस्तजाब गुलाम मोहम्मद नवीवाला निवासी सूरत, गुजरात, अनीसभाई अशरफ भाई विंची निवासी सूरत, गोकुल विश्वास निवासी नदिया, पश्चिम बंगाल, अशोक निवासी सुल्तानपुरी, दिल्ली, बलवंत निवासी सुल्तानपुरी, और नितिन महिपालपुर के रूप में हुई।
पुलिस पूछताछ में पता चला कि ये गिरोह एडवांस कैश नाम के एक मोबाइल एप्लिकेशन के माध्यम से “बहुत कम ब्याज दरों” पर अल्पकालिक लोन की पेशकश करता था और एप्लिकेशन की स्थापना के चरण में पीड़ितों के व्यक्तिगत डेटा तक पहुंच प्राप्त कर लेता था। हालांकि, डिजिटल मोड के माध्यम से पैसे देने के बाद, वे ब्याज दरों में अत्यधिक वृद्धि करते थे और ऋण चुकाने के बाद भी, वे उधारकर्ताओं या उनके रिश्तेदारों को विभिन्न तरीकों से धमकी देकर और पैसे की मांग करते थे, जैसे कि उनकी छेड़छाड़ की गई तस्वीरें साझा करना। जांच के दौरान पता चला कि आरोपी गोकुल, मुस्तजाब, अनीसभाई, अशोक और बलवंत ने फर्जी कंपनियों का रजिस्ट्रेशन करवाया था और बैंक खाते खुलवाए थे जिनमें करीब एक करोड़ रुपये की राशि है। इन खातों में 350 करोड़ रुपये का लेन देन किया गया है, जिसमें से 83 करोड़ रुपये फिर से कमीशन काटकर विभिन्न व्यक्तियों को शार्ट लोन के रूप में बांटे गए। आरोपी नितिन, जो पहले एक टीम लीडर के रूप में एक चीनी लोन ऐप कंपनी में काम कर चुका था, लोन ऐप के काम और रिकवरी के काम से अच्छी तरह वाकिफ है।
पुलिस ने उनके कब्जेक से 7 मोबाइल फोन, 01 लैपटॉप, 15 डेबिट कार्ड और लोगों से ठगी की गई विभिन्न बैंक खातों में जाम 60 लाख रुपयेकी रकम बरामद की है।