सुनील वर्मा
लखनऊ। आईपीएस विजय कुमार को यूपी का नया कार्यवाहक डीजीपी बनाया गया है। योगी सरकार ने बुधवार को 1988 बैच के आईपीएस अधिकारी विजय कुमार को उत्तर प्रदेश का नया कार्यवाहक पुलिस महानिदेशक बनाया है। वर्तमान में ोिप्स विजय कुमार सीबीसीआईडी के महानिदेशक और डीजी विजिलेंस भी हैं। वहीं जनवरी 2024 में आईपीएस विजय कुमार रिटायर होंगे। जिसके बाद डीजीपी के स्थायी नाम पर विचार होगा।
बता दें कि कार्यवाहक डीजीपी आरके विश्वकर्मा का आज कार्यकाल पूरा हो रहा है। वहीं इससे पहले पिछले साल 2022 में योगी सरकार ने डीजीपी मुकुल गोयल को हटाया था। इसके बाद दो कार्यवाहक डीजीपी बनाए गए। मुकुल गोयल को हटाने के बाद योगी सरकार ने आईपीएस डी एस चौहान को कार्यवाहक डीजीपी बनाया था। डी एस चौहान के रिटायर होने के बाद आरके विश्वकर्मा को डीजीपी की कमान मिली थी। ऐसे में कार्यवाहक डीजीपी के वजह से तिलक मार्ग स्थित डीजीपी आवास भी खाली पड़ा है। जहां पिछले एक साल से साफ-सफाई और रंगरोगन हो रहा है, लेकिन रहने के लिए स्थायी डीजीपी की नियुक्ति नहीं हो सकी है।
हैरत की बात हैं कि सरकार को आबादी के लिहाज से देश के सबसे बड़े सूबे और सबसे ज्यादा आईएएस व आईपीएस देने वाले राज्य में एक बार भी ऐसा काबिल अफसर नहीं मिला कि उसे पूर्णकालिक डीजीपी बनाया जा सके। आखिर क्या वजह हैं कि लगातार तीसरी बार यूपी को एक बार फिर कार्यवाहक पुलिस प्रमुख देना पड़ा है। 1988 बैच के भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी विजय कुमार की कार्यवाहक डीजीपी पद पर नियुक्ति को लेकर काफी समय से माथापच्ची चल रही थी।
दरअसल, नए डीजीपी के पूर्णकालिक न होने के संकेत भी पहले से मिल रहे थे। क्योंकि राज्य सरकार ने यूपीएससी को डीजीपी के लिए न तो आईपीएस अधिकारियों के नामों का पैनल भेजा था और न ही वर्तमान में कार्यरत कार्यवाहक डीजीपी आरके विश्वकर्मा के कार्यकाल को बढ़ाये जाने का प्रस्ताव केंद्र को भेजा गया था। इस पद के लिए एक और आईपीएस अधिकारी आनंद कुमार भी प्रबल दावेदार माने जा रहे थे। लेकिन अंततः बाजी विजय कुमार के हाथ लगी है।
कौन हैं आईपीएस विजय कुमार?
विजय कुमार 1988 बैच के यूपी कैडर के भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी हैं। उनकी गिनती पुलिस महकमे में एक तेज तर्रार और ईमानदार अधिकारी के रूप में रही है। अपने अबतक के सेवाकाल में उन्होंने कई चुनौतीपूर्ण केस हैंडल किए हैं। उनके पास विभिन्न जिलों के पुलिस कप्तान के साथ-साथ केंद्र में काम करने का भी अनुभव है। वर्तमान में वे सीबीसीआईडी के पुलिस महानिदेशक के पद पर तैनात हैं। उनके पास डीजी विजिलेंस का भी अतिरिक्त प्रभार है। दो अहम विभागों की जिम्मेदारी मिलना ये दर्शाता है कि योगी सरकार आईपीएस विजय कुमार पर कितना भरोसा करती है।
विजय अगले साल यानी जनवरी 2024 में सेवा से रिटायर हो रहे हैं। उनका अभी सात माह का कार्यकाल शेष है, लिहाजा वे डीजीपी के इस क्राइटेरिया को भी पूरा करते हैं, जिसमें कम से कम 6 माह का कार्यकाल बचा होना जरूरी है। दलित वर्ग से आने वाले आईपीएस विजय कुमार अपनी जाति के कारण लोकसभा चुनाव से पहले सत्तारूढ़ बीजेपी के जातिगत समीकरण के लिए भी मुफीद हैं। इतना ही नहीं सीनियर अधिकारियों का एक बड़ा तबका भी उन्हें डीजीपी की कुर्सी पर बैठते हुए देखना चाहता है।
तीसरे कार्यवाहक DGP होंगे विजय कुमार
योगी आदित्यनाथ सरकार अगर आज अटकलों के मुताबिक, आईपीएस विजय कुमार को यूपी का नया कार्यवाहक डीजीपी घोषित करती है तो वे बीते एक साल में प्रदेश के तीसरे कार्यवाहक डीजीपी होंगे। 11 मई 2022 को पूर्णकालिक डीजीपी मुकुल गोयल को पद से हटाने के बाद योगी सरकार ने डीएस चौहान को कार्यवाहक डीजीपी बनाया था। 31 मार्च 2023 को चौहान के सेवानिवृत होने के बाद आईपीएस अधिकारी आरके विश्वकर्मा को कार्यवाहक डीजीपी नियुक्त किया गया। विश्वकर्मा भी आज रिटायर हो रहे हैं। ऐसे में तीसरे कार्यवाहक डीजीपी के रूप में विजय कुमार जिम्मेदारी संभाल सकते हैं।
अखिलेश यादव ने साधा निशाना
उत्तर प्रदेश में पिछले एक साल में तीसरी बार किसी कार्यवाहक डीजीपी की नियुक्ति होने जा रही है। 22 करोड़ से अधिक जनसंख्या वाले इस राज्य में लगातार कार्यवाहक पुलिस प्रमुख की नियुक्ति को लेकर अब विपक्ष भी सरकार पर हमलावर है। सपा सुप्रीमो और नेता प्रतिरक्ष अखिलेश यादव ने योगी सरकार पर निशाना साधा है।
पूर्व मुख्यमंत्री ने ट्वीट कर कहा, उप्र के डीजीपी 31.05.2023 को सेवा निवृत हो रहे हैं। इस बार क्या फिर से भाजपा सरकार अपनी मनमानी करने के लिए बिना उत्तरदायित्व व जवाबदेही वाला कार्यवाहक डीजीपी उप्र को देगी या कह देगी, इस पद के लिए कोई भी उपयुक्त पात्र नहीं मिला। ऐसे लगता है यूपी में शासन-प्रशासन, दोनों ज़िम्मेदारी से भाग रहे हैं।