संवाददाता
नई दिल्ली। केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर कार्यरत बिहार कैडर की एक महिला आईएएस अधिकारी से छेड़छाड़ के आरोपी आईआरएस अधिकारी की गिरफ्तारी और जमानत पर रिहाई के बाद उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की तैयारी शुरू हो गई है। छेडछाड़ के आरोपी आईआरएस अधिकारी का नाम सोहेल मलिक अंसार है। सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज यानि सीबीडीटी में कार्यरत अधिकारी सोहेल मलिक अंसार को दिल्ली की पार्लियामेंट स्ट्रीट थाना ने गिरफ्तार किया था। जांच में सामने आया हैं कि सोहेल एम अंसारी का अतीत काफी खराब रहा है क्योंकि गिरफ्तार होने से पहले उनके वरिष्ठ अधिकारियों ने उन्हें बर्खास्त करने की सिफारिश की थी।
हांलाकि कोर्ट ने पांच शर्तों पर जमानत दे दी। जिसमें शर्ते थी कि सोहेल मलिक पीड़िता को किसी भी मामले में कांटैक्ट नहीं करेंगे। पीड़िता के ऑफिस और घर के 500 मीटर के दायरे में भी सोहेल मलिक को जाने की इजाजत नहीं होगी। किसी भी गवाह या सबूत को प्रभावित करने की अनुमति नहीं है। इन्वेस्टिगेशन ऑफिसर द्वारा बुलाए जाने पर जांच प्रक्रिया में आरोपी सोहेल मलिक को हर हाल में शामिल होना होगा। साथ ही वे जांच प्रक्रिया को भी प्रभावित करने की कोई कोशिश नहीं करेंगे।
आरोपित अफसर पर अश्लील टिप्पणी समेत हैं कई संगीन आरोप
इस मामले में पीड़िता 2004 बैच की आईएएस अधिकारी हैं। पीड़िता ने सोहेल मलिक अंसार पर छेड़छाड़, जान से मारने की धमकी देना, अश्लील टिप्पणी करना जैसे संगीन आरोप लगाए हैं। शुरुआती पड़ताल करने के बाद पार्लियामेंट स्ट्रीट थाना पुलिस टीम ने आईआरएस अधिकारी सोहेल मलिक अंसारी को अरेस्ट कर लिया। उसके बाद उसे दिल्ली स्थित पटियाला कोर्ट में पेश किया गया।
पुलिस अब आरोपित के अतीत की भी जांच कर रही है। जांच के दौरान पाया गया कि सोहेल अंसार के खिलाफ विभाग ने एक जांच करने के बाद उनके खिलाफ ‘अनुशासनात्मक कार्रवाई’ की सिफारिश की थी। जांच रिपोर्ट में अंसार को 2012 में अपने प्रशिक्षण के दौरान अनुशासनहीनता और कदाचार के दोषी पाए गए थे। आरोपित आईआरएस पर पद के दुरुपयोग और वित्तीय अनियमितता के साथ प्रशिक्षण के दौरान कोर्स टीम और अन्य बैचमेट्स के खिलाफ निराधार आरोप लगाने का दोषी माना था। एक दूसरे ट्रेनी अधिकारी राजेश कुमार को धमकी देने के भी गंभीर आरोप में विभाग ने उनके खिलाफ प्रतिकूल टिपण्णी की थी ।
पीडिता की आरोपित से कैसे हुई जान-पहचान
आईआरएस सोहेल मलिक अंसार ने कोरोना काल जरूरतमंद लोगों की मदद की थी और इसके लिए उन्होंने करुणा कोलैबोरेशन नाम से एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाया था। इसी ग्रुप के जरिए सोहेल मलिक अंसार और पीड़ित महिला आईएएस की एक दूसरे से पहचान हुई। पीड़िता का आरोप है कि सोहेल मलिक अंसार के अच्छे कामों से प्रभावित थी, इसलिए वे उनसे यदा कदा बातचीत कर लेती थी। लेकिन सोहेल मलिक ने इसका गलत फायदा उठाने की कोशिश की। पीड़िता ने यह भी बताया है कि यह मामला पुराना है और कई बार समझाने के बाद भी सोहेल नहीं सुधरा। पीड़िता ने पुलिस को बताया है कि कई महीनों से वो सोहेल को समझाती रही, चेतावनी देती रही लेकिन वो लगातार परेशान करता रहा। 31 जुलाई 2022 को पीड़िता के पति ने भी सोहेल को कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी, तब कुछ दिनों तक तो वो चुप रहा। लेकिन जनवरी 2023 से वापस परेशान करने लगा। आरोप यह भी है कि सोहेल पीड़िता का पीछा करता था। 15 मई को पीड़िता के कार्यालय में एक पार्सल रख दिया, जिसमें आपत्तिजनक सामान था। इसके बाद पीड़िता के पति ने जब सोहेल से बात की तो वो धमकी देने लगा। इसके बाद 16 मई को मामला दर्ज कराया गया।