विशेष संवाददाता
गाजियाबाद । कस्बा मुरादनगर में मंगलवार को मोबाइल व्यापारी मुकेश गोयल की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। उस वक्त वे दुकान पर बैठे हुए थे। शाम होते होते हत्या के विरोध में लोगों का गुस्सा फूट पड़ा। शव जैसे ही पोस्टमार्टम के बाद कस्बा मुरादनगर में पहुंचा तो गुस्साए लोगों ने शव को पुलिस चौकी के सामने रखकर मेरठ-गाजियाबाद मार्ग पर जाम लगा दिया। वे हत्यारोपियों के पकड़ने की मांग कर रहे थे। एक घंटे तक लगे जाम के चलते वाहनों की तीन किलोमीटर लम्बी लाइन लग गई। हत्या के विरोध में कस्बे की बुधवार को भी दुकानें बंद रही।
हांलाकि मुकेश गोयल की हत्या में पुलिस ने बेशक ‘अज्ञात’ में एफआईआर कर ली हो, लेकिन पुलिस को इसका पूरा शक गैंगस्टर शेखर चौधरी और उसके शूटर मोनू पर है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, जेल में बंद शेखर के इशारे पर मोनू ने इस वारदात को अंजाम दिया गया है।
शेखर जेल में बंद है और करीब 55 मुकदमे दर्ज हैं। शेखर और उसके साथियों ने 7 साल पहले बीजेपी नेता पर बृजपाल तेवतिया पर एके -47 से हमला किया था। उसकी दहशत इतनी है कि हत्या के बावजूद मृतक व्यापारी के परिजन खुलकर कुछ बोलने को तैयार नहीं हैं।
यहीं कारण हैं कि मुरादनगर कस्बे में रेलवे रोड पर मोबाइल शॉप करने वाले 43 वर्षीय मुकेश गोयल की सुबह करीब 9 बजे जब बुलेट मोटर साईकलि पर आए 2 नकाबपोश हमलारों ने हत्या की तो मृतक के बेटे अनिमेष ने अज्ञात हत्यारोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है। एफआईआर में भी परिवार ने किसी तरह की रंजिश या विवाद का कोई जिक्र नहीं किया है।
हांलाकि मीडिया के कुरेदने पर मुकेश के भाई ने कहा, ‘सबको पता है किससे दुश्मनी है, क्या रंजिश चल रही है। मकान का मैटर था। हमने पहले पुलिस में शिकायत दी है। लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की।’
दूसरी तरफ पुलिस को प्रारंभिक जांच में पता चला है कि मुकेश गोयल का एक और मकान रेलवे रोड पर था। कुछ दिन पहले ही उन्होंने 90 लाख रुपए में इसका सौदा किया था। सर्किल रेट के हिसाब से रकम 50 लाख रुपए थी, वो मुकेश ले चुके थे। बचे 40 लाख रुपयों को लेकर उनका विवाद हो गया।
कहा जा रहा है कि इलाके का गैंगस्टर शेखर चौधरी इस विवाद में इन्वॉल्व है। उसने मुकेश पर अलग-अलग माध्यमों से दबाव भी बनाया कि वो इन 40 लाख रुपयों को भूल जाए। जैसा कि मुकेश के भाई ने भी बताया है कि इस विवाद की वो पुलिस में शिकायत भी कर चुके थे, लेकिन पुलिस ने कार्रवाई नहीं की। ऐसे में यही माना जा रहा है कि गैंगस्टर के इशारे पर ही ये कत्ल हुआ है।
पुलिस ने कुर्क की है शेखर की 29 करोड़ की संपत्ति
बता दें कि गैंगस्टर शेखर चौधरी मोदीनगर क्षेत्र के उखलारसी गांव का रहने वाला है। उसके खिलाफ हत्या, रंगदारी के दर्जनों मामले दर्ज हैं। शेखर का मुख्य काम विवादित जमीनों पर कब्जा करना, धोखाधड़ी करके जमीनें हड़पना है। ऐसा करके शेखर और उसके साथी ब्रजेश उर्फ हनुमान ने करीब 29 करोड़ रुपए की संपत्ति इकट्ठा कर ली थी। गाजियाबाद पुलिस ने ऐसी करीब 11 संपत्तियों को चिह्नित करते हुए उन्हें पिछले दिनों कुर्क किया है।
एक महीना पहले पड़ोसी ने मकान नहीं बेचा तो शेखर ने उसे ही मरवाया
उखलारसी गांव में एक अप्रैल 2023 को प्रॉपर्टी डीलर एवं ठेकेदार नवीन भारद्वाज की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। पुलिस जांच में खुलासा हुआ कि इस वारदात को गैंगस्टर शेखर चौधरी के शूटर मोनू, योगेश, आयुष व साहिर ने अंजाम दिया। आयुष और साहिर पकड़े जा चुके हैं। मोनू व योगेश अब तक फरार हैं।
पुलिस जांच में ये बात भी सामने आई कि मृतक ठेकेदार नवीन और शेखर का मकान आपस में सटा हुआ है। शेखर अपना मकान बड़ा करने के लिए नवीन के मकान को खरीदना चाहता था। नवीन ने मकान बेचने से मना कर दिया था। जिसे लेकर हत्या की वारदात हुई थी।
भाजपा नेता पर हमले में जेल गया, जेल से ही कराया था पत्रकार पर हमला
11 अगस्त 2016 को मुरादनगर थाना क्षेत्र में रावली रोड़ पर भाजपा नेता बृजपाल तेवतिया व उनके साथियों पर एके-47, कार्बाइन बंदूक जैसे अत्याधुनिक हथियारों से हमला हुआ था। 100 से ज्यादा राउंड फायरिंग हुई थी। इसमें बृजपाल तेवतिया समेत उनके छह साथी घायल हो गए थे। इस वारदात में भी मुख्यत: शेखर चौधरी शामिल था। इस हमले में शेखर चौधरी उर्फ शेखर जाट को 8 साल की कैद हो चुकी है।
शेखर ने इस हमले में जेल जाने के बाद जेल के अंदर से ही गाजियाबाद के पत्रकार अनुज चौधरी पर 8 अप्रैल 2018 को हमला करा दिया था। शेखर जाट पर करीब 55 मुकदमे दर्ज हैं। इसके आपराधिक रिकॉर्ड को देखते हुए ही सुप्रीम कोर्ट ने पत्रकार हमले की जल्द सुनवाई करते हुए जमानत देने से इनकार कर दिया था।