धाेखेबाज चीन समेत 5 देश घाटी में हुए बदलाव से दुखी, बैठक में नहीं हुए शामिल
विशेष संवाददाता
श्रीनगर। आर्टिकल 370 के खात्मे के बाद अब जम्मू-कश्मीर बदल चुका है। जम्मू से घाटी तक और कश्मीर की वादियों तक बदलाव की बयार बहुत तेजी से बह रही है। यह वही जम्मू-कश्मीर है जहां कभी पर्यटक जाने से डरने लगे थे, लेकिन अब यहां सैलानी नए रिकार्ड बना रहे हैं। जी-20 समिट के चलते एक-दो नहीं, बल्कि करीब 20 देशों के प्रतिनिधि यहां बैठक कर रहे हैं। कश्मीर के श्रीनगर में 22 मई से G-20 टूरिज्म वर्किंग ग्रुप की मीटिंग शुरू हो गई है। बैठक में चालबाज चीन समेत 5 देश सऊदी अरब, तुर्किये, इंडोनेशिया और इजिप्ट शामिल नहीं हो रहे हैं। चीन के रवैये पर भारत ने सख्त ऐतराज जताया है। वहीं, समिट के लिए श्रीनगर पहुंचे अन्य विदेशी डेलिगेट्स का एयरपोर्ट पर पारंपरिक वेशभूषा में कश्मीरी युवतियों ने शानदार स्वागत कर अभिभूत कर दिया।
सुखद बदलाव: अब आतंकवाद, अलगाववाद और पत्थरबाजों को लेकर बात नहीं होती
जी-20 की बैठक 22 मई से 24 मई तक जम्मू कश्मीर में शुरू हो चुकी है। ये वही जम्मू कश्मीर है, जहां पर पर्यटक जाने से घबराने लगे थे। यह वही जम्मू कश्मीर है जहां फिल्म की शूटिंग तक नहीं हो पाती थी। यह वही जम्मू कश्मीर है जहां पर पहले आतंकवाद बोलता था, जहां दहशतगर्दों और प्रायोजक पत्थरबाजों की संख्या की कोई गिनती नहीं थी। यह वही जम्मू कश्मीर है जहां जाने से पहले लोगों के सामने आतंकवाद, दहशतगर्द और पत्थरबाजों की अलग तस्वीर बन जाती थी। लेकिन पीएम मोदी के दूरदर्शी विजन के चलते अब जम्मू-कश्मीर पूरी तरह बदल चुका है। जब से मोदी सरकार ने यहां के आर्टिकल 370 को खत्म किया है, बदलाव की बयार बहुत तेजी से बहने लगी है। धरती का स्वर्ग कहे जाने वाले कश्मीर में सैलानियों के नए रिकॉर्ड बनने लगे हैं। दहशतगर्दों और पत्थरबाजों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के चलते वे बिलों में छिपने लगे हैं। जम्मू कश्मीर में अब आतंकवाद, अलगाववाद, दहशतगर्दों और पत्थरबाजों को लेकर बात नहीं होती है। अब जम्मू कश्मीर में विकास की बात होती है और संभावनाओं की बात होती है।
भारत ने कहा- टूरिज्म वर्किंग ग्रुप देखेगा धरती पर स्वर्ग कैसा होता है
इस मौके पर G-20 इंडियन प्रेसिडेंसी के चीफ कोऑर्डिनेटर हर्षवर्धन श्रृंगला ने कहा- इस मीटिंग में शामिल होने वाले डेलिगेट्स यहां आकर देख सकेंगे कि धरती पर स्वर्ग कैसा होता है। टूरिज्म वर्किंग ग्रुप के डेलिगेट्स यहां पर तीन दिन रहेंगे। एक रिपोर्ट के मुताबिक कश्मीर के युवाओं को पूरा भरोसा है कि इस मीटिंग के बाद कश्मीर में फॉरेन टूरिस्ट की तादाद काफी तेजी से बढ़ेगी। इस बीच पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो तीन दिवसीय विजिट पर पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (POK) पहुंच गए हैं। यहां वो लोगों को संबोधित करेंगे।
कश्मीर में जी-20 की बैठक से लोकल इकोनॉमी को मिलेगा बूस्टर डोज
- जम्मू-कश्मीर की हैंडलूम इंडस्ट्री, पश्मीना शॉल और ड्राय फ्रूट बिजनेस को नया आयाम मिलेगा। इससे भी बढ़कर टूरिज्म सेक्टर है। यही वजह है कि केंद्र सरकार और लोकल एडमिनिस्ट्रेशन ने दिन-रात एक करके इस मीटिंग को कामयाब बनाने के लिए कमर कसकर काम किया।
- यहां आने वाले मेहमानों को ये भी दिखाया जाएगा कि घाटी में अमन बहाली हो चुकी है और अब यह दुनिया के हर हिस्से से आने वाले टूरिस्ट के लिए पूरी तरह महफूज है।
- न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान इस मीटिंग में खलल डालने के लिए कई तरह की साजिशें रच रहा है। इसके बावजूद सिक्योरिटी अलर्ट पर है। लोकल एडमिनिस्ट्रेशन को पूरा भरोसा है कि इस मीटिंग के जरिए लोकल इकोनॉमी को पावर बूस्टर डोज मिलेगा।
जैश-ए-मोहम्मद का आतंकी गिरफ्तार, अब गुलमर्ग नहीं जाएंगे मेहमान
NIA ने मीटिंग से एक दिन पहले आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के ओवर ग्राउंड वर्कर मोहम्मद उबैद मलिक को गिरफ्तार किया है। इसके बाद विदेशी मेहमानों को गुलमर्ग ले जाने का प्रोग्राम कैंसिल कर दिया गया है। NIA के मुताबिक, उबैद कुपवाड़ा का रहने वाला है। वह पाकिस्तान में बैठे जैश कमांडर से लगातार संपर्क में था। जांच में सामने आया है कि वह जैश कमांडर को सीक्रेट इन्फॉर्मेशन के अलावा सुरक्षाबलों के मूवमेंट की जानकारी भेज रहा था। जी-20 की बैठक शेर-ए-कश्मीर इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर में होनी है। जी-20 की तैयारियों के बीच कश्मीर में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। श्रीनगर में कन्वेंशन सेंटर और आस-पास के क्षेत्र में NSG और मरीन कमांडो 24 घंटे निगरानी कर रहे हैं। सुरक्षा में पुलिस और अर्धसैनिक बलों की भी मदद ली जा रही है। चप्पे-चप्पे पर सुरक्षा बल और सुरक्षा एजेंसी तैनात है। एयरपोर्ट से लेकर शेर-ए-कश्मीर कन्वेंशन सेंटर तक कई लेवल की सिक्योरिटी तैनात है। NSG और MARCOS कमांडो भी चप्पे-चप्पे पर सुरक्षा में लगे हुए हैं। आने वाले पर्यटकों की सुरक्षा के लिए खास ध्यान दिया जा रहा है