संवाददाता
नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस की साउथ वेस्टर्न रेंज स्पेशल सेल टीम ने मेरठ के अंतरराज्यीय इनामी अपराधी पिल्ला को गिरफ्तार कियााहै जिसकी गिरफ्तारी पर हरियाणा पुलिस ने 25 हजार का ईनाम घोषित किया गया था। वह कुख्यात ऑटो लिफ्टर मनोज बकरवाला का करीबी सहयोगी है।
डीसीपी इंगित प्रताप सिंह ने बताया कि साउथ वेस्टर्न रेंज, स्पेशल सेल के एसीपी संजय दत्त और सुनील कुमार की टीम ने मेरठ के रहने वाले शमीम उर्फ पिल्ला को गिरफ्तार किया है। आरोपी की हरियाणा एसटीएफ को तलाश थी और उस पर बहादुरगढ़, झज्जर, हरियाणा में दर्ज एक मामले में 25,000 रुपये का ईनाम घोषित था। आरोपी विभिन्न अंतरराज्यीय वाहन चोरी सिंडिकेट के प्रमुख सदस्यों में से एक है।
स्पेशल सेल के इंसपेक्टर मनेंद्र सिंह, सोमिल शर्मा, सुनील और नीरज की टीम ने अप्रैल-2023 में लिबासपुर, दिल्ली निवासी इनामी अपराधी कमल को गिरफ्तार किया था। उससे चाुलासा हुआ था कि उसने अपने साथियों के साथ मिलकर 800 से ज्यादा फर्जी ड्राइविंग लाइसेंस और वाहनों के फर्जी रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट तैयार किए थे। अभियुक्त कमल से निरंतर पूछताछ से गिरोह के अन्य फरार और पुरस्कृत अपराधी शमीम उर्फ पिल्ला के बारे में अहम जानकारी मिली, जो वहन चोर सिंडिकेट का एक प्रमुख सदस्य है। मैनुअल और तकनीकी निगरानी के माध्यम से इनपुट्स को और विकसित किया गया और यह पता चला कि शमीम वाहनों के इंजन और चेसिस नंबर बदलने में माहिर था और अभी भी मनोज बकरवाला और नवाब के गिरोह सहित कई अन्य वाहन चोरी सिंडिकेट के साथ काम कर रहा था। इसके अलावा, बदले हुए चेसिस और इंजन नंबर और फर्जी रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट वाले चोरी के वाहनों को विभिन्न राज्यों के अपराधियों को बेच दिया जाता है।
टीम को पिलला के समयपुर बादली में उनके आने-जाने की सूचना मिली। इंसपेक्टर मनेंद्र सिंह व नीरज ने एसआई परहलाद, सुरेंद्र पाल, एएसआइ राजेश राणा, प्रदीप, हैड कांंसटेबल दीपक राणा, मनीष, सुमित लांबा, रवि पंवार, अमित, कपिल, राकेश व दीपक की टीम ने संजय गांधी ट्रांसपोर्ट नगर, समयपुर बादली, दिल्ली में छापा मारा । वहां से आरोपी शमीम उर्फ पिलला को गिरफ्तार किया गया। उसके पास से एक लोडेड सिंगल शॉट पिस्टल बरामद हुई है।
आरोपी से पूछताछ में पता चला कि वह कुख्यात ऑटो लिफ्टर मनोज बक्करवाला का करीबी सहयोगी था। मनोज बक्करवाला और नवाब मेरठ आदि के वाहन चोरी सिंडिकेट उन्हें चोरी के वाहनों को उनके मूल चेसिस और इंजन नंबरों को नकली नंबरों से बदलने के लिए सौंपता था। वह पिछले दस साल से इस काम में शामिल था। उसने खुलासा किया है कि उसने करीब 3000-4000 चोरी की गाड़ियों के चेसिस और इंजन नंबर बदल दिए हैं। ऐसे चोरी के वाहन फर्जी रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट वाले दिल्ली/एनसीआर में अपराधियों को बेचे जाते थे। ये सिंडिकेट चोरी के वाहनों को दूसरे राज्यों में भी अपने साथियों को बेचते थे।
जुलाई 2022 में हरियाणा पुलिस ने इस रैकेट का भंडाफोड़ किया था और मनोज बक्करवाला समेत इस सिंडिकेट के 6 सदस्यों को गिरफ्तार किया था। हालांकि, शमीम उर्फ पिला भागने में सफल रहा और तब से फरार चल रहा था। रुपये का इनाम। हरियाणा पुलिस द्वारा उसकी गिरफ्तारी पर 25000/- का इनाम भी घोषित किया गया था। यह भी पता चला है कि इस रैकेट का लॉरेंस बिश्नोई और गोल्डी बराड़ सिंडिकेट से गहरा संबंध है। हरियाणा पुलिस ने सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड शामिल कुख्यात अपराधी टीनू भिवानी के सगे भाई चिराग उर्फ कालू,को भी गिरफ्तार किया था।
पुलिस ने पिल्ला से एक सिंगल शॉट पिस्टल समेत वाहनों के इंजन/चेसिस नंबर बदलने में इस्तेमाल की जाने वाली 27 लोहे की छड़ें और अन्य उपकरण बरामद किए हें।
पुलिस ने बताया कि मेेेरठ में जन्मा शमीम ज्यादा पढा लिखा नहीं हैं। वह शादीशुदा है और उसके दो बच्चे हैं। स्कूल छोड़ने के बाद उसने मोदीपुरम में जब्बार नाम के व्यक्ति के गैराज में मैकेनिक का काम शुरू किया । जब्बार को चोरी की गाड़ियों के चेचिस और इंजन नंबर बदलने में महारत हासिल थी और शमीम ने यह तकनीक भी जब्बार से सीखी थी। इसके बाद उसने खुद ही यह काम शुरू कर दिया और चोरी के वाहनों के इंजन और चेचिस नंबर बदलने लगा। वह नवाब मेरठ, मनोज बक्करवाला और मेहताब आदि के गिरोह सहित कई ऑटो लिफ्टिंग सिंडिकेट से जुड़ा रहा है। शमीम दिल्ली में पहले भी वाहन चोरी के तीन मामलों में शामिल रहा है।