संवाददाता
गाजियाबाद। गाजियाबाद के वैशाली से मोहन नगर तक मेट्रो चलाने के प्रोजेक्ट को जीडीए टाल सकता है। इसका एक कारण प्राधिकरण की आर्थिक तंगी तो दूसरा उक्त प्रोजेक्ट का लोगों के लिए कम उपयोगी होना है। जीडीए उपाध्यक्ष राकेश कुमार सिंह ने प्राधिकरण अधिकारियों को दिल्ली मेट्रो रेल कारपोरेशन के अधिकारियों के साथ फिर से मंथन करने और नोएडा सेक्टर-62 से वसुंधरा कट तक प्रस्तावित मेट्रो को थोड़ा आगे बढ़ाकर साहिबाबाद के रैपिड एक्स स्टेशन से जोड़ने के लिए सर्वे कराने के निर्देश दिए हैं।
मेट्रो को रैपिडएक्स से जोड़ने के कराएगा सर्वे
उन्होंने कहा कि रैपिड एक्स के साहिबाबाद स्टेशन से वैशाली मेट्रो स्टेशन की दूरी करीब डेढ़ किलोमीटर है। ऐसे में वैशाली से मोहन नगर मेट्रो प्रोजेक्ट लोगों के लिए उतना उपयोगी नहीं होगा, जितना नोएडा सेक्टर-62 से आ रही मेट्रो को इंदिरापुरम, वसुंधरा होते हुए साहिबाबाद के रैपिड एक्स स्टेशन से जोड़ना। इसके लिए डीएमआरसी से विस्तृत सर्वे कराया जाएगा। ऐसा करने से लागत कम आएगी। अभी वैशाली से मोहन नगर तक मेट्रो प्रोजेक्ट की प्रस्तावित लागत 1808.22 करोड़ और नोएडा सेक्टर-62 से वसुंधरा कट तक प्रस्तावित लागत 1517 करोड़ रुपये हैं। अब यदि जीडीए सिर्फ नोएडा सेक्टर-62 मेट्रो को ही रैपिड एक्स के साहिबाबाद स्टेशन से जोड़ने के प्रोजेक्ट पर आगे बढ़ता है तो लागत करीब 1800 करोड़ के आसपास रह जाएगी।
शासन ने 50 प्रतिशत अंशदान देने से किया था इनकार
उपरोक्त दोनों प्रोजेक्ट के लिए 50 प्रतिशत अंशदान शासन से दिए जाने के जीडीए के प्रस्ताव पर पिछले दिनों अपर मुख्य सचिव आवास नितिन रमेश गोकर्ण की अध्यक्षता में वर्चुअल बैठक हुई थी। शासन के अधिकारियों ने कहा था कि उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कारपोरेशन जैसे यूपी के अन्य शहरों में फंडिंग पैटर्न पर काम कर रहा है। उसी तरह गाजियाबाद में मेट्रो प्रोजेक्ट के लिए फंडिंग पैटर्न बनाकर पेश किया जाए। अभी तक यूपी शासन ने सबसे ज्यादा आगरा मेट्रो के लिए 27 प्रतिशत अंशदान दिया है। ऐसे में शासन ने 50 प्रतिशन अंशदान देने से इन्कार करते हुए यूपी के अन्य शहरों के फंडिंग पैटर्न की तर्ज पर प्रस्ताव पेश करने के लिए कहा था।