संवाददाता
हापुड़। पाकिस्तान समेत कई अन्य देशों से संचालित फर्जी लोन एप के माध्यम से दो से अधिक लोगों से करीब 25 लाख रुपये ठगने वाले अंतरराज्यीय गिरोह के तीन शातिर ठगों को कोतवाली पुलिस व साइबर सेल की टीम ने संयुक्त रूप से कार्रवाई कर छिजारसी टोल प्लाजा के पास से गिरफ्तार किया है। गिरोह के सदस्य फर्जी एप पर लोन के लिए आनलाइन आवेदन करने वाले लोगों की गोपनीय जानकारी चोरी कर लेते थे।
दिलचस्प बात यह है कि इन लोगों को यह जानकारी पाकिस्तान में बैठा एक व्यक्ति उपलब्ध करा रहा था। आरोपितों से दो आईफोन, पांच मोबाइल फोन, एक लैपटॉप, लग्जरी कार व 5700 रुपये बरामद हुए हैं।
यह था पूरा मामला
हापुड एसपी अभिषेक वर्मा ने बताया कि तहसील चौपला के चिराग अरोड़ा दो मार्च ने इंटरनेट के माध्यम से बैंक लोन की प्रक्रिया के संबंध में जानकारी की थी। इसके कुछ देर बाद पीड़ित के वॉट्सएप पर अज्ञात नंबर से काल आया था। कॉल पर बात कर रहे व्यक्ति ने बताया कि उसका 50 हजार रुपये का बैंक लोन स्वीकृत हो गया है।
इसके बाद आरोपित से उससे क्रेजी मंकी एप डाउनलोड करने के लिए कहा था। आरोपित ने उसके वाट्सएप पर एक लिंक भेजा था। लिंक खोलते ही एप उसके मोबाइल फोन में डाउनलोड हो गया। एप खोलने पर युवक ने उसमें अपना मोबाइल नंबर डाला। इसके बाद उसके बैंक खाते से तीन बार में 9030 रुपये डाले गए थे।
सात मार्च को काल व्यक्ति ने युवक को बताया कि उसे दिए गए लोन के 3010 रुपये पर 5000 हजार रुपये देने होंगे। इसके बाद युवक ने 9030 रुपये व्यक्ति के बैंक खाते में वापस ट्रांसफर कर दिए थे। इसपर आरोपित ने उससे अतिरिक्त 20000 रुपयों की मांग शुरू कर दी। रुपये न देने पर युवक की अश्लील फोटो बनाकर उसे भेज दी थी।
छिजारसी टोल प्लाजा से हुई गिरफ्तारी
एसपी अभिषेक वर्मा ने बताया कि मामले में रिपोर्ट दर्ज कराकर कोतवाली पुलिस व साइबर सेल की टीम को आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए लगाया गया था। बुधवार को संयुक्त टीम ने छिजारसी टोल प्लाजा के पास से आरोपित दिल्ली के थाना कापसहेडा आनंदा अपार्टमेंट के प्रशांत, अभिषेक तिवारी व जितेंद्र को को गिरफ्तार कर लिया। मूल रूप से प्रशांत बिहार के जिला मुज्जफरपुर के गांव झिटकी, अभिषेक तिवारी जिला गाजीपुर के थाना कासमाबाद के गांव मोहम्मदपुर व जितेंद्र राजस्थान के जिला धौलपुर के थाना निहाल गंज के मोहल्ला गडरपुरा तिगावली का रहने वाला हैं।
पाकिस्तान में बैठा व्यक्ति उपलब्ध कराता था गोपनीय जानकारी
पूछताछ में आरोपितों ने बताया कि लोन की आवश्यकता पर लोग गूगल प्ले स्टोर व अन्य वेबसाइटों पर जाते हैं। यहां से वह पाकिस्तान, बांग्लादेश समेत अन्य देशों से संचालित फर्जी लोन एप जैसे क्रेजी मंकी एप, कैश लोन एप, टका एप, इंस्टा लोन एप आदि डाउनलोड कर लेते हैं।
एप इंस्टाल करने पर लोगों को उसमें अपनी निजी व बैंक संबंधी गोपनीय जानकारी के साथ फोटो अपलोड कर देते हैं। इन एप के माध्यम से पाकिस्तान के लाहौर में बैठा शहजादा यह गोपनीय जानकारी आरोपितों को बेचता था। जिसके बाद आरोपित लोन के लिए आवेदन करने वाले लोगों के बैंक खाते में कुछ रुपये डाल देते थे। इसके बाद लोगों ने कई गुना राशि वसूलते थे। रुपये न देने पर वह लोगों की फोटो के साथ छेड़छाड़ कर उसे इंटरनेट मीडिया पर वायरल कर देते थे।
बिट क्वाइन के माध्यम से फर्जी एप संचालकों तक पहुंचते थे रुपये
आरोपितों ने बताया कि ठगी की रकम में हिस्सा फर्जी एप संचालकों का भी होता था। पिछले करीब नौ माह में वह 100 लोगों से 25 से 30 लाख रुपये वसूल चुके हैं। इनमें से करीब पांच लाख बिट क्वाइन के माध्यम से पाकिस्तानी साथी को ट्रांसफर किए हैं। एसपी ने बताया कि गिरोह से जुड़े अन्य सदस्यों की जानकारी की जा रही है। गिरफ्तारी करने वाली टीम को 25 हजार का इनाम और प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया जाएगा।