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आप का दोगला चेहरा फिर सामने आया, चैनल की महिला पत्रकार को पंजाब में फर्जी मामले में गिरफ्तार करवाकर लिया ऑपरेशन शीश महल बदला

संवाददाता

नई दिल्ली। दिल्ली के जंतर मंतर पर कुश्ती संघ के अध्यक्ष पर यौन शौषण का आरोप लगाकर धरना दे रही महीला रेसलर के पक्ष में केंद्र सरकार के खिलाफ लगातार जहर उगल रही आम आदमी पार्टी और इसके नेताओं का एक ओर दोगला चेहरा सामने आया है। जिस टाइम्स नाउ नवभारत ने ‘ऑपरेशन शीशमहल’ से अरविंद केजरीवाल के बंगले पर फिजूलखर्ची का खुलासा किया था, उस चैनल की एक महिला पत्रकार को पंजाब में रोडरेज के मामले में पुलिस ने गिरफ्तार किया है।

खास बात यह है कि पत्रकार भावना किशोर गाड़ी में पीछे बैठी थीं और उन पर SC-ST ऐक्ट लगा दिया गया है। पुलिस का कहना है कि भावना की गाड़ी से एक महिला को चोट लगी। पंजाब की लुधियाना पुलिस ने भावना किशोर, मृत्युंजय कुमार, परमिंदर को गलत धाराओं के तहत गिरफ्तार किया है। वे पंजाब के सीएम भगवंत मान और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के कार्यक्रम को कवर करने गए थे। भावना को उस समय अरेस्ट किया गया जब वह मोहल्ला क्लिनिक के उद्घाटन की कवरेज करने जा रही थीं। इसका इनविटेशन भी आम आदमी पार्टी ने भेजा था।

चैनल की एडिटर नाविका कुमार ने सवाल उठाया है कि क्या पत्रकार को सवाल पूछने की इजाजत नहीं है? उस पर ऐसी कई धाराएं लगाई गई हैं, जिससे वह डर जाए। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार बदले की कार्रवाई कर रही है। हम थोड़े परेशान हो सकते हैं लेकिन पराजित नहीं। चैनल ने साफ कर दिया है कि ऑपरेशन शीशमहल जारी रहेगा और हम अपना धर्म निभाते रहेंगे।

48 घंटे सलाखों के पीछे रखने की मंशा
ऐसे में समझना यह महत्वपूर्ण है कि टाइम्स की पत्रकार भावना किशोर पर कौन से आरोप लगाए गए हैं। भावना पर 373, 427, रोडरेज और किसी को नुकसान पहुंचाने का आरोप है, इस पर तो जमानत मिल सकती है लेकिन इसमें SC-ST एक्ट भी लगाया गया है। ऐसे में थाने से जमानत नहीं मिल सकती है, सेशन कोर्ट ही जाना पड़ेगा। भावना जिस जगह पर थीं, वहां सीसीटीवी फुटेज और प्रत्यक्षदर्शी भी होंगे। ऐसे में बाकी धाराओं का बहुत ज्यादा मतलब नहीं रह जाता है। शुक्रवार की रात पत्रकार को गिरफ्तार किया गया और अब दो दिन सेशन कोर्ट जाया नहीं जा सकेगा। ऐसे में साफ है कि सोमवार को ही जमानत पर कोई फैसला आ सकेगा। चैनल का साफ कहना है कि पुलिस की मंशा पत्रकार को परेशान करने की है।

पूर्व DGP बोलीं, पीछे बैठी लड़की की गिरफ्तारी क्यों?
पूर्व डीजीपी निर्मल कौर ने इस मामले पर कहा है कि जो घटना हुई उसमें पत्रकार का क्या रोल है। लड़की तो ड्राइव ही नहीं कर रही थी। क्या किसी ने जाति देखकर धक्का मारा होगा? क्या कोई बल्ब लगाकर चलता है कि मैं इस जाति का हूं, मुझे धक्का मारो? ऐसे में टाइम्स नाउ नवभारत ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और पंजाब के सीएम भगवंत मान से पांच सवाल पूछे हैं।

सवाल नंबर 1- नए शहर में गई महिला रिपोर्टर को कैसे पता होगा कि रास्ते में मिलने वाला कोई अपरिचित किस जाति या वर्ग से है?

सवाल नंबर 2- भावना कार नहीं चला रही थीं तो उनकी गिरफ्तारी क्यों?

सवाल नंबर 3- गिरफ्तार करने वाले पुलिसकर्मी का बैच क्यों नहीं था?

सवाल नंबर 4- गिरफ्तारी के वक्त वहां महिला पुलिसकर्मी क्यों नहीं थी?

सवाल नंबर 5- गिरफ्तारी के बाद भावना के घरवालों और ऑफिस में सूचना क्यों नहीं दी गई?

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