विशेष संवाददाता
नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सरकारी बंगले के रेनाेवेशन के नाम पर कराेडाे खर्च करने के सनसनीखेज खुलासे के बाद भारतीय जनता पार्टी आम आदमी पार्टी के मुखिया पर हमलावर हो गई है। दिल्ली भाजपा के नेताओं एवं कार्यकर्ताओं ने बढ़ी संख्या में बुधवार को केजरीवाल के आवास की तरफ कूच किया। नाराज भाजपा कार्यकर्ताओं में सीएम केजरीवाल के खिलाफ भारी गुस्सा देखने को मिला। भाजपा नेताओं ने कहा कि केजरीवाल ने दिल्ली की जनता को लूटने का काम किया है। उन्हें अपने पद से इस्तीफा देना चाहिए।
केजरीवाल के बंगले के रेनोवेशन में खर्च हुए 45 करोड़
बता दें कि एक चैनल ने मंगलवार को अपने ‘ऑपरेशन शीशमहल’ में खुलासा किया कि केजरीवाल के बंगले के मरम्मत में करीब 45 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं। चैनल ने सवाल उठाया कि सादगी एवं नैतिकता की बात करने वाले मुख्यमंत्री ने अपने आवास के लिए इतनी भारी-भरकम राशि क्यों खर्च की? इस खुलासे के बाद जहां आप बैकफुट पर है। इस खर्च के बचाव में वह पीएम आवास एवं अन्य मुख्यमंत्रियों के आवास पर होने वाले खर्च की दलीलें दे रही है। केजरीवाल का बचाव आप सांसद संजय सिंह और राघव चड्ढा जैसे नेता कर रहे हैं।
केजरीवाल के घर के बाहर जुटे भाजपा ‘केजरीवाल चोर है नारे लगाए’
भाजपा नेताओं एवं कार्यकर्ता सीएम केजरीवाल के घर के बाहर जुटे तथा ‘केजरीवाल चोर है चोर है, भ्रष्टाचार का मालिक केजरीवाल’ के नारे लगाए । भाजपा के एक नेता ने कहा कि यहां हम लोग केजरीवाल का ‘शीशमहल’ देखने के लिए आए हैं। उन्होंने जनता के पैसे की लूट की है। यह लूट ऐसे समय हुई जब कोरोना से दिल्ली की जनता त्रस्त थी लेकिन वह अपना घर चमकाने में लगे हुए थे। नैतिकता के आधार पर केजरीवाल को अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए।
भाजपा सांसद एवं दिल्ली के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी ने कहा कि केजरीवाल अपना घर क्यों नहीं दिखा रहे। उन्हें अपना घर दिखाना चाहिए। सच्चाई सामने आ जाएगी। जबकि रमेश बिधूड़ी ने कहा, ‘दिल्ली में गाय बनकर भेड़िया आ गया।’ खुलासे के बाद आप नेता टाइम्स नाउ नवभारत के सवालों का जवाब नहीं दे पा रहे हैं। वे सवालों से बच रहे हैं। ‘ऑपरेशन शीशमहल’ को लेकर नवभारत ने जब संजय सिंह से सवाल किए तो वे भागते नजर आए। प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने रटी-रटाई बातें बताईं। उन्होंने कहा, ’80 साल पुराने घर के रेनोवेशन में 15 करोड़ रुपए लगे और पुनर्निर्माण में 30 करोड़ रुपए खर्च हुए।’