मेयर पद के सभी उम्मीदवार कानूनी रूप से पाक साफ
नगर संवाददाता
गाजियाबाद । मेयर पद के लिए १२ प्रत्याशी मैदान में हैं। सम्पत्ति और पढ़ाई-लिखाई के मामले में यह दावेदार एक-दूसरे पर भारी हैं। जहां सभी प्रत्याशियों पर जेवरात की कमी नहीं हैं, तो वहीं नगदी और वाहन भी इनके पास काफी हैं। नामांकन के दौरान प्रत्याशियों ने शपथ पत्र में अपनी सम्पत्तियों और आपराधिक ब्यौरा दिया है जिसमें कानूनन सभी प्रत्याशी पाक-साफ हैं, यानि किसी भी प्रत्याशी पर कोई आपराधिक मुकदमा दर्ज नहीं हैं। हालांकि, ऐसा कम ही होता है कि किसी नेता पर कोई मुकदमा दर्ज न हो। फिर भी इस बार मेयर पद के लिए दावेदार प्रत्याशी का दामन साफ है और उन पर कानून का कोई शिकंजा नहीं है। बात करें संपत्तियों की तो इसमें कोई भी प्रत्याशी पीछे नहीं है।
भाजपा प्रत्याशी सुनीता दयाल के पास एल्टो कार है, तो वहीं कांग्रेस प्रत्याशी पुष्पा रावत के पास एक्सयूवी है। पूनम यादव के पास खुद के नाम कोई वाहन नहीं है, लेकिन पति के नाम टाटा सफारी, पजैरो जैसी गाडिय़ां हैं। प्रत्याशियों के पास नगद राशि कम है, लेकिन जेवर अच्छी खासी संख्या में हैं।
दाखिल नामांकन पत्र के मुताबिक सबसे धनी सपा उम्मीदवार पूनम यादव हैं। उनकी चल-अचल संपत्ति करीब 21 करोड़ की हैं। वहीं, भाजपा प्रत्याशी सुनीता दयाल इस मामले में दूसरे नंबर पर आती हैं। उनकी चल-अचल संपत्ति पांच करोड़ से ज्यादा की है। कांग्रेस प्रत्याशी पुष्पा रावत के पास चल-अचल संपत्ति का कुल आंकलन करीब ढाई करोड़ रुपये है तो बहुजन समाज पार्टी की प्रत्याशी निसारा खान करीब एक करोड़ रुपये की चल-अचल संपत्ति की मालिक हैं। भाजपा प्रत्याशी सुनीता दयाल के पास 250 ग्राम सोने के जेवर हैं, कांग्रेस प्रत्याशी पुष्पा रावत के पास 22 तोले सोना व 500 ग्राम चांदी है। बसपा प्रत्याशी निसारा खान के पास 40 ग्राम सोने के जेवर है। वहीं, सपा प्रत्याशी पूनम यादव के पास 10 तोले सोना है। अगर शैक्षिक योग्यता की बात करें तो बसपा प्रत्याशी निसारा खान पांचवी तक ही पढ़ी हैं।
उन्होंने अपने शपथ पत्र में लिखा है कि उन्हे केवल अपना नाम लिखना आता है। कांग्रेस प्रत्याशी पुष्पा रावत एमए पढ़ी हैैं और भाजपा की सुनीता दयाल स्नातक है, तो सपा प्रत्याशी पूनम यादव 12वीं पास हैं।
नौ मेयर प्रत्याशी को राजनीतिक का क ख ग भी नहीं पता
गाजियाबाद नगर निगम के मेयर पद के लिए 12 प्रत्याशियों ने दावेदारी करते हुए नामांकन दाखिल किया है। हैरानी की बात यह है कि 12 में से 9 प्रत्याशियों ने अपने राजनीतिक अनुभव के कॉलम को खाली छोड़ दिया है। इसमें भाजपा प्रत्याशी सुनीता दयाल जो वर्तमान में भाजपा की प्रदेश उपाध्यक्ष हैं और उन्हें राजनीति का लम्बा अनुभव है। वह पूर्व में विधायक का उप चुनाव भी लड़ चुकी हैं। वहीं, कांग्रेस प्रत्याशी पुष्पा रावत ने भी राजनीतिक अनुभव के कॉलम को खाली छोड़ दिया है। सपा से पूनम यादव, बसपा की निसारा खान, आम आदमी पार्टी की जानकी बिष्टï, सुहेलदेव पार्टी की सविता यादव, एआईएमआईएम की शहनाज मलिक, सुभाषवादी समाजवादी पार्टी की प्रिया गुप्ता, निर्दलीय प्रत्याशी नीतू त्यागी व नीरज ने भी इस कॉलम को खाली छोड दिया है। निर्दलीय प्रत्याशी बबीता डागर ने वर्ष २०१७ में पार्षद का चुनाव लडऩे का उल्लेख किया है तो वहीं जनाधिकार पार्टी की पिंकी ने खुद को कार्यकर्ता बताया है। यानि, बाकी इन प्रत्याशियों का राजनीतिक अनुभव कुछ खास नहीं हैं।
आठ उम्मीदवार गृहणी और चार हैं कामकाजी
मेयर पद की दावेदार 12 प्रत्याशियों में से आठ प्रत्याशी हैं, जिनका बाहरी दुनिया से ताल्लुक कम ही रहा है यानि, वे राजनीति या व्यवसाय आदि से दूर रही हैं। जबकि, चार प्रत्याशी ऐसी भी हैं जो राजनीति के साथ-साथ जॉब व अपना व्यवसाय भी कर रही हैं। इसमें कांग्रेस प्रत्याशी पुष्पा रावत का नाम पहले स्थान पर आता है और वह एसबीएन ग्रुप की चेयरपर्सन हैं। आम आदमी पार्टी की प्रत्याशी जानकी बिष्टï निजी कम्पनी में कार्यरत हैं, तो वहीं सुभाषवादी पार्टी की प्रिया गुप्ता भी निजी कम्पनी में काम करती हैं और निर्दलीय प्रत्याशी बबीता डागर अधिवक्ता हैं। भाजपा प्रत्याशी सुनीता दयाल भी गृहणी हैं, उनके अलावा पूनम यादव, निसारा खान, सविता यादव, पिंकी, शहनाज मलिक, नीतू त्यागी, नीरज ने भी काम काज के कॉलम में खुद को गृहणी बताया हैं।